आनंद शर्मा की रिपोर्ट
राजस्थान की राजधानी जयपुर (PINK CITY) से एक बाल मजदूरी का मामला सामने आया है। जहा पर बचपन बचाओ एनजीओ (NGO) की मदद से पुलिस ने बाल मजदूरी (child labour) का बड़ा खुलासा किया और 22 बच्चों को मुक्त करवाया है।
पुलिस ने बताया की बच्चों को एक छोटे से कमरे में रखकर दिन के 17-18 घंटे मजदूरी करवाई जाती थी और खाने के नाम पर सिर्फ थोड़ी खिचड़ी दी जाती वो भी दो वक़्त की। भले ही सोमवार को बाल मजदूरी विरोधी दिवस मनाया गया हो, लेकिन आज भी यह दिवस न जाने कितने ही मासूम बच्चो के लिए श्राप है। 500-500 रुपये देकर खरीदा बच्चो को बच्चों ने बताया कि उन्हें एक शख्स जिसका नाम शाहनवाज उर्फ गुड्डू है, उसने उनके माता-पिता को 500-500 रुपये देकर खरीद लिया और बिहार से जयपुर के भट्टा बस्ती ले आया और कमरे में बंद करके रोज 6 से 11 तक कंगन ,चूड़ी बनाने का काम करवाने लगा। शाहनवाज की बीवी भी इस काम में शामिल पुलिस ने बताया कि इस काम में शाहनवाज की पत्नी भी शामिल है जो अपने पती के साथ मिल कर बच्चों से मज़दूरी करवाती थी।
काम न करने पर बच्चो को लोहे की रॉड से उनको मारती। पुलिस ने जब रेस्क्यू किए गए बच्चों का मेडिकल करवाया तो इनमें से 11 साल का एक बच्चा जांच में कुपोषित निकला, जिसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है। खाने में सिर्फ खिचड़ी मिलती थी। जानवरों से भी बुरा बर्ताव करता था आरोपी संस्था (NGO) के डायरेक्टर मनीष शर्मा ने बताया कि इन बच्चों को सुबह शाम सिर्फ थोड़ी सी खिचड़ी दी जाती जिससे बच्चे केवल जिंदा रह सकें।
जानवरों से भी बुरा बर्ताव करता था आरोपी। यही नहीं कई दिनों तक इन बच्चों को नहाने नहीं दिया जाता, जिस वजह से बच्चों को बीमारियां हो गई हैं। रेस्क्यू किए गए बच्चे सोमवार यानि 12 जून को भट्टाबस्ती के पास स्थित एक मकान से बच्चों की चीखने की आवाजें आ रही थीं। ऐसा लग रहा था की कोई बच्चों को लाठी-डंडों से मार रहा है जब ये आवाजें पड़ोस के लोगों ने सुनीं तो लोगों ने तुरंत इसकी सूचना बाल संस्था को और पुलिस को दी। इसके बाद पुलिस ने वहां रेड मारी और देखा कि आरोपी मालिक के घर के बाहर ताला लगा था। इसके बाद टीम के सदस्य दूसरे मकान की छत से आरोपी के घर में पहुंचे जिन्हें देख आरोपी मालिक शाहनवाज घबरा गया और अपने खुद के चार बच्चों को छोड़ पत्नी के साथ मौके से फरार हो गया। फ़िलहाल पुलिस आरोपी शाहनवाज और उसकी पत्नी की तलाश कर रही है।
Author: samachar
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