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November 23, 2024 11:02 am

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दो सहेलियों के बीच प्यार ने ऐसा मोड़ लिया कि दोनों ने कर ली शादी लेकिन फिर जो हुआ वो आप खुद पढ़ लीजिए

16 पाठकों ने अब तक पढा

इरफान अली लारी की रिपोर्ट

देवरिया। जिले में ऑर्केस्ट्रा में बतौर डांसर काम करने वाली दो युवतियों ने मंदिर में शादी रचा ली। यह दोनों युवतियां पश्चिम बंगाल के 24 परगना जिला की रहने वाली हैं।

दोनों ने अपनी शादी का पहले बाकायदा नोटरी शपथ पत्र बनवाया, उसके बाद मंदिर में शादी की। बताया जाता है कि यह दोनों युवतियां दो साल से एक साथ पति-पत्नी की तरह रहती थी।

जिले के लार मठ वार्ड निवासी भेड़ियार टोला के रहने वाले मुन्ना पाल चनुकी बाजार में आर्केस्ट्रा संचालित करते हैं। उनके यहां पश्चिमी बंगाल के ककदीप रिफ्यूजी कालोनी अक्षय नगर, दक्षिण 24 परगना निवासी दो युवतियां तीन वर्ष से उनके आर्केस्ट्रा में काम करती हैं। पिछले वर्ष से उन दोनों में गहरी दोस्ती हो गई और साथ रहने लगीं। 

दोस्ती परवान चढ़ी तो दोनों ने विवाह का निर्णय लिया।दोनों युवतियों की दोस्ती प्यार में बदल गई, दोनों एक दूसरे के साथ जीने मरने की कसमें खाली। 30 दिसंबर को आर्केस्ट्रा संचालक और उसके कुछ साथी मझौली राज के दीर्घेश्वर नाथ मंदिर पहुंचे और दोनों युवतियों का शादी करने की बात कहीं, लेकिन मंदिर के महंत जगरनाथ महराज ने मामला पेचीदा होने से मना कर दिया।

कानूनी कारवाई कर मंदिर में की शादी

उसके बाद मायूस होकर सभी लोग वापस लौट गए। मायूस युवतियां अपने साथियों संग भाटपार रानी तहसील पहुंचकर स्टांप लिया नोटरी बयान हल्फी तैयार कराया।

इसके बाद मझौली राज के भगड़ा भवानी मंदिर में देवी प्रतिमा को साक्षी मानकर एक दूसरे को माला पहनाकर पति पत्नी के रूप में स्वीकार किया और साथ निभाने का वादा किया।

एक ने पहनी शेरवानी, दूसरे ने साड़ी

एक युवती ने दूसरी युवती के मांग में सिंदूर भी भरी। इतना ही नहीं एक युवती वर के ड्रेस यानी शेरवानी और सर पर टोपी तो वही दूसरी युवती ने शादी का जोड़ा यानी साड़ी पहन रखी थी। अब ये समलैंगिक शादी पूरा क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है। 

इस शादी को देखने के लिए मंदिर में लोगों की काफी भीड़ भी इकट्ठा हो गई थी। 

वहां पुजारी ने कहा कि डीएम से अनुमति पर यहां शादी होगी। इसके बाद दोनों ने भगड़ा-भवानी माता मंदिर में शादी करने का फैसला किया। 

युवतियों का कहना है कि उन्हें किसी की परवाह नहीं। अगर किसी को इसमें परेशानी है तो उन्हें जिंदगी के ही बंधन से मुक्त कर दिया जाए।

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Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

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