इरफान अली लारी की रिपोर्ट
गोरखपुर। वीजा में फर्जीवाड़ा करने के आरोप में नेपाल बॉर्डर से पकड़े गए अमेरिकी नागरिक स्कॉट बॉयड नॉक्स (60) बुधवार को जिला कारागार से रिहा हो गए। रिहाई के समय उन्होंने हाथ जोड़कर सभी को नमस्ते किया और फिर हाथ हिलाकर “गुड बाय गोरखपुर” बोलते हुए रवाना हो गए।
एसपी महराजगंज की ओर से गठित पुलिस टीम औपचारिकता पूरी कर दोपहर 12 बजे स्कॉट बॉयड नॉक्स को लेकर गई। एग्जिट कार्ड आने तक स्कॉट बॉयड महराजगंज में ही पुलिस की देखरेख में रहेगा। एग्जिट कार्ड आने पर पुलिस टीम उसे दिल्ली ले जाएगी, जहां अमेरिकी दूतावास की मदद से उसे उसके घर भेजा जाएगा। कुछ दिन पहले ही उसके दोस्त ने कोर्ट में 90 हजार रुपये जुर्माना जमा किया था, जिसकी अनुपस्थिति में उसे छह महीने अतिरिक्त सजा काटनी पड़ती।
जेलर अरुण कुमार ने बताया कि महराजगंज जेल में स्कॉट बॉयड ने कमर दर्द की शिकायत की थी, जिसके बाद उसे बीआरडी मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया था। बेहतर इलाज के लिए हाईकोर्ट के आदेश पर पांच फरवरी 2023 को स्कॉट बॉयड को महराजगंज से गोरखपुर जेल में शिफ्ट कर दिया गया था, जहां उसे जेल के अस्पताल में रखा गया था।
स्कॉट बॉयड 26 जून 2015 को भारत आया था और 2016 में वीजा की अवधि समाप्त होने के बाद भी देश नहीं छोड़ा। तीन जून 2022 को उसने बिहार की रक्सौल सीमा से नेपाल जाने का प्रयास किया, लेकिन वापस लौटा दिया गया। 15 जून 2022 को सोनौली सीमा पर पहुंचने पर पासपोर्ट जांच में जालसाजी का भंडाफोड़ हुआ और इमिग्रेशन अधिकारियों की तहरीर पर केस दर्ज कर उसे जेल भेजा गया।
गोरखपुर जेल में डेढ़ साल के दौरान स्कॉट बॉयड ने अन्य बंदियों को अंग्रेजी सिखाई और खुद हिंदी व भोजपुरी के कुछ शब्द सीख लिए। अब जिला कारागार में दो विदेशी बंदी, पाकिस्तान और बांग्लादेश के, रह गए हैं जिन्हें हाई सिक्योरिटी बैरक में रखा गया है।
Author: samachar
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