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November 22, 2024 1:03 pm

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उन्नाव का हरित सपना : एकजुटता से पर्यावरण की नई शुरुआत

20 पाठकों ने अब तक पढा

ठाकुर बख्श सिंह की रिपोर्ट

लखनऊ। उन्नाव में “ग्रीन एंड क्लीन उन्नाव” मुहिम का असर स्पष्ट नजर आ रहा है। यह मुहिम न केवल पर्यावरण की सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि स्थानीय समुदाय में एकता और जागरूकता का भी प्रतीक है। शिक्षकों और छात्रों के सामूहिक प्रयासों से वृक्षारोपण की प्रक्रिया तेजी से बढ़ रही है, जो सभी के लिए प्रेरणादायक है।

सामूहिक वृक्षारोपण

सफीपुर के प्राथमिक शिक्षक संजीव संखवार ने बीआरसी परिसर में नीम के पौधे रोपित किए, वहीं हसनगंज के बीईओ मनींद्र कुमार के साथ शिक्षकों ने कदंब और चितवन के पौधे भी लगाए। यह देखकर स्पष्ट होता है कि शिक्षकों का यह प्रयास न केवल विद्यालयों की सुंदरता बढ़ाएगा, बल्कि पर्यावरण को भी स्वस्थ बनाएगा।

जागरूकता और प्रशिक्षण

बीईओ मनींद्र कुमार ने शिक्षकों को गांवों में जागरूकता फैलाने का संदेश दिया, जो इस मुहिम की सफलता के लिए बेहद जरूरी है। इसके साथ ही, एफएलएन प्रशिक्षुओं ने भी इस कार्य में सक्रिय भागीदारी निभाई। यह शिक्षकों का सामूहिक प्रयास ही है जो “ग्रीन एंड क्लीन उन्नाव” के सपने को साकार कर रहा है।

अनूप मिश्रा और प्रदीप वर्मा की भूमिका

सीनियर सब इंस्पेक्टर अनूप मिश्रा और शिक्षक प्रदीप वर्मा इस मुहिम के प्रमुख प्रेरक हैं। अनूप मिश्रा, जिन्हें “ट्री मैन” के नाम से जाना जाता है, पिछले 30 वर्षों से पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में कार्यरत हैं। उन्होंने बताया कि विभिन्न विकासखंडों में बीईओ के साथ मिलकर वृक्षारोपण का संदेश देना अत्यंत महत्वपूर्ण है।

प्रदीप वर्मा ने भी इस मुहिम में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, जिसमें 140 से अधिक विद्यालयों में वृक्षारोपण किया गया है। उन्होंने बताया कि प्रत्येक विद्यालय के 12 बच्चे “ग्रीन ब्रिगेड” में शामिल होकर जागरूकता का संदेश फैला रहे हैं।

एक वरीष्ठ पत्रकार ने ट्री मैन को अपनी राय सुझाया है कि, अनूप मिश्रा और प्रदीप वर्मा को यह सुनिश्चित करना चाहिए, 

स्थायी विकास 

वृक्षारोपण के बाद पौधों की देखभाल का ध्यान रखा जाए। स्थानीय समुदाय को पौधों की देखभाल में शामिल करना महत्वपूर्ण है।

जागरूकता कार्यक्रम

गांवों में और अधिक जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाएं, ताकि सभी लोग इस मुहिम में भागीदार बन सकें।

स्कूलों में पाठ्यक्रम में शामिल करें 

पर्यावरण संरक्षण को स्कूलों के पाठ्यक्रम में शामिल करना चाहिए, जिससे बच्चों में बचपन से ही जागरूकता पैदा हो सके।

स्थानीय संसाधनों का उपयोग

पौधों की वृद्धि के लिए स्थानीय संसाधनों का इस्तेमाल किया जाए, ताकि यह मुहिम आर्थिक रूप से भी सफल हो।

“ग्रीन एंड क्लीन उन्नाव” केवल एक मुहिम नहीं, बल्कि एक आंदोलन है, जो सामूहिकता, जागरूकता और पर्यावरण संरक्षण को एक साथ लाता है। अनूप मिश्रा और प्रदीप वर्मा जैसे शिक्षकों की मेहनत और प्रयास से यह सपना सच होता दिख रहा है। इस दिशा में आगे बढ़ते रहना सभी के लिए आवश्यक है।

samachar
Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

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