Explore

Search

November 1, 2024 5:49 pm

युवक की मौत के बाद परिजनों ने काटा बवाल, अस्पतालकर्मियों और परिजनों ने की जमकर हाथापाई

1 Views

सुमित गुप्ता की रिपोर्ट 

बिलासपुर। देर शाम करीब तोरवा थाना स्थित स्वास्तिक अस्पताल में एक युवक की मौत के बाद जमकर हंगामा हुआ है। परिजनों और अस्पताल प्रबंधन के बीच जमकर हाथापाई हुई है।

बताया जा रहा है कि पहले परिजनों ने पहले हाथ छोड़ा। एक नर्स को चोट पहुंची। बीच बचाव के दौरान दोनो गुट आपस में भिड़ गए। डाक्टरों की टीम ने भी मृतक के परिजनों के साथ मारपीट किया।

खबर के बाद पुलिस मौके पर पहुंच गयी। बहरहाल खबर लिखे जाने तक मौके पर पुलिस डटी हुई है। फिलहाल किसी के खिलाफ अभी एफआईआर दर्ज नहीं हुआ है।

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार मस्तूरी थाना क्षेत्र के बकरकुदा गांव के घायल युवक को परिजनों ने बिलासपुर लाया। तोरवा थाना क्षेत्र स्थित स्वास्तिक अस्पताल मे युवक को भर्ती किया गया। परिजनों के अनुसार इलाज के दौरान 16 साल के युवक की मौत हो गयी। युवक का नाम निलोत्पल वर्मन पिता सतीष वर्मन है।

सतीष वर्मन ने बताया कि घायल पेटे को जब अस्पताल में भर्ती किया गया उसकी हालत ठीक थी। देरी से इलाज और डॉक्टरों की लापरवाही के चलते बेटा ने दम तोड़ दिया।

जमकर हाथापाई

सूत्र ने बताया कि नाराज परिजनों ने पहले एक नर्स को पीटा। घटना की जानकारी मिलते ही डाक्टरों के साथ परिजनों के बीच जमकर झड़प हुई। परिजन और अस्पताल प्रबंधन ने एक दूसरे पर जमकर हमला कर दिया। जिससे दोनो गुटो के लोगों को चोट पहुंची है।अस्पताल मे जमकर हंगामा और तोड़फो़ड़ भी हुआ।

मामले में परिजनों ने बताया कि युवक की मौत के बाद डॉक्टरों से सम्पर्क किया गया। लेकिन किसी ने सही जवाब नहीं दिया। इसके बाद डॉक्टरों ने मारपीट करना शुरू कर दिया। वही अस्पताल प्रबंधन ने बताया कि परिजनों ने स्टाफ के साथ मारपीट किया।

मौके पर मौजूद एडिश्नल एसपी राजेन्द्र जायसवाल ने बताया कि फिलहाल स्पष्ट नहीं है कि किसने पहले हाथापायी शुरू किया है। मामले में छानबीन की जा रही है। दोषी के खिलाफ जरूर कार्रवाई होगी। फिलहाल दोनो पक्षों को समझाया गया है।

अस्पताल पर पत्थरबाजी

जानकारी मिल रही है कि नाराज मृतक पक्ष की तरफ से अस्पताल ईटां पत्थर फेंका गाय है। काफी तोड़फोड़ का भी मामला सामने आया है। फिलहाल पुलिस मामले को नियंत्रित करने में लगी है।

samachar
Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."