दुर्गा प्रसाद शुक्ला की रिपोर्ट
‘उसने मेरे बाल पकड़े, धक्का दिया और मेरा लैपटॉप बैग छीनने की कोशिश की। मैं काम पर जाने के लिए टैक्सी से जा रही थी। उसने मेरी आंखों पर भी हमला करने की कोशिश की। मैंने बचने के लिए अपने हाथ आगे कर दिए। इस कारण हाथ बुरी तरह जख्मी हो गए और कई टांके लगाने पड़े… दिल्ली की 23 साल की प्राची मलिक ने अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद जो आपबीती सुनाई उसने रोंगटे खड़े कर दिए। वह अब भी अपने हाथ नहीं हिला पा रही हैं और तरल आहार ही ले रही हैं। डॉक्टरों ने बताया है कि उन्हें पूरी तरह से ठीक होने में करीब 6 महीने लगेंगे। साउथ दिल्ली के लाडो सराय में एक हफ्ते पहले टैक्सी के अंदर उस शख्स ने प्राची मलिक पर कम से कम 20 बार चाकू से वार किया था। मलिक ने बताया कि 11 अक्टूबर को हमले से एक दिन पहले हमलावर गौरव पाल उसे लगातार फोन करता जा रहा था। वह काम पर थी इसलिए उसे मजबूरन अपना मोबाइल बंद करना पड़ा। उसके घर पहुंचने के बाद भी फोन आते रहे तो मलिक ने पाल से साफ कह दिया कि अगले दिन उसे जल्दी उठना है और वह उसे सोने दे। यह कहकर प्राची ने उसका नंबर ब्लॉक कर दिया।
मलिक और पाल की मुलाकात 2021 में हुई थी। लेकिन एक साल के भीतर पाल उसे अपना काम छोड़ने और शादी के लिए दबाव बनाने लगा। उन्मादी तरीके से वह उसका पीछा करने लगा जिससे प्राची परेशान हो गई। इस साल अप्रैल से वह उससे दूरी बनाने लगी। उस रात पाल का नंबर ब्लॉक करने के बाद मलिक ने 12 अक्टूबर को तड़के 5 बजकर 5 मिनट के लिए कैब बुक की और सो गई। सुबह वह टहलते हुए कैब ड्राइवर से बात करते हुए वेट कर रही थी। उसी समय पाल पीछे से आया और उसका फोन छीन लिया। मलिक ने TOI को बताया, ‘कुछ लोगों ने देखा तो ‘चोर चोर’ चिल्लाना शुरू कर दिया और उसे पकड़ लिया। उससे मेरा फोन वापस मिला तो लोगों ने उसे जाने दिया लेकिन वह मेरा पीछा करने लगा। जब मैं अपनी कैब की तरफ तेजी से बढ़ी तो उसने मेरे बाल खींचे और धक्का दे दिया। उसने मेरा लैपटॉप बैग लेने की कोशिश की। खुद को उससे छुड़ाकर मैं टैक्सी की तरफ भागी।’
प्राची ने अपने टैक्सी ड्राइवर को तुरंत गाड़ी भगाने के लिए कहा, लेकिन पाल दूसरी तरफ से अंदर घुसने लगा। प्राची ने बताया, ‘मैंने उससे कहा कि हम बाद में बात करेंगे लेकिन वह गाली देता रहा। फिर उसने एक चाकू निकाल लिया और मेरे चेहरे और दूसरी जगहों पर वार किया। उसने हमला करना तब बंद किया जब उसे कैब ड्राइवर और कुछ स्थानीय लोगों ने पकड़ लिया।
तू बची तो मैं फिर आऊंगा…
लोगों ने पकड़ा फिर भी वह धमकी देता रहा। पाल ने कहा कि वह छुरा घोंपने से अब बचेगी नहीं। अगर बची तो वह उसे मारने के लिए फिर आएगा। मलिक ने कहा, ‘मैं नहीं चाहती कि वह जेल से बाहर आए। मैं नहीं चाहती कि कोई भी महिला इस तरह की पीड़ा से गुजरे।’ उन्होंने कहा कि मैंने उससे कहा था कि मैं काम करना चाहती हूं और अपनी मां की मदद करना चाहती हूं। मां पर ही मेरे चार भाई-बहनों की जिम्मेदारी है। परिवार एक महीने पहले ही लाडो सराय के नए घर में शिफ्ट हुआ थे, लेकिन पाल ने पता ढूंढ लिया और उसे परेशान करने लगा।
वह पीछा कर रहा था इस डर से मलिक पिछले 3-4 महीने से वर्क फ्रॉम होम कर रही थी। सितंबर में परिवार ने परिवार ने साकेत पुलिस स्टेशन में पाल के खिलाफ शिकायत भी की था। पुलिस अधिकारियों ने दावा किया कि उन्होंने कार्रवाई नहीं की क्योंकि मामला सौहार्द्रपूर्ण तरीके से सुलझा लिया गया था।
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Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."