google.com, pub-2721071185451024, DIRECT, f08c47fec0942fa0
गाजियाबाद

चादर के सहारे लोगों की तिजोरियां खाली करने वाले इस “चादर गैंग” ने इलाके में फैला रखा है अपना खौफ… 

IMG-20250425-WA1484(1)
IMG-20250425-WA0826
IMG-20250502-WA0000
Light Blue Modern Hospital Brochure_20250505_010416_0000
IMG_COM_202505222101103700

चुन्नीलाल प्रधान की रिपोर्ट

गाजियाबाद के इंदिरापुरम इलाके में एक बेहद शातिर और संगठित चोरों के गिरोह ने लग्जरी घड़ियों के शोरूम से करीब तीन करोड़ रुपये की घड़ियां चुराईं। 

इस गिरोह को ‘चादर गैंग’ कहा जाता है क्योंकि ये लोग चोरी के दौरान शोरूम या दुकान के शटर के आगे चादर लगा देते हैं, ताकि किसी को चोरी का पता न चले। 

पुलिस ने घटना के 18 दिन बाद इस गैंग के दो सदस्यों को गिरफ्तार किया है। 

गिरफ्तार किए गए अपराधियों के पास से चोरी की 125 घड़ियां बरामद की गई हैं, जिनकी कीमत करीब 46 लाख 36 हजार रुपये बताई जा रही है। 

इस मामले में पुलिस का कहना है कि कुल दस बदमाशों ने मिलकर इस चोरी को अंजाम दिया था। डीसीपी ट्रांस हिंडन निमिष पाटिल ने बताया कि यह वारदात 11 अगस्त को साईं क्रिएशन शो रूम में हुई थी। 

गिरफ्तार किए गए बदमाश बिहार के घोड़ाहसन गांव के रहने वाले हैं और पहले ठेला लगाकर अपनी आजीविका चलाते थे। 

इसी दौरान उनकी पहचान कई अन्य अपराधियों से हुई और उन्होंने चोरी करना शुरू कर दिया। यह चोर गिरोह चोरी किए गए माल को नेपाल में बेचता है। 

चोरी से पहले ये लोग नोएडा के सेक्टर-63 में एक किराये का कमरा लेकर पूरी प्लानिंग करते थे। 

पुलिस द्वारा की गई जांच में यह बात सामने आई है कि इस गिरोह के लोग किसी भी वारदात से पहले उस इलाके में जाकर मजदूर के रूप में कमरा किराये पर लेते हैं और चोरी की योजना बनाते हैं। 

इस मामले में भी संतोष जायसवाल, सचिन नेपाली, प्रमोद नेपाली, और आसामी उर्फ संतोष ने नोएडा में कमरा किराये पर लेकर साईं क्रिएशन शोरूम की रेकी की और फिर चोरी को अंजाम दिया। 

गिरोह का संचालन बहुत ही संगठित तरीके से होता है। चोरी के दिन ये लोग अपने मोबाइल बंद कर देते हैं और पब्लिक ट्रांसपोर्ट का इस्तेमाल करते हैं। 

चोर शोरूम के बाहर पहुंचने के बाद शटर के आगे चादर लगा देते हैं और फिर शटर उठाकर अंदर घुसते हैं। इस मामले में भी संतोष उर्फ आसामी और प्रमोद ने अंदर जाकर घड़ियां चुराईं और फरार हो गए। 

चोरी के दौरान ये लोग एक दूसरे से कोड वर्ड में बात करते हैं। जो बदमाश अंदर जाता है, उसे ‘प्लेयर’ कहा जाता है और जो बाहर निगरानी करता है, उसे ‘फील्डर’ कहा जाता है। अगर कोई खतरा महसूस होता है, तो ये लोग सीटी बजाकर संकेत देते हैं, जिससे सभी बदमाश तुरंत वहां से भाग निकलते हैं। 

पुलिस अधिकारी का कहना है कि यह गिरोह साल में 2-3 बड़ी वारदातें करता है और उसके बाद नेपाल में जाकर छिप जाता है। 

इस गिरोह ने उत्तराखंड, महाराष्ट्र जैसे अन्य राज्यों में भी इसी तरह की बड़ी चोरी की वारदातें की हैं। चादर गैंग का मास्टरमाइंड संतोष जायसवाल पहले भी कई बार जेल जा चुका है और उस पर 1 लाख रुपये का इनाम भी रखा गया था। पुलिस अब इस मामले में उनके अन्य साथियों और नेपाल में उनकी मदद करने वाले लोगों की तलाश में जुटी है।

111 पाठकों ने अब तक पढा
samachardarpan24
Author: samachardarpan24

जिद है दुनिया जीतने की

[embedyt] https://www.youtube.com/embed?listType=playlist&list=UU7V4PbrEu9I94AdP4JOd2ug&layout=gallery[/embedyt]
Tags

samachardarpan24

जिद है दुनिया जीतने की
Back to top button
Close
Close