आत्माराम त्रिपाठी की रिपोर्ट
उत्तर प्रदेश के बस्ती सदर तहसील में तैनात एक महिला मजिस्ट्रेट के साथ जो हुआ वो दिल दहला देने वाला था, लेकिन अब तक आरोपी नायब तहसीलदार घनश्याम शुक्ला की गिरफ्तारी नहीं होना जिला प्रशासन की मंशा पर सवाल भी खड़े कर रहा है। पीड़िता ने आरोपी की गिरफ्तारी नहीं होने पर एक वीडियो एक्स पर जारी कर मुख्यमंत्री से न्याय की गुहार लगाई है। पीड़िता मजिस्ट्रेट ने कहा कि बड़ी मुश्किल से एफआईआर दर्ज हुई। मजिस्ट्रेट के सामने 164 का बयान भी दर्ज हो गया, लेकिन बयान दर्ज होने के तीन दिन बाद भी अब तक आरोपी की गिरफ्तारी नहीं हुई। पीड़िता ने जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन पर आरोपी को संरक्षण देने का गंभीर आरोप लगाया है। पीड़िता ने अब मुख्यमंत्री से न्याय दिलाने की मांग की है।
अखिलेश यादव ने बीजेपी सरकार पर बोला हमला
उत्तर प्रदेश में जब एक पीसीएस महिला अधिकारी वीडियो के जरिये एक-दूसरे अधिकारी के द्वारा उसके घर में घुसकर उसकी अस्मिता और जीवन के लिए खतरा बनने की बात कह रही हो, लेकिन उसकी एफआईआर तक लिखने में कई दिन लग गए हों तो भाजपा सरकार बताए कि ‘नारी शक्ति वंदन’ के ढोंग का नाटक वो क्यों कर रही है। ये एक बेहद गंभीर मामला है क्योंकि आम जनता के लिए प्रशासनिक अधिकारी ही सरकार का चेहरा होते हैं अगर वो अधिकारी ख़ुद ही असुरक्षित और पीड़ित होंगे तो जनता सरकार में रहा-सहा विश्वास भी खो देगी। समाजवादी पार्टी समस्त निष्ठावान अधिकारियों के समर्थन में खड़ी होकर, शीघ्र दंडात्मक-निर्णायक कार्रवाई की मांग करती है।
घटना 12 नवंबर को घटी
12 नवंबर की रात महिला मजिस्ट्रेट अपने क्वार्टर पर अकेली थी। रात एक बजे आरोपी नायब तहसीलदार लेडी मजिस्ट्रेट के घर पर जा धमका। आरोपी ने दरवाजा खटखटाया, लेकिन देर रात होने की वजह से लेडी नायब तहसीलदार ने दरवाजा नहीं खोला, जिसके बाद आरोपी नायब घर के पीछे पहुंच गया। दरवाजा तोड़कर घर में घुस गया। पीड़िता ने तहरीर में बताया कि घर में जबरन घुसने के बाद उसने पहले थप्पड़ से पीटा, फिर उसके साथ जबरदस्ती करने लगा। विरोध करने पर शरीर के कई हिस्सों पर दांत से कटा। उसके बाद फर्श पर पटक दिया और जबरन दुष्कर्म की कोशिश करने लगा। विरोध करने पर गला दबा कर हत्या की कोशिश की।
15 नवंबर को दर्ज कराया मुकदमा
पुलिस को दी गई तहरीर में लेडी नायब तहसीलदार ने बताया कि मैं तीन दिन तक घर में डरी सहमी रही। किसी को कुछ नहीं बताया। 15 नवंबर को तीन दिन का अवकाश लेकर अपने माता-पिता के पास चली गई। उसके बाद मैंने अपने परिजनों को पूरी बात बताई, जिसके बाद परिजनों ने आगे बढ़कर मामले की शिकायत थाने में दर्ज कराई।
डीएम और एसपी पर एमएलसी ने लगाए गंभीर आरोप
बस्ती सदर तहसील में तैनात महिला नायब तहसीलदार के साथ हुई घटना को लेकर अब राजनीति भी तेज हो गई है। आरोपी नायब तहसीलदार घनश्याम शुक्ला की अब तक गिरफ्तारी न होने पर बीजेपी एमएलसी देवेंद्र प्रताप सिंह ने जिला प्रशासन की मंशा पर सवाल उठाते हुए गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि आरोपी को कलेक्टर और कप्तान का संरक्षण प्राप्त है। पीड़िता का 164 का बयान ही आरोपी की गिरफ्तारी का पर्याप्त आधार है। जिले के आला अधिकारी आरोपी को बचाने का प्रयास कर रहे हैं। डीएम और एसपी जो कुछ कर रहे हैं, वह अपराध की श्रेणी में आता है।
Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."