…तो यूपी के इन इलाकों में से कहीं न कहीं तेल और गैस के भंडार होने की संभावना है? तहकीकात जारी है

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नौशाद अली की रिपोर्ट

उत्तर प्रदेश और बिहार की नदियों के किनारे तेल और गैस उत्पादन की संभावनाओं का पता लगाने के लिए एक महत्वपूर्ण पहल शुरू की गई है। इसे “ऑपरेशन अन्वेषण” नाम दिया गया है। इस परियोजना के तहत सबसे पहले उत्तर प्रदेश के सीतापुर जिले से सर्वेक्षण का काम शुरू होगा। इसके बाद यह अभियान गोंडा, बस्ती, गोरखपुर, मऊ और बलिया होते हुए बिहार के भोजपुर तक चलेगा।

इस अभियान के तहत संबंधित क्षेत्रों में तेल और गैस की संभावनाओं का पता लगाने के लिए 2डी भूकंपीय सर्वेक्षण किया जाएगा। इस कार्य को अंजाम देने की जिम्मेदारी अल्फा जिओ नामक भारतीय निजी कंपनी को सौंपी गई है, जिसे ऑयल इंडिया लिमिटेड द्वारा मिशन अन्वेषण के तहत ठेका दिया गया है।

कैसे होगा सर्वेक्षण?

अल्फा जिओ ने इस सर्वेक्षण के लिए अत्याधुनिक तकनीकों का उपयोग करने की योजना बनाई है। सर्वेक्षण के दौरान जमीन में छोटे विस्फोटकों के माध्यम से तरंगों का निर्माण किया जाएगा। इन तरंगों को सेंसर और विशेष सॉफ़्टवेयर की मदद से रिकॉर्ड किया जाएगा। इस प्रक्रिया से प्राप्त डाटा का विश्लेषण करके जमीन के अंदर तेल और गैस भंडार की संभावनाओं का आकलन किया जाएगा।

स्थानीय सुरक्षा और सहयोग की मांग

अल्फा जिओ ने संबंधित जिलों के पुलिस कप्तानों को पत्र लिखकर स्थानीय सुरक्षा सहयोग की मांग की है। विशेष रूप से, गोरखपुर के दक्षिणी हिस्से में इस सर्वेक्षण के दौरान पुलिस का सहयोग आवश्यक बताया गया है।

महत्वपूर्ण जानकारी

परियोजना निदेशक केएम राव ने बताया कि अल्फा जिओ देश की पहली भारतीय निजी कंपनी है, जो तेल और गैस की खोज के लिए भूकंपीय सर्वेक्षण कर रही है। उनका कहना है कि इस सर्वेक्षण से उत्तर प्रदेश और बिहार के भूभाग में तेल और गैस के भंडार की सटीक संभावनाओं का पता लगाया जा सकेगा।

सर्वेक्षण का व्यापक दायरा

सर्वेक्षण का कार्य उत्तर प्रदेश के सीतापुर से शुरू होकर बहराइच, गोंडा, बस्ती, गोरखपुर, मऊ और बलिया से होता हुआ बिहार के भोजपुर तक पहुंचेगा। इससे इन क्षेत्रों में तेल और गैस उत्पादन की संभावनाओं का सही आकलन करने में मदद मिलेगी।

परिणामों की उम्मीद

इस परियोजना से उत्तर प्रदेश और बिहार में आर्थिक विकास को गति मिलने की उम्मीद जताई जा रही है। यदि तेल और गैस के भंडार मिलते हैं, तो यह न केवल इन राज्यों की ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करेगा, बल्कि क्षेत्रीय रोजगार और उद्योगों को भी बढ़ावा देगा।

“ऑपरेशन अन्वेषण” भारत की ऊर्जा आत्मनिर्भरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकता है।

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Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

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