दुर्गा प्रसाद शुक्ला और ब्रजकिशोर सिंह की रिपोर्ट
गुरुग्राम: महिला अपराध को लेकर गुरुग्राम में पहले के मुकाबले भले ही अंकुश लगा हो, लेकिन आज भी शहर में कामकाजी महिलाएं कई जगहों पर अपने आप को असुरक्षित महसूस करती हैं। कहीं पर पेट्रोलिंग की कमी तो कहीं पर मजबूरन अंधेरे रास्तों से महिलाएं गुजरती हैं। इन रास्तों के अलावा कई पॉइंट ऐसे भी हैं, जहां पर महिलाएं अंधेरे में वाहनों का इंतजार करती नजर आती हैं। ऐसे में आए दिन अश्लील हरकत, फब्तियां कसना, छेड़छाड़ आदि के मामले सामने आते हैं। अधिकतर मामलों में तो शिकायत पुलिस तक पहुंचती ही नहीं, जबकि थाना एरिया पुलिस और नगर निगम समेत दूसरी एजेंसी इन मामलों में खानापूर्ति करती नजर आती है।
शहर एक इंडस्ट्री हब
शहर में मानेसर, खांडसा रोड, सेक्टर 37डी, उद्योग विहार, साइबर हब और एमजी रोड सहित दर्जनभर एरिया ऐसे हैं, जहां पर कॉरपोरेट ऑफिस के अलावा इंडस्ट्री एरिया है। यहां पर सेक्टर 37, मानेसर, उद्योग विहार और साइबर हब एरिया में काफी तादाद में महिलाएं काम करती हैं। गुड़गांव में 11 हजार 800 के करीब इंडस्ट्री हैं।
यहां पर रात को रहता है अंधेरा
इंडस्ट्री एरिया में अधिकतर महिलाएं काम करती हैं। हालांकि कॉरपोरेट ऑफिस में भी महिलाएं काम करती हैं लेकिन इंडस्ट्री में इनकी संख्या अधिक है। कई सौ एकड़ में फैले उद्योग विहार इंडस्ट्री एरिया में सैकड़ों इंडस्ट्री हैं। यहां पर शाम और नाइट की शिफ्ट में महिलाएं हाइवे के अलावा अन्य स्थानों पर जाने के लिए अंधेरे रास्तों से होकर निकलती हैं।
इन इलाकों में रहता है अंधेरा
– हाइवे पर शंकर चौक के पास काफी संख्या में महिलाएं देर शाम तक वाहनों का इंतजार करती नजर आती हैं लेकिन यहां पर एक भी स्ट्रीट लाइट नहीं है।
– हाइवे पर ही ट्राइडेंट होटल के पास दिल्ली की ओर जाने वाली महिलाएं देर रात तक अंधेरे में खड़े रहने पर मजबूर हैं। यहां पर पुलिस बहुत कम ही दिखती है।
– राम चौक पर गुड़गांव और दिल्ली के कापसहेड़ा की ओर जाने वाली महिलाएं अंधेरे से होकर गुजरती हैं।
– ज्वाला मील के पास महिलाएं अंधेरे में चलने को मजबूर हैं।
– उद्योग विहार फेज-3 में एक होटल के सामने महिलाएं रात को अंधेरे में किसी वाहन का इंतजार करती नजर आती हैं।
कई मामले आ चुके हैं सामने
– 18 फरवरी को सेक्टर 37 में एक कंपनी में काम करने वाली महिला के साथ छेड़छाड़ का मामला सामने आया। लोगों ने मौके पर ही धुनाई कर आरोपी को छोड़ दिया।
– 25 मार्च को हाइवे पर एक कैब चालक ने एक युवती के साथ गलत व्यवहार किया। जब तक पुलिस आती आरोपी वहां से जा चुका था।
– 14 अप्रैल को उद्योग विहार फेज-3 में एक कॉरपोरेट ऑफिस में काम करने वाली महिला पर एक ऑटो चालक ने फब्तियां कसीं। पुलिस ने उसे धमकाकर छोड़ दिया। इस मामले में केस दर्ज नहीं हुआ।
– कापसहेड़ा बॉर्डर पर एक दुकानदार ने बताया कि यहां पर आए दिन देर रात फैक्ट्रियों से आने वाली महिलाओं पर फब्तियां कसने और छेड़छाड़ के मामले आते हैं। अधिकतर महिलाएं पुलिस के चक्कर में नहीं पड़तीं।
अब तक 81 मामले छेड़छाड़ के आए
पिछले साल 2022 में छेड़छाड़ के 205 मामले सामने आए। इसमें से 15 की जांच चल रही है। 58 मामले कैंसल हो चुके हैं। चार अभी तक अनट्रेस हैं जबकि 128 का कोर्ट में चालान पेश किया जा चुका है। इस साल मई माह तक 81 मामले छेड़छाड़ के आ चुके हैं।
Author: samachar
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