जगदंबा उपाध्याय की रिपोर्ट
आजमगढ़। समाजवादी पार्टी के फूलपुर विधानसभा क्षेत्र से विधायक और चार बार सांसद रह चुके रमाकांत यादव की मुश्किलें दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही हैं। राज्य अपराध अभिलेख ब्यूरो ने बुधवार को रमाकांत यादव और उनके गिरोह के 15 अन्य सदस्यों को हत्या और अपमिश्रित देसी शराब बनाने तथा उसे लाइसेंसी दुकानों पर बेचने जैसे गंभीर अपराधों में संलिप्त होने के चलते अंतरराज्यीय गैंग (आईआर गैंग) के रूप में सूचीबद्ध किया है।
जघन्य अपराधों में संलिप्तता
चकगंज अलीशाह सरावां थाना दीदारगंज निवासी रमाकांत यादव पर आरोप है कि उन्होंने अपने गिरोह के साथ मिलकर आजमगढ़, जौनपुर और लखनऊ में हत्या और मिलावटी देसी शराब बेचने जैसे जघन्य अपराधों को अंजाम दिया। इस गिरोह का उद्देश्य आपराधिक गतिविधियों के जरिए अवैध धन अर्जित करना था। राज्य अपराध अभिलेख ब्यूरो ने रमाकांत यादव के गैंग को अंतरराज्यीय गैंग के रूप में चिन्हित करते हुए इसे “आईएस-133/2025” कोड नंबर दिया है।
गैंग के सदस्य
इस गैंग में कुल 15 सदस्य शामिल हैं। इनमें रमाकांत यादव का भांजा रंगेश यादव (निवासी परतहिया थाना खुटहन, जौनपुर) भी प्रमुख भूमिका निभा रहा है। अन्य सदस्यों में थाना अहरौला के रुपाईपुर गांव के निवासी मोहम्मद फहीम, मो. नदीम, मो. कलीम, मो. नईम, मो. सलीम और नसीम नेता उर्फ नसीम का नाम भी सामने आया है।
अन्य सदस्यों की सूची
सूर्यभान (निवासी गुवाई, थाना दीदारगंज)
पुनीत कुमार यादव (निवासी चकगंज अली, थाना दीदारगंज)
रामभोज (निवासी समसल्लीपुर, थाना अहरौला)
अशोक यादव (निवासी उदपुर, कोतवाली फूलपुर)
पंकज यादव (निवासी चकगंज अली, थाना दीदारगंज)
सहबाज (निवासी माहुल, थाना अहरौला)
रविकुमार उर्फ राजकुमार (निवासी वाराणसी)
जोयंता कुमार मित्रा (निवासी उत्तर 24 परगना, पश्चिम बंगाल)
राज्य अपराध अभिलेख ब्यूरो का बयान
आजमगढ़ पुलिस अधीक्षक हेमराज मीना ने बताया कि इस गैंग के सदस्यों पर हत्या, अपमिश्रित शराब बनाने और उसे लाइसेंसी दुकानों पर बेचने जैसे गंभीर आरोप हैं। इनके इन आपराधिक गतिविधियों को देखते हुए गैंग को अंतरराज्यीय गैंग के रूप में सूचीबद्ध किया गया है। एसपी ने कहा, “इस तरह के अपराधों पर प्रभावी अंकुश लगाने के लिए कड़ी कार्रवाई की जाएगी।”
रमाकांत यादव के राजनीतिक करियर पर असर
रमाकांत यादव, जो समाजवादी पार्टी के बड़े नेताओं में से एक माने जाते हैं, उनके खिलाफ इस कार्रवाई ने न केवल उनकी राजनीतिक छवि को नुकसान पहुंचाया है, बल्कि उनके करियर पर भी गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
हत्या और अपमिश्रित शराब जैसे गंभीर अपराधों में शामिल रमाकांत यादव और उनके गिरोह पर राज्य अपराध अभिलेख ब्यूरो द्वारा की गई यह कार्रवाई कानून व्यवस्था को मजबूत बनाने की दिशा में बड़ा कदम है। अब देखना होगा कि इन आरोपों के बाद रमाकांत यादव और उनके सहयोगियों पर क्या कानूनी कार्यवाही होती है।
Author: samachar
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