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29 December 2024 5:56 am

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संतों की संरक्षा में अब आ गए ब्रजभूषण ; पढ़िए संतों ने सरकार से क्या कर दी मांग

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दुर्गा प्रसाद शुक्ला की रिपोर्ट 

भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के समर्थन में अयोध्या (Ayodhya) के संत उतर गए हैं। सोमवार को अयोध्या में कई बड़े संतों ने एक साथ बैठकर 5 जून को होने वाली राम कथा पार्क में जनचेतना महारैली के एजेंडे को लेकर चर्चा की। बैठक के बाद केंद्र सरकार और राष्ट्रपति महोदय को इस संबंध में एक संयुक्त हस्ताक्षर वाला मांग पत्र भेजा जाएगा। इस मांग पत्र में पॉक्सो एक्ट के उस प्रावधान को समाप्त करने की मांग की जाएगी जो आरोपी को अपना पक्ष रखने की अनुमति दिए बिना गिरफ्तारी की बात कहता है।

5 जून को होने वाली संतों की इस बैठक में रिटायर्ड जज और गणमान्य व्यक्ति भी मौजूद रहेंगे। इस बैठक के बाद केंद्र सरकार और राष्ट्रपति को एक मांग पत्र भेजा जाएगा। जिसमें पॉक्सो एक्ट से उस क्लॉज को हटाने की मांग की जाएगी, जिसमें आरोपी को सफाई देने का मौका नहीं मिलता। बैठक में शामिल अधिकतर संतों का मानना है कि पॉक्सो एक्ट तो बेहतर है लेकिन इसका दुरुपयोग हो रहा है। जिसके कारण किसी भी व्यक्ति को अपने बचाव का मौका नहीं मिलता और वह कलंकित हो जाता है।

संतों ने कहा पॉक्सो एक्ट के तहत आरोपी बनाए गए व्यक्ति को अपना पक्ष रखने का प्रावधान किया जाए। 5 जून को अयोध्या समेत देश के कई बड़े संत राम कथा पार्क के मंच पर मौजूद रहेंगे, जिनके साथ रिटायर्ड जज और कई गणमान्य व्यक्ति भी रहेंगे। जिनके संयुक्त हस्ताक्षर से एक पत्र केंद्र सरकार और राष्ट्रपति महोदया को भेजा जाएगा।

आपको बता दें कि कैसरगंज से बीजेपी सांसद और भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह पर छेड़खानी की धारा 354 के साथ पॉक्सो एक्ट भी लगाया गया है, ये एक्ट नाबालिग से सेक्सुअल हैरेसमेंट रोकने के लिए बनाया गया कानून है। इस कानून के अनुसार आरोपी को पुलिस बेल नहीं दे सकती पुलिस को पहले आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेजना होता है उसके बाद ही जांच आगे बढ़ती है। अयोध्या के संत इसी का विरोध कर रहे हैं और पास्को एक्ट से इसी प्रावधान को हटाने के लिए लामबंद हुए है।

महंत सत्येंद्र दास वेदांती ने कहा कि पॉक्सो कानून में कोई बुराई नही है लेकिन इसका दुरुपयोग हो रहा है। हमारी मांग है कि पहले इस मामले में जांच हो और फिर जो दोषी हो उसे दंडित किया जाए, लेकिन जो दोषी न हो उसे इसकी वजह से सामाजिक, शारीरिक मानसिक प्रताड़ना होती है. वहीं हनुमानगढ़ के महंत गौरी शंकर दास ने कहा, हम सरकार से मांग करेंगे कि जो इस प्रकार की धाराएं हैं उनका इस्तेमाल हथियार के तौर पर किया जाता है। किसी से दुश्मनी है तो दूसरे पर आरोप लगा दो और गिरफ्तार कर जेल में डाल दो। हम सरकार से इस क्लॉज को हटाने की मांग करेंगे।

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Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

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