आत्माराम त्रिपाठी की रिपोर्ट
15 साल पहले की वो रात जब दिल्ली दहल गई थी। दूसरों खबरे बनाने वाली पत्रकार ही उस दिन खबर बन गई थी। खबर एक महिला पत्रकार की हत्या की। सबके जेहन एक ही सवाल था कौन है पत्रकार सौम्या विश्वनाथन का हत्यारा? पत्रकारों का अक्सर अपने काम को लेकर ऐसे लोगों से मिलना जुलना होता रहता है जिनके काम पाक साफ नहीं होते और ऐसे लोगों से दुश्मनी भी आम बात है। पहले यही लगा कि क्या ये हत्या किसी ऐसी ही दुश्मनी का नतीजा है, लेकिन जब केस खुलकर सामने आया तो सामने आई सौम्या विश्वनाथन के हत्यारों की हकीकत
ये तीन तस्वीर जो हम आपको दिखा रहे हैं ये हैं दिल्ली के वो दरिंदे हैं जिन्होंने सौम्या विश्वनाथन को अपना शिकार बनाया था। ये दरिंदे रात को अपने असली रूप में आते थे। सूरज ढलते गिद्ध की तरह ये दिल्ली की सड़कों पर अपनी नजरें गड़ा देते थे और खोजते थे अपना शिकार। सौम्या विश्वनाथन को 4 लोगों ने मिलकर मारा था। तीन तस्वीर तो हमारे पास है, लेकिन चौथे की तस्वीर नहीं है। सबसे पहले इन चारों के नाम जान लीजिए।
रवि कपूर, अमित शुक्ला, बलजीत सिंह मलिक और अजय कुमार ये चार नाम जुड़े हैं सौम्या विश्वनाथ की हत्या से। इन चारों को कोर्ट ने पत्रकार की हत्या का दोषी ठहराया है। उस रात ये चारों दिल्ली की सड़कों पर हर रोज की तरह अपना शिकार ढूंढ रहे थे। ये चारों चोरी, लूटपाट करके पैसा लूटते थे और इसके लिए इन्हें हत्या करने में भी कोई परहेज नहीं था।
उस रात करीब 3 बजे सौम्या अपने ऑफिस से घर के लिए निकली। वीडियोकॉन टावर में सौम्या का ऑफिस था, जबकि उसे अपने घर वसंत कुंज जाना था। सौम्या अपनी मारुति जैन कार में थी। दिल्ली की भीड़-भाड़ वाली सड़कें अब तक काफी खाली हो चुकी थीं। ये चारों भी वैगन आर कार में थे। तभी सौम्या की कार इनकी कार के नजदीक से गुजरी। बस इनकी गिद्ध वाली नजरों ने देखा कि एक लड़की अकेली कार चला रही है तो इन्होंने उसे अपना शिकार बनाने का मन बना लिया।
रवि कपूर कार चला रहा था, अमित शुक्ला उसके बगल वाली सीट में था जबकि मलिक और कुमार पीछे वाली सीट में बैठे हुए थे। रवि कपूर ने कार और तेज कर दी। इन्होंने सौम्या की कार को ओवरटेक किया। सौम्या समझ गई थी कि ये लोग उसका पीछा कर रहे हैं। सौम्या ने भी अपनी कार की स्पीड बढ़ा दी। ये भी सौम्या के पीछे अपनी कार भगाने लगे। इन्हें लगा कि ये सौम्या का पीछा नहीं कर पाएंगे तो रवि ने अपनी जेब से पिस्टल निकालकर सौम्या की कार पर गोली चला दी।
पल भर में ही गोली सौम्या के कनपटी पर जाकर लगी और फिर उसकी मौत हो गई। कार डगमगाने लगी और पास ही डिवाइडर से जाकर टकरा गई। इसके बाद ये चारों वहां से वहां से फरार हो गए। पुलिस ने अपनी जांच रिपोर्ट में बताया था कि ये 20 मिनट बाद फिर से उसी जगह पर लौटकर आए, लेकिन तब तक वहां पुलिस आ चुकी थी और पुलिस को देखकर ये चुपचाप वापस चले गए।
दिल्ली के ये दरिंदे सिर्फ सौम्या विश्वनाथन के ही कातिल नहीं है, बल्कि इन्होंने दिल्ली की सड़कों पर 2 और कत्ल भी किए जबकि कई लूटपाट के आरोप इनपर हैं। सौम्या की हत्या के कुछ समय बाद ही इन्होंने दिल्ली के कॉल सेंटर में काम करने वाली जिगिशा को भी अपना निशाना बनाया था। यहां तक कि जिगिशा की हत्या की जांच के दौरान ही ये चारों हत्यारे पुलिस के हत्थे चढ़े थे और इसी केस के बाद सौम्या मर्डर केस भी सॉल्व हो पाया था।
इसी तरह इन्होंने दिल्ली में नफीस को भी अपना निशाना बनाया था। ये लोगों की हत्या करके उनका सामान लूटते थे। ये रात में अकेले लोगों को अपना शिकार बनाते थे।
Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."