अंजनी कुमार त्रिपाठी की रिपोर्ट
नगीना से सांसद चुनकर आए आजाद समाज पार्टी के मुखिया चंद्रशेखर आजाद जब मंगलवार को बतौर सांसद शपथ लेने संसद पहुंचे, तो कुछ सांसद साथियों की टिप्पणियों से वे नाराज हो गए। नाराजगी में उन्होंने स्पीकर के आसन के पास से ही उन्हें करारा जवाब दे दिया। यही नहीं, सीढ़ियों से नीचे उतरते वक्त भी उन्होंने तीखे अंदाज में सांसदों से कह दिया कि “कहने आए हैं, और सुनना पड़ेगा सबको।”
शपथ ग्रहण समारोह में हुआ विवाद
मंगलवार को जब चंद्रशेखर आजाद शपथ लेने के लिए लोकसभा में स्पीकर के आसन के पास आए, उन्होंने अपनी शपथ पूरी की। शपथ के बाद उन्होंने कहा, “नमो बुद्धाय, जय भीम, जय भारत, जय संविधान, जय मंडल, जय जौहार, जय जवान, जय किसान, भारतीय संविधान जिंदाबाद, भारतीय लोकतंत्र जिंदाबाद, भारत की महान जनता जिंदाबाद।”
सत्ता पक्ष की टिप्पणी और आजाद का जवाब
जैसे ही चंद्रशेखर आजाद ने अपनी बात पूरी की, सत्ता पक्ष की तरफ से एक सांसद ने कहा, “पूरा भाषण देंगे क्या?” प्रोटेम स्पीकर भृतहरि महताब से हाथ मिलाते वक्त ही चंद्रशेखर ने उस सांसद को टका सा जवाब दे दिया। उन्होंने कहा, “देंगे सर, इसलिए आए हैं यहां।”
सीढ़ियों से उतरते वक्त का तीखा अंदाज
चंद्रशेखर यही नहीं रुके। सीढ़ियों से नीचे उतरते वक्त अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए उन्होंने कहा, “कहने आए हैं, और सुनना पड़ेगा सबको।” इसके बाद चंद्रशेखर अपनी कुर्सी की तरफ जाने लगे, तो समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने तपाक से उनसे हाथ मिलाते हुए याद दिलाया कि आपको पुस्तिका पर साइन भी करना है।
सदन को दिया सख्त संदेश
अपने तीखे तेवरों के लिए पहचान रखने वाले चंद्रशेखर ने इस तरह पहले ही सदन को बता दिया कि वो अपनी बातों को पुरजोर तरीके से सदन के अंदर रखने वाले हैं। उन्होंने स्पष्ट कर दिया कि उनकी आवाज़ को दबाया नहीं जा सकता और वह अपने अधिकारों के लिए दृढ़ता से खड़े रहेंगे।
Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."