ठाकुर बख्श सिंह की रिपोर्ट
लखनऊ के चिनहट इलाके में स्थित इंडियन ओवरसीज बैंक की शाखा में शनिवार रात चोरों ने बड़ी वारदात को अंजाम दिया। चोर बैंक की दीवार काटकर अंदर घुसे और 42 लॉकर तोड़कर करोड़ों रुपये मूल्य के जेवर और अन्य सामान चुरा ले गए। रविवार दोपहर जब घटना का पता चला, तो बैंक स्टाफ और पुलिस मौके पर पहुंची। इस दौरान कई लॉकर धारक भी बैंक पहुंचे, लेकिन उन्हें जांच के कारण ज्यादा जानकारी नहीं दी गई।
सोमवार को लॉकर धारकों की भीड़
सोमवार सुबह से ही बैंक के बाहर लॉकर धारकों की भारी भीड़ जुट गई। कुछ लोगों को बैंक से कॉल आया था, जबकि कई लोग अखबार में खबर पढ़कर पहुंचे थे। घटना के बाद लोगों के चेहरों पर चिंता और निराशा साफ झलक रही थी। कई लॉकर धारकों ने बताया कि उन्होंने अपनी जिंदगी भर की कमाई से बनवाए गए गहने और जरूरी दस्तावेज सुरक्षा के लिए लॉकर में रखे थे, लेकिन अब सबकुछ चोरी हो गया है।
पीड़ितों की आपबीती
कुलदीप राज ने बताया कि रविवार सुबह बैंक से फोन आया और लॉकर के दस्तावेज लेकर आने को कहा गया। जब बैंक पहुंचे तो पता चला कि उनके लॉकर में रखे 20 लाख रुपये के गहने चोरी हो गए हैं। उनका कहना है, “हमने यह लॉकर अपने बेटे के साथ संयुक्त नाम पर लिया था। अब समझ नहीं आ रहा कि क्या करें।”
आनंद श्रीवास्तव ने बताया कि उनके लॉकर में बेटियों की शादी के लिए बनाए गए गहने और परिवार के पुश्तैनी जेवर थे। उनका कहना है, “इतने वर्षों की मेहनत एक झटके में खत्म हो गई। इससे अच्छा होता कि हम गहने घर में ही रखते। अब बेटियों की शादी कैसे होगी, यह सोचकर दिल बैठा जा रहा है।”
नीरज कुमार मिश्रा, जो एक निजी नौकरी करते हैं, ने बताया कि उन्होंने बड़ी मुश्किल से आठ लाख के गहने बनवाए थे और उन्हें सुरक्षित रखने के लिए लॉकर में रखा था। उन्होंने कहा, “इस चोरी से अब मैं रिश्तेदारों को क्या जवाब दूंगा, जिनके गहने भी मैंने लॉकर में रखे थे।”
रविंद्र प्रताप चौधरी ने बताया कि उन्होंने अपनी पत्नी और बेटे के नाम दो लॉकर लिए थे। लेकिन जब बैंक जाकर देखा तो दोनों लॉकर खाली थे। कंचन, जिनके शादी के समय मिले और बाद में बनाए गए गहने भी चोरी हो गए, का कहना है, “हमने सोचा था कि ये गहने बच्चों की शादी में काम आएंगे, लेकिन अब सब खत्म हो गया। बैंक में भी गहने सुरक्षित नहीं हैं।”
नुकसान की भरपाई को लेकर नाराजगी
घटना के बाद बैंक प्रशासन की कार्यशैली पर भी सवाल उठ रहे हैं। लॉकर धारकों का कहना है कि चोरी की घटना के बावजूद उन्हें समय पर सूचना नहीं दी गई और न ही कोई स्पष्ट जवाब दिया जा रहा है कि नुकसान की भरपाई कैसे होगी। उमाशंकर पांडेय ने बताया कि उनकी बेटी के नाम पर लॉकर था, जिसमें करीब 10 लाख रुपये के गहने रखे थे। उन्होंने कहा, “रविवार को बैंक गए थे, लेकिन अधिकारियों ने कोई जानकारी नहीं दी। अब पता चला कि सबकुछ चोरी हो गया है।”
पुलिस जांच जारी
पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है और बैंक प्रशासन से भी पूछताछ की जा रही है। चोरी की इस बड़ी घटना ने सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। लॉकर धारक अब उम्मीद कर रहे हैं कि बैंक या पुलिस उनके नुकसान की भरपाई का कोई रास्ता निकालेगी।