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27 December 2024 8:13 am

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रेलवे सेक्शन इंजीनियर 50 हजार रुपए रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार

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चुन्नीलाल प्रधान की रिपोर्ट

पूर्वोत्तर रेलवे के गोंडा जंक्शन स्थित रेलवे ट्रैक डिपो में बुधवार को सीबीआई की लखनऊ एंटी करप्शन विंग ने अचानक छापा मारकर बड़ी कार्रवाई की। इस छापेमारी के दौरान टीम ने रेलवे के सीनियर सेक्शन इंजीनियर अरुण कुमार मिश्रा को 50 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। इस अप्रत्याशित कार्रवाई से रेलवे विभाग में हड़कंप मच गया और अधिकारी सकते में आ गए।

ठेकेदार की शिकायत पर हुई कार्रवाई

सूत्रों के अनुसार, यह छापेमारी एक ठेकेदार की शिकायत के आधार पर की गई थी। आरोप है कि सेक्शन इंजीनियर अरुण कुमार मिश्रा रेलवे के सामानों की लोडिंग और अनलोडिंग के काम के बदले ठेकेदार से रिश्वत की मांग कर रहे थे। ठेकेदार ने सीबीआई की एंटी करप्शन यूनिट को इस रिश्वतखोरी की जानकारी दी थी, जिसके बाद एंटी करप्शन टीम ने पूरा जाल बिछाकर यह कार्रवाई की।

बिना किसी को भनक लगे की गई छापेमारी

सीबीआई की टीम ने बुधवार दोपहर करीब 12 बजे गोंडा जंक्शन के लोको शेड स्थित रेलवे ट्रैक डिपो पर पहुंचकर छानबीन शुरू की। इस छापेमारी की भनक रेलवे के किसी भी अधिकारी को पहले से नहीं लगी थी। सीबीआई टीम लगभग दो घंटे तक डिपो में मौजूद रही और गहन जांच-पड़ताल करती रही। इस दौरान टीम ने ट्रैक जांच मशीन को भी जब्त कर लिया।

रेल विभाग में मचा हड़कंप

सीबीआई की इस अचानक कार्रवाई के बाद पूरे रेल विभाग में अफरा-तफरी मच गई। विभाग के अधिकारी और कर्मचारी सकते में आ गए और पूरे दिन रेलवे परिसर में चर्चा का माहौल बना रहा। जब रेलवे के क्षेत्रीय प्रबंधक से इस मामले के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, “हमें अभी तक सीबीआई की तरफ से कोई आधिकारिक जानकारी नहीं मिली है। जितनी जानकारी आपके पास है, उतनी ही हमारे पास भी है। इसलिए फिलहाल हम इस विषय पर कुछ भी टिप्पणी नहीं कर सकते।”

अधिकारी चुप्पी साधे रहे

गिरफ्तारी के बाद सीबीआई की टीम अरुण कुमार मिश्रा को अपने साथ ले गई और उनसे पूछताछ की जा रही है। हालांकि, रेलवे के किसी भी वरिष्ठ अधिकारी ने इस मामले पर कुछ भी बोलने से इनकार कर दिया।

रेलवे में भ्रष्टाचार की कड़ी पर कड़ा प्रहार

गौरतलब है कि रेलवे विभाग में लंबे समय से भ्रष्टाचार की शिकायतें सामने आती रही हैं, लेकिन इस बार सीबीआई की इस त्वरित कार्रवाई ने विभाग में खलबली मचा दी है। सीबीआई की इस कार्रवाई को रेलवे में भ्रष्टाचार के खिलाफ एक कड़े कदम के रूप में देखा जा रहा है।

अब देखना यह होगा कि इस मामले की आगे की जांच में और कौन-कौन से नाम सामने आते हैं और क्या रेलवे विभाग इस प्रकार की अनियमितताओं पर अंकुश लगाने के लिए कोई ठोस कदम उठाता है या नहीं। सीबीआई की इस कार्रवाई से रेलवे के अन्य अधिकारियों और कर्मचारियों के बीच भी सख्ती का संदेश गया है।

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