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19 January 2025 11:59 am

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आइए आपको वो दिलचस्प वाकया सुनाते हैं जब अपने ही उस्ताद के उस्ताद बन गए थे मुलायम…..

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दुर्गा प्रसाद शुक्ला की रिपोर्ट 

मुलायम सिंह यादव को राजनीति का अव्वल खिलाड़ी माना जाता था। उनके दांवपेंच के सामने विरोधी घुटने टेक देते थे। ऐसी ही एक घटना घटी जब उनको अपने ही गुरु का गुरु घोषित कर दिया गया।

छात्र जीवन से लेकर राजनीति के लम्बे सफ़र तक उनके गुरु रहे उदय प्रताप सिंह के साथ उनके तमाम किस्से चलते हैं। एक ऐसा ही वाकया हुआ जब मुलायम सिंह ने अपने गुरु को राजनीति में उतारा। नेताजी के 79 वें जन्मदिन पर उदय प्रताप सिंह ने राजनीति के शुरूआती दिनों का किस्सा सुनाया।

सांसद बनने और फिर संसद में जाने से पहले मुलायम सिंह यादव द्वारा दी गई नसीहत का जिक्र किया था। उदय प्रताप सिंह ने कहा था कि वैसे तो उन्‍होंने मुलायम सिंह यादव को पढ़ाया था लेकिन राजनीति की दुनिया में मुलायम सिंह उनके गुरु बन गए।

मुलायम सिंह यादव के जन्‍मदिन समारोह पर बगल में खड़े होकर उदय प्रताप सिंह ने कहा कि मुलायम से हमें बहुत कुछ सीखने को मिला है।

संसद में अंग्रेजी मत बोलना

उदय प्रताप सिंह ने कहा कि मुझे नेताजी ने ही पहली बार एमपी बनाया तब इन्‍होंने मुझसे कहा था कि आप अंग्रेजी के अध्यापक हैं, अंग्रेजी पढ़ाते रहे हैं, संसद में अंग्रेजी मत बोलना। आपने जिस भाषा में वोट मांगे हैं और जिन भाषा-भाषियों का प्रतिनिधित्‍व कर रहे हैं उन्‍हीं की भाषा बोलना।

जनता का काम करना है तो जनता की ड्रेस पहनो

उस समय तक मैं कोट-पैंट, सूट पहनता था, नेताजी ने कहा कि जनता का काम करना है तो जनता की ड्रेस पहननी होगी आपको। राजनीति के कई दांवपेंच मुझे इनसे सीखने को मिले हैं और इसीलिए ये अपने गुरु के भी गुरु हैं।

samachar
Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

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