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December 5, 2024 7:57 am

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18वीं लोकसभा के तीसरे दिन अखिलेश यादव ने पहले भाषण में ऐसा क्या कह दिया कि ओम बिरला को चुभ सकती थी… ! 

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विनीता सिंह की रिपोर्ट

18वीं लोकसभा के तीसरे दिन समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और कन्नौज से सांसद अखिलेश यादव ने सदन में अपना पहला भाषण दिया। इससे पहले, भारतीय जनता पार्टी नीत एनडीए के स्पीकर उम्मीदवार ओम बिरला ने अपनी जीत दर्ज की।

ओम बिरला को बधाई और अपेक्षाएं

अखिलेश यादव ने ओम बिरला को उनके निर्वाचन पर बधाई देते हुए उनसे अपील की कि उनका अंकुश सिर्फ विपक्ष पर नहीं, बल्कि सत्ता पक्ष पर भी होना चाहिए। संसद के पुराने अनुभवों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि सदस्यों के निष्कासन से सदन की गरिमा को ठेस न पहुंचे। अखिलेश ने कहा, “आप लोकतंत्र के मंदिर में न्यायाधीश हैं। मैं अपनी तरफ से और अपने साथ के सभी सदस्यों की ओर से आपको शुभकामनाएं देता हूं। जिस पद पर आप आसीन हैं, उससे बहुत गौरवशाली परंपराएं जुड़ी हुई हैं। बिना भेदभाव के आगे बढ़ें और लोकसभा अध्यक्ष के रूप में आप हर सांसद और हर दल को बराबरी का मौका दें।”

निष्कासन और गरिमा की बात

अखिलेश यादव ने अपने भाषण में विशेष रूप से यह बात रखी कि निष्कासन जैसी कार्रवाई से सदन की गरिमा को ठेस न पहुंचे। उन्होंने कहा, “हम सबकी आपसे अपेक्षा है कि निष्कासन जैसी कार्रवाई से सदन की गरिमा को ठेस न पहुंचे। आपका अंकुश विपक्ष पर तो रहता ही है, सत्तापक्ष पर भी रहे। अध्यक्ष महोदय, आपके इशारे पर सदन चले, इसका उल्टा न हो। हम आपके हर न्यायसंगत फैसले के साथ हैं।”

राहुल गांधी का बयान

अखिलेश यादव के भाषण से पहले, विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने भी ओम बिरला को उनकी जीत पर बधाई दी। राहुल गांधी ने कहा, “मैं आपको दूसरी बार निर्वाचित होने के लिए बधाई देना चाहता हूं। मैं आपको पूरे विपक्ष और भारत गठबंधन की ओर से बधाई देना चाहता हूं। यह सदन भारत के लोगों की आवाज का प्रतिनिधित्व करता है और आप उस आवाज के अंतिम निर्णायक हैं। सरकार के पास राजनीतिक शक्ति है, लेकिन विपक्ष भी भारत के लोगों की आवाज का प्रतिनिधित्व करता है और इस बार विपक्ष ने पिछली बार की तुलना में भारतीय लोगों की आवाज का अधिक प्रतिनिधित्व किया है।”

सदन में विश्वास और सहयोग की आवश्यकता

राहुल गांधी ने आगे कहा, “विपक्ष आपके काम करने में आपकी सहायता करना चाहेगा। हम चाहते हैं कि सदन अक्सर और अच्छी तरह से काम करे। यह बहुत महत्वपूर्ण है कि सहयोग विश्वास के आधार पर हो। यह बहुत महत्वपूर्ण है कि विपक्ष की आवाज को इस सदन में प्रतिनिधित्व करने की अनुमति दी जाए।”

इस तरह से 18वीं लोकसभा के तीसरे दिन, दोनों नेताओं ने स्पीकर ओम बिरला से निष्पक्षता और संतुलन की अपेक्षा की, ताकि सदन की गरिमा बनी रहे और हर सांसद को बराबरी का अवसर मिले।

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Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

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