Explore

Search
Close this search box.

Search

10 April 2025 10:17 pm

‘चांद’ पर ‘सूरज’ उगा अब क्या है नई प्लानिंग….

67 पाठकों ने अब तक पढा

अंजनी कुमार त्रिपाठी की रिपोर्ट 

चांद पर सूरज उग चुका है। पहले प्‍लान के मुताबिक इसरो को आज शाम चंद्रयान-3 के लैंडर विक्रम और रोवर प्रज्ञान को दोबारा ऐक्टिवेट करना था। हालांकि, इस योजना को टाल दिया गया है। भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी ने लैंडर और रोवर को 23 सितंबर यानी शनिवार को इन्‍हें रिऐक्टिवेट करने की कोशिश करेंगे। अभी दोनों स्‍लीप मोड में हैं। इसरो स्‍पेस एप्‍लीकेशन सेंटर के डायरेक्‍टर निलेश देसाई ने यह जानकारी दी। प्रज्ञान ने चांद पर 105 मीटर की दूरी तय की है। इसरो इससे 300 से 350 मीटर की दूरी तय कराना चाहता है। सवाल उठता है कि अगर लैंडर और रोवर ऐक्टिवेट न हुए तो क्‍या होगा?

ISRO के प्‍लान में क्‍या हो गया है बदलाव?

निलेश देसाई ने कहा कि पहले इसरो ने 22 सितंबर की शाम को (प्रज्ञान) रोवर और (विक्रम) लैंडर को फिर से ऐक्टिवेट करने की योजना बनाई थी। लेकिन, कुछ कारणों से अब इसे कल 23 सितंबर को किया जाएगा। अंतरिक्ष एजेंसी की योजना लैंडर और रोवर को स्लीप मोड से निकालकर फिर से सक्रिय करने की है। पूर्व की योजना के अनुसार, रोवर को चांद पर पहले लगभग 300-350 मीटर तक घुमाने का प्‍लान था। लेकिन, अर्थ स्‍टेशन उपलब्‍ध न होने और कुछ दूसरे कारणों से रोवर चांद पर 105 मीटर घूम चुका है। इसके जरिये अब तक काफी डेटा मिला है।

चांद का एक दिन धरती के 29 दिन के बराबर होता है। इसका मतलब यह है कि चांद का एक दिन 14 दिन और 14 रात जितना है। ऐसे में कह सकते हैं कि लैंडर और रोवर का चांद पर जीवन सिर्फ 14 दिन है। इसरो ने 4 सितंबर को लैंडर और रोवर को स्‍लीप मोड में डाल दिया था। दोनों को काम करने के लिए बिजली की जरूरत होती है। सूरज निकलने पर ही ये अपने सोलर पैनल के जरिये बिजली ले सकते हैं।

लैंडर और रोवर दोबारा ऐक्‍ट‍िवेट न हुए तो क्‍या होगा?

चूंकी अब चांद पर फिर से सूरज निकल आया है तो इसरो लैंडर और रोवर को रिऐक्‍ट‍िवेट करने की कोशिश करेगा। इसरो इसमें कामयाब हुआ तो दोनों दोबारा चांद पर काम करने में जुट जाएंगे। पहले की तरह वो चांद से जानकारियां जुटाकर धरती पर भेजेंगे। हालांकि, ऐसा न हुआ यानी अगर लैंडर और रोवर नहीं जगे तो वे भारत के राजदूत के तौर पर हमेशा के लिए चांद पर ही रहेंगे। ऐसे में हर किसी को कल के दिन का इंतजार होगा। इसरो के लिए यह काफी अहम होगा। यह चांद की और ज्‍यादा बारीकियों को जानने में मदद कर सकता है।

samachar
Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."