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10 January 2025 1:21 am

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सहारे की जरूरत पड़ी तो मां को बारिश में सड़क पर छोड़कर भाग गया बेटा, बेटी ने भी मुंह फेर लिया, आगे पढ़िए क्या हुआ

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सर्वेश द्विवेदी की रिपोर्ट 

जिस मां ने जन्म दिया। पाल पोसकर बड़ा किया। अंगुली पकड़कर चलना सिखाया। उसी मां को जब बेटों के सहारे की जरूरत पड़ी तो वे उन्हें बारिश में सड़क पर छोड़कर भाग गए। पुलिस ने बेटी से सम्पर्क किया तो उसने भी मां को साथ रखने से इनकार कर दिया। भीगते हुए लावारिस सड़क पर घूम रह महिला के लिए खाकी मददगार बनी। लखनऊ (Lucknow News) में कृष्णानगर पुलिस ने महिला का इलाज करवाया। नए कपड़े दिलवाए और उन्हें वृद्धाश्रम में छत भी मुहैया करवाई।

कृष्णानगर के नहर चौराहे पर रविवार रात को एक बुजुर्ग महिला सड़क पर खड़ी बारिश में भीग रही थी। वह बदहवास थीं। कभी डिवाइडर की तरफ जातीं तो कभी सड़क किनारे खड़े होकर इधर-उधर किसी को ढूंढती नजर आतीं। रह-रह कर किसी को आवाज भी लगा रही थीं, लेकिन उनकी आवाज सुनने वाला कोई नहीं था।

फुटपाथ के दुकानदारों की नजर बारिश में भीग रही बुजुर्ग महिला पर पड़ी तो उन्होंने सूचना कृष्णानगर पुलिस को दी। मामले की जानकारी कृष्णानगर कोतवाली के प्रभारी इंस्पेक्टर विक्रम सिंह को हुई तो वे खुद साथी पुलिसकर्मियों के साथ वहां पहुंचे और महिला को अपने साथ ले आए। उनके कपड़े बदलवाकर डॉक्टर को दिखाया। खाना खिलाया। उसके बाद पूछताछ में जो सामने आया, उससे हर कोई दंग रह गया।

बुजुर्ग महिला ने अपना नाम रामबेटी मिश्रा पत्नी स्व. रामबहादुर मिश्रा बताया है। वह हरदोई जिले के सुरसा थाना क्षेत्र स्थित खरजुरहा गांव की रहने वाली हैं। उनके दो बेटे प्रकाश मिश्रा, राहुल मिश्रा और एक बेटी है। तीनों की शादी हो चुकी है। उन्होंने बताया कि वह दोनों बेटों के साथ हरदोई में रहती थीं। उनके लड़के उन्हें लावारिस छोड़कर कहीं चले गए। कृष्णानगर पुलिस ने हरदोई पुलिस से संपर्क कर छानबीन करवाई तो पता चला कि रामबेटी के दोनों बेटे पैतृक संपत्ति बेचकर कहीं जा चुके हैं। बेटों से संपर्क न होने पर पुलिस ने उनकी बेटी से बातचीत की, लेकिन उसने भी मां को साथ रखने में असमर्थता जताई।

उसके बाद पुलिस ने सोमवार को बुजुर्ग महिला का मेडिकल करवाया और उन्हें सरोजनीनगर स्थित वृद्धाश्रम भेज दिया है। पुलिस अब भी उनके बेटों से संपर्क करने का प्रयास कर रही है। कोतवाली प्रभारी का कहना है कि बेटों से बात होने के बाद ही पता चल सकेगा कि वह लोग अपनी मां को छोड़ गए या वे बिछड़ गई हैं। फिलहाल दोनों का पता नहीं चल रहा है।

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Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

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