हरीश चन्द्र गुप्ता की रिपोर्ट
बिलासपुर। छत्तीसगढ़ में भ्रष्टाचार के खिलाफ लगातार कार्रवाई कर रही एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) की टीम ने एक और बड़ी सफलता हासिल की है। बिलासपुर जिले में एक किसान से जमीन के सीमांकन के एवज में रिश्वत मांगने वाले पटवारी और उसके सहायक को ACB ने रंगे हाथों गिरफ्तार किया है।
सीमांकन के लिए मांगी थी 5 लाख की रिश्वत
मिली जानकारी के अनुसार, किसान वैभव सोनी अपनी 26 एकड़ जमीन, जो कि 12 खसरों में बंटी हुई थी, का सीमांकन करवाना चाहता था। इसके लिए उसने संबंधित पटवारी सुशील जायसवाल से संपर्क किया। लेकिन पटवारी और राजस्व निरीक्षक (RI) नरेश साहू ने इस कार्य के बदले 5 लाख रुपये की रिश्वत की मांग की।
किसान को यह अनुचित लगा और उसने 19 नवंबर 2024 को एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) बिलासपुर में इसकी शिकायत दर्ज कराई। शिकायत के आधार पर ACB ने सत्यापन की प्रक्रिया शुरू की, जिसमें यह पुष्टि हुई कि पटवारी और सहायक ने सच में रिश्वत की मांग की थी।
सत्यापन के दौरान चार लाख में हुई थी सौदेबाजी
सत्यापन के दौरान पटवारी सुशील जायसवाल ने 5 लाख की मांग से थोड़ा कम करते हुए 4 लाख रुपये लेने पर सहमति जताई। इस पर ACB ने योजना बनाकर किसान वैभव को 30 जनवरी को रिश्वत की पहली किश्त देने के लिए भेजा।
एक लाख लेते ही एसीबी ने दबोचा
30 जनवरी को जैसे ही किसान वैभव सोनी ने पटवारी द्वारा बताए गए स्थान पर जाकर सहायक गुलाब दास को एक लाख रुपये दिए, वैसे ही पहले से तैयार ACB की टीम ने छापा मार दिया। एसीबी ने सहायक गुलाब दास और पटवारी सुशील जायसवाल को रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया।
भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई जारी
पटवारी और सहायक के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम (Prevention of Corruption Act, 1988) की धारा 7 और 12 के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है। इस प्रकरण में राजस्व निरीक्षक (RI) नरेश साहू की संलिप्तता की भी जांच की जा रही है। यदि उनकी भूमिका संदिग्ध पाई जाती है, तो उनके खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की जाएगी।
ACB की भ्रष्टाचारियों पर कड़ी नजर
यह मामला एक बार फिर साबित करता है कि सरकारी विभागों में भ्रष्टाचार किस कदर फैला हुआ है। लेकिन ACB की लगातार हो रही कार्रवाई से भ्रष्ट अधिकारियों में डर का माहौल बन रहा है। विभाग ने जनता से अपील की है कि यदि कोई भी अधिकारी या कर्मचारी रिश्वत मांगता है, तो वे बिना झिझक इसकी शिकायत करें। ACB ऐसे मामलों में त्वरित कार्रवाई करने के लिए तैयार है।
यह कार्रवाई सरकार की भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति को दर्शाती है और भविष्य में ऐसे मामलों में और भी कठोर कदम उठाए जाने की उम्मीद है।