रघु यादव मस्तूरी की रिपोर्ट
दुबई में एक शादी हुई जिसमें बॉलीवुड के कई फेमस स्टार्स जिनमें रणबीर कपूर, श्रद्धा कपूर, कपिल, हिना खान, टाइगर श्रॉफ जैसे नाम शामिल हुए। इन स्टार्स ने इस शादी में परफॉर्म किया। इन स्टार्स को हवाला के जरिए पैसा भिजवाया गया। शादी में खर्च हुआ करीब 200 करोड़ रुपये। शादी के लिए नागपुर से गेस्ट को ले जाने के लिए प्राइवेट जेट अरेंज करवाया गया। करोड़ रुपये में महंगा होटल बुक हुआ। आप सोच रहे होंगे कि ये शादी यूएई के किसी प्रिंस की होगी। ऐसा बिल्कुल नहीं है ये शादी थी तीन साल पहले तक छत्तीसगढ़ के भिलाई में जूस की दुकान चला रहे सौरभ चंद्राकर की।
जूस सेलर से सट्टा कारोबारी बनने की कहानी
कौन है ये सौरभ चंद्राकर और कैसे तीन साल में ये बन गया अरबों रुपये का बेताज बादशाह। तो चलिए आपको कुछ समय पीछे लेकर चलते हैं जब भिलाई में सौरभ की कपड़े की दुकान हुआ करती थी। सौरभ को सट्टेबाजी का चस्का था। वो अक्सर सट्टा लगाया करता था। कोविड के टाइम जब लॉकडाउन हुआ तो ऑफलाइन सट्टा बंद हो गया। अब सौरभ ऑनलाइन सट्टा लगाने लगा। बस यहीं से उसके दिमाग में एक खतरनाक प्लानिंग ने घर कर लिया।
महादेव ऐप के जरिए होता था सट्टे का कारोबार
ये प्लानिंग थी ऑनलाइन सट्टेबाजी के एक ऐप के शुरुआत की। सौरभ ने गेमिंग ऐप के नाम पर महादेव ऐप शुरू किया, लेकिन इस गेमिंग ऐप के जरिए वो सट्टेबाजी का काम करने लगा। उसने धीरे-धीरे इस ऐप की मदद से लोगों को सट्टे की लत लगानी शुरू की। 500 रुपये से इस ऐप में बैटिंग शुरू होती थी। इस ऐप की शुरुआत में सौरभ ने अपने एक दोस्त रवि उप्पल की भी मदद ली।
500 रुपये से लगाया जाता था शुरुआती सट्टा
इस ऐप को इस तरह से तैयार किया गया कि जब तक लोग इस सट्टे पर छोटी रकम लगाते तब तक उन्हें मुनाफा होता, लेकिन बड़ी रकम लगाने पर हार होनी तय थी। 500 रुपये से शुरुआत होने की वजह से छत्तीसगढ़ के सैकड़ों लोग इस ऐप से जुड़ने लगे। 500 रुपये लगाते और फायदा होता तो वो रकम बढ़ाते चलते। लोगों ने अपनी कमाई का बड़ा हिस्सा इसमें लगाना शुरू कर दिया। हार होने लगी, लेकिन कुछ कर नहीं सकते थे। सट्टे के कारोबार में सौरभ और उसका दोस्त रवि ऊंचाइयों को छूने लगे।
यूएई में रहकर चला रहे थे काला साम्राज्य
सौरभ चंद्राकर और रवि थोड़े समय बाद यूएई शिफ्ट हो गए और वहीं से महादेव ऐप के जरिए सट्टेबाजी का काला धंधा करने लगे। इस बीच न सिर्फ छत्तीसगढ़ बल्कि देश के कई लोग उनके इस जाल का हिस्सा बन चुके थे। लोगों ने लाखों रुपये इस सट्टे में गवा दिए थे। महादेव ऐप के सोशल मीडिया के जरिए विज्ञापन दिए जाते थे और रोज नए लोग इस कारोबार से जुड़ रहे थे। यहां तक कि सेलिब्रिटीज भी इस सट्टेबाजी के ऐप के लिए प्रमोशन करने लगे थे।
जांच में सामने आया है कि सौरभ चंद्राकर का ये काला कारोबार 20 हजार करोड़ तक पहुंच चुका है। 50 लाख से ज्यादा लोग इस सट्टेबाजी में मेंबर बन चुके हैं।
सट्टा कारोबारी से जुड़े हैं कई बॉलीवुड स्टार्स !
इसी साल फरवरी में दुबई में सौरभ चंद्राकर की ग्रांड मैरिज हुई तो ये सारी हकीकत सामने आई। फिल्म स्टार्स हवाला के जरिए करोड़ों रुपये पहुंचाए गए और फिर उन्होंने वहां पर परफॉर्मेंस दी। इस मामले में जांच शुरू हुई तो एक-एक कर बड़े-बड़े स्टार्स के नाम सौरभ चंद्राकर के सट्टेबाजी के काले कारोबार से जुड़ने लगे। इस केस में अब तक रणबीर कपूर, कपिल शर्मा, हुमा कुरैशी और हिना खान सहित 17 बड़े स्टार्स के नाम जुड़ चुके हैं और ईडी केस की जांच कर रही है।
कहां से शुरू हुई सौरभ चंद्राकर की कहानी
रायपुर से कोई तीस किलोमीटर दूर स्थित भिलाई एक इंडस्ट्रियल सिटी है। 1955 में भिलाई स्टील प्लांट के आसपास इसे बसाया गया। सौरभ चंद्राकर के पिता भिलाई नगर निगम में ग्रेड 4 कर्मचारी के रूप में काम करते थे। परिवार एक टूटे हुए घर में रहता था।
सौरभ ने लोकल स्कूल में 12वीं कक्षा तक पढ़ाई की। हालांकि, 2014 में, महज 17 साल की उम्र में, वह काम करने लगा। हिंदुस्तान टाइम्स ने अपनी रिपोर्ट में दुर्ग जिले की साइबर सेल में तैनात समित मिश्रा का हवाला दिया है। मिश्रा ने सौरभ चंद्राकर को करीब से ट्रैक किया है।
वह बताते हैं, ‘2014-2015 तक, वह आकाश गंगा नाम की बिल्डिंग में रेडीमेड कपड़ों की दुकानों में काम करता था। उस वक्त वह प्रतिमाह ₹12,000 से ₹14,000 के बीच कमाता था। मगर इससे पहले से ही वह अपने फोन पर सट्टेबाजी और जुआ खेल रहा था। उसकी उम्र के कई युवा इसमें पड़ जाते हैं। इस पॉइंट तक उसका कोई क्रिमिनल रिकॉर्ड नहीं था।’
छत्तीसगढ़ के पुलिस ऑफिसर्स को लगता है कि ‘आकाश गंगा’ में काम करते-करते हुए सौरभ अवैध सट्टेबाजी के और ऑर्गेनाइज्ड रूपों में शामिल हो गया। उसे हमेशा से क्रिकेट में दिलचस्पी थी। वह दुनिया भर के खेलों पर रुपये लगाता था।
मिश्रा ने कहा, ‘आकाश गंगा में कपड़ों की दुकानें हैं। वहां सट्टेबाजों सहित कई लोग अपना समय गुजारते हैं और संगठित सट्टेबाजी से अपनी इनकम बढ़ाते हैं। ऐसा हो सकता है कि यहीं पर चंद्राकर की मुलाकात महादेव ऐप के दूसरे प्रमोटर रवि उप्पल (उम्र 50 वर्ष) से हुई।’
2017 तक चंद्राकर को पुलिस जानने लगी थी। एचटी ने एक नेता के हवाले से लिखा कि उन्हें एक बार सौरभ के पिता का फोन आया। वह काफी परेशान थे। नेता ने बताया कि ‘उन्होंने कहा कि उनका बेटा अपने लैपटॉप पर सट्टेबाजी करते हुए पागल हो गया है और कुछ पुलिसवालों ने उसे पकड़ लिया है। उन्होंने मुझसे दखल देने का अनुरोध किया और क्योंकि मैं उनके पिता को जानता था, इसलिए कोई मामला दर्ज नहीं किया गया। यह एक छोटी सी बात थी… उस समय मुझे नहीं पता था कि क्या होने वाला है।’
महादेव ऐप की शुरुआत कैसे हुई
उप्पल उम्र में चंद्राकर से 24 साल बड़ा था। 2017 में जब वह चंद्राकर से मिला, तब तब वह भिलाई, पुणे और बैंगलोर में कई छोटे-मोटे कारोबार कर चुका था। वह एक सट्टेबाजी नेटवर्क से जुड़ा और एक ऐप बनाया। 2018 में, गेम को लेकर चंद्राकर की दिलचस्पी से प्रभावित होकर, उप्पल ने उसे अपने साथ जोड़ लिया। दोनों ने एक नेटवर्क बनाना शुरू कर दिया। कुछ ही महीनों में चंद्राकर ने भिलाई के नेहरू नगर में जूस फैक्ट्री नाम से एक रेस्तरां खोला।
2021 में जब कोरोना महामारी चरम पर थी, पुलिस ने तालपुरी इंटरनेशनल कॉलोनी में एक अवैध हिरासत की शिकायत की जांच की। जब वे कंप्यूटरों से भरे एक कमरे में पहुंचे, तब उन्हें पहली बार उन्हें ऑर्गेनाइज्ड अवैध गतिविधि के सुराग मिले। जांच से जुड़े रहे एक अधिकारी ने एचटी को बताया, ‘वे वहां से रैकेट चला रहे थे, और दुबई में पहले से ही कुछ स्थापित कर चुके थे। लेकिन मुद्दा यह था कि जैसे ही 10 मिनट की इनएक्टिविटी होती, सिस्टम दुबई से लॉग आउट हो जाता, जिससे भारत में स्क्रीन पर कुछ भी पुख्ता नहीं रह जाता। हमें शक था, लेकिन हमारे पास कोई ठोस सबूत नहीं था कि यह सट्टेबाजी थी।’
आखिरकार दुर्ग पुलिस ने 30 मार्च, 2022 को मोहन नगर में एक जगह पर दूसरी छापेमारी की। वहां न तो चंद्राकर और न ही उप्पल मौजूद थे, मगर यह साफ हो गया कि ऑपरेशन वास्तव में एक सट्टेबाजी रैकेट था, और क्रिकेट से काफी आगे निकल गया था।
अक्टूबर 2022 में प्रवर्तन निदेशालय (ED) हरकत में आया और मामला दर्ज किया। उनकी जांच में आरोप लगाया गया कि महादेव ऐप ने तीन पत्ती और पोकर जैसे कई लाइव गेम्स में अवैध सट्टेबाजी, लाइव क्रिकेट, बैडमिंटन, टेनिस और अन्य खेलों पर दांव लगाने के अवसर और यहां तक कि भारतीय चुनाव परिणामों पर दांव लगाने के लिए एक ऑनलाइन मंच प्रदान किया। एजेंसी ने चंद्राकर और चप्पल को प्राइमरी प्रमोटर्स के रूप में पहचाना और कहा कि वे दुबई में रहते और काम करते थे।
जांच में आगे कहा गया कि आरोपी कई वेबसाइटों पर कॉन्टैक्ट नंबरों का विज्ञापन करते थे और लोगों को मुनाफे का लालच देते थे। एक बार किसी ने दिलचस्पी दिखाई तो उसे कई सट्टेबाजी साइटों पर भेजा जाता था, यह इस बात पर निर्भर करता था कि वे किस पर पैसा लगाना चाहते हैं।
24 अगस्त, 2023 को, ED ने छत्तीसगढ़ से मनी लॉन्ड्रिंग मामले में चार लोगों को गिरफ्तार किया- सुनील और अनिल दम्मानी, सतीश चंद्राकर, और एक पुलिस उप-निरीक्षक चंद्र भूषण वर्मा। राजनीतिक संबंधों का आरोप लगाते हुए, उन्होंने मुख्यमंत्री बघेल के करीबी लोगों से भी पूछताछ की, जिनमें उनके राजनीतिक सलाहकार वर्मा और OSD मनीष बंछोर और आशीष वर्मा शामिल हैं। अब तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है, और तीनों ने कहा है कि उनका ऐप से कोई लेना-देना नहीं है, और वे राजनीतिक बदले के शिकार थे।
सौरभ चंद्राकर: बहुतों के सपने सच कराए
भिलाई के लोग यह तो मानते हैं कि सौरभ चंद्राकर ने सट्टेबाजी के जरिए पैसा कमाया, लेकिन फर्श से अर्श के उसके सफर की दबे मन से तारीफ भी करते हैं। पिछले चार साल के दौरान, सौरभ ने यहां के कई युवाओं को दुबई बुलाकर उन्हें अपने लिए काम करने का मौका दिया। सौरभ के पड़ोसी रहे एक व्यक्ति ने HT को बताया कि चंद्राकर ने अपने लिए काम करने के लिए करीब एक हजार लोगों को काम पर रखा था। उन्होंने कहा, ‘दुर्ग और भिलाई के कम से कम एक हजार युवा अब पूरी दुनिया में हैं।’
दुबई से लौटे ऐसे ही एक युवक ने नाम बताने से इनकार करते हुए HT से कहा कि ट्रेनीज के पहले बैच में लगभग लोग 150 थी। उसने कहा, ‘मैंने अकाउंटिंग सेक्शन में प्रति माह ₹30,000 के वेतन पर काम किया, जिसे मैं अपने माता-पिता को वापस भेज देता था। वहां पूरे भारत से युवा मौजूद थे, और मेरा ग्रुप शारजाह में एक महलनुमा विला में रहता था।’
यूएई में अपने 10 महीनों के दौरान, ऊपर वाले बंदे ने सौरभ को कभी नहीं देखा। जैसे-जैसे सौरभ की दौलत बढ़ी, उससे जुड़ी तमाम किवदंतियां बनती गईं। ऊपर वाले युवक ने बताया, ‘हमने सुना है कि वह अपनी सुरक्षा के लिए शेखों को पेमेंट करता था। किसी ने कहा कि उनके पास 40 बॉडीगार्ड्स थे और अब वह बॉलिवुड सेलेब्रिटीज के साथ उठता-बैठता है।’
ईडी ने भारत में महादेव ऐप के ऑपरेशन पर शिकंजा कसना जारी रखा है। चंद्राकर अभी भी फरार हैं।
Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."