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10 January 2025 1:12 am

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युवतियों ने रैली निकाली, पर्चे बांटी और महिला हिंसा की बढ रही घटनाओं का जमकर किया विरोध

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संतोष कुमार सोनी की रिपोर्ट

बांदा, 16 दिनों की सक्रियता एक अंतरराष्ट्रीय समाज के नेतृत्व वाला अभियान है यह जो हर साल 25 नवंबर को महिलाओं के खिलाफ हिंसा के उन्मूलन के लिए अंतरराष्ट्रीय दिवस शुरू होता है। यह 10 दिसंबर मानवाधिकार दिवस पर समाप्त होता है।

यह बातें जागरूकता रैली के दौरान वनांगना संस्था की वरिष्ठ संदर्भदाता समूह शबीना मुमताज ने कहीं।

उन्होंने बताया कि उनकी संस्था ने 25 नवंबर से उसकी शुरुआत की है। नरैनी ब्लॉक के 15 गावं में यह अभियान चलेगा।

“तरंग मेरे सपने मेरे उड़ान” कार्यक्रम की युवातियों ने महिला हिंसा के विरोध में नरैनी में रैली निकाली। इसमें जमवारा, नसेनी, गोरेपुरवा, पटेलनगर, चंद्रनगर, पडमई,, सकरीहा, लहुरेटा, शंकर बाज़ार, पुकारी की 30 युवातियाँ शामिल रहीं।

लखनऊ की सहयोग संस्था से आईं आराधना सिंह व रजनी ने युवतियों, महिलाओं एवं पुरूषों के साथ चर्चा करते हुए कहा कि घरेलू हिंसा, शारीरिक उत्पीड़न, यौन उत्पीडन, आर्थिक उत्पीडन, मानसिक उत्पीड़न से 10 में से तीन महिलाएं घरेलू हिंसा का शिकार हो रही हैं। महिलाओं को शरीरिक हिंसा के साथ ही मानसिक हिंसा के प्रति जागरूक करना बेहद जरूरी है। साथ ही महिला हिंसा को रोकने के लिए पुरुषो का महिला हिंसा के प्रति सवेदनशील होना भी ज़रूरी है।

शोभा देवी ने कहा कि वनांगना द्वारा चलाए जा रहे तरंग मेरे सपने-मेरी उडान कार्यक्रम के तहत यह अभियान 10 दिसंबर तक चलेगा। थाने के सामने रैली का समापन हुआ। कार्यक्रम की मुख्य भूमिका समरीन और शिफा ने निभाई।

इस मौके पर संस्था कार्यकर्ता श्यामकली, राधेश्यम, रानी देवी, शिवशंकर व वालेंटियर कुलदीप शामिल रहे। तरंग कार्यक्रम लीडर रीमा, समरीन, सीरिन, रूबी, निशा, आरती, नीता, लक्ष्मी, वंदना, कुसुमा, सिलोचना, लीलावती मुबीना, नेहा ने रैली की अगुवाई की।

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Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

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