इरफान अली लारी की रिपोर्ट
देवरिया, राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन महिलाओं के सशक्तिकरण में एक सशक्त माध्यम बन कर उभर रहा है। योजनांतर्गत बड़ी तादाद में महिलाएं स्वयं सहायता समूह गठित कर आत्मनिर्भरता की राह पर अग्रसर हैं।
भुजौली कॉलोनी निवासी ममता कुमारी प्रसाद वर्ष 2016 में राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन के अंतर्गत लक्ष्य स्वयं सहायता समूह से जुड़ी थी। उसके उपरांत उन्होंने अपने घर पर ही छोटे स्तर पर नमकीन, बिस्किट, कोल्ड ड्रिंक इत्यादि की बिक्री से अपना स्वरोजगार प्रारंभ किया।
सितंबर 2022 में ममता ने डूडा विभाग में राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन के घटक स्वरोजगार कार्यक्रम योजना अंतर्गत अपना व्यवसाय बढ़ाने के लिए दो लाख रुपये के ऋण का आवेदन किया, जिसे सम्यक जांचों पर बैंक के माध्यम से उन्हें दिलाया गया। प्राप्त ऋण का प्रयोग ममता ने होलसेल बेकरी का कार्य आरंभ करके किया। अब वे केक व अन्य बेकरी उत्पाद की ऑनलाइन बिक्री करती हैं।
आयकर विभाग को सौंपे विवरण के अनुसार गत वित्तीय वर्ष में उनकी बेकरी ने 23.39 लाख रुपये का कारोबार किया। इससे उनके जीवन में सकारात्मक बदलाव आया। बढ़ी आय से ममता के दोनों बच्चे अच्छी शिक्षा प्राप्त कर रहे है। इस कार्य मे उनके पति हरि लाल प्रसाद सहायता करते हैं। साथ ही ममता ने स्वयं सहायता समूह की 4 महिलाओं को रोजगार भी दिया है।
पीओ डूडा विनोद मिश्रा ने बताया कि स्वरोजगार कार्यक्रम के अंतर्गत शहरी क्षेत्र के गरीबों के लिए 7 प्रतिशत अनुदान आधारित दो लाख रुपए का माध्यम से उपलब्ध कराया जाता है। अभी तक योजनान्तर्गत कुल 45 महिलाओं को स्वरोजगार हेतु ऋण उपलब्ध कराया गया है। जो महिलाएं स्वरोजगार के लिए ऋण प्राप्त करना चाहती हैं वे सिविल लाइंस रोड स्थित डूडा कार्यालय में संपर्क कर सकती हैं।
जिलाधिकारी अखंड प्रताप सिंह ने बताया कि राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन से नगरी क्षेत्र के नागरिकों के जीवन में बड़ा बदलाव आ रहा है। इस योजना का लाभ उठाकर महिलाएं सशक्त हो रही हैं। अधिक से अधिक महिलाओं को योजना का लाभ दिलाया जाएगा।
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Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."