कमलेश कुमार चौधरी की रिपोर्ट
रामचरितमानस को लेकर विवादित टिप्पणी करने वाले सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने अब रामराज को लेकर सवाल खड़ा किया है। स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा, ‘एक रामराज में शम्बूक का सिर काटा गया था, अब आरक्षण खत्म किया जा रहा है’।
जब रिपोर्टर ने स्वामी प्रसाद मौर्य से पूछा कि शम्बूक का सिर किसने काटा था? रिपोर्टर के इस सवाल पर स्वामी प्रसाद मौर्य तिलमिला गए और कहा कि इसके लिए इतिहास पढ़िए।
स्वामी प्रसाद मौर्य यहीं नहीं रुके उन्होंने कहा कि एकलव्य के साथ भी ऐसा ही हुआ। उनको भी शिक्षा से वंचित किया गया, लेकिन जब वो महान धनुर्धर साबित हो गए तो उनका भी छल करके अंगूठा काट लिया गया। इस दौरान मौर्य ने भाजपा पर निशाना साधा। कहा कि आज भी रामराज की दुहाई देकर अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और पिछड़ों का आरक्षण काटा जा रहा है।
स्वामी प्रसाद मौर्य ने बताया रामराज का अर्थ
सपा नेता ने रामराज का अर्थ भी अपने शब्दों में बताया। स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि राजराज का मतलब है कि मनमाना, लोकतांत्रिक मूल्यों को खत्म करना, संविधान की हत्या करना। साथ ही साथ पिछड़ों, दलितों और आदिवासियों का हक मारना।
ग्राम विकास अधिकारी पदों को लेकर उठाए सवाल
मौर्य ने रामराज को लेकर विवादित ट्वीट किया। रामराज को आरक्षण से जोड़ते हुए उन्होंने लिखा, ‘ रामराज धोखा है। रामराज हटाओ, आरक्षण बचाओ। सपा नेता ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी रामराज्य का ढोल पीटती है। जबसे बीजेपी रामराज की रट लगाए है, तबसे अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और पिछड़ों का आरक्षण लगातार घटता जा रहा है। उन्होंने कहा कि ग्राम विकास अधिकारियों के पदों पर भर्ती निकली, उसमें भी आरक्षण पहले से ही साफ कर दिया गया। गोरखपुर विश्वविद्यालय में प्रोफेसर के पदों पर भर्ती में सारे आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थी छह पदों पर ही समेट दिए गए। अगर ऐसे ही आरक्षण लागू करना है तो ऐसा रामराज हमें नहीं चाहिए।
डिप्टी सीएम के बयान को गंभीरत से नहीं लेता: स्वामी प्रसाद मौर्य
स्वामी प्रसाद मौर्य ने डिप्टी सीएम केशव प्रसाद के ट्वीट को लेकर कहा, ‘वो अपने बड़बोलेपन के लिए मशहूर हैं। वो हमेशा अपने बड़े नेताओं को खुश करने के चक्कर में इस प्रकार का बयान देते रहते हैं। उनके बयान को मैं बहुत गंभीरता से नहीं लेता हूं। यह उनकी आदत सी बन गई है।
रामरितमानस पर विवादित टिप्पणी कर चुके मौर्य
स्वामी प्रसाद मौर्य ने पिछले दिनों रामचरितमानस पर विवादित टिप्पणी की थी। जिसको लेकर काफी हंगामा हुआ था। मौर्य ने कहा था कि ब्राह्मण चाहे गुणहीन ही हो, उसकी पूजा करनी चाहिए। वहीं, शूद्र चाहे वेद भी जानता हो वह पूजनीय नहीं है। क्या यही धर्म है? करोड़ों लोग रामचरितमानस को नहीं मानते हैं। मौर्य के बयान के बाद विरोध भी शुरू हो गया है। बयान को लेकर कई लोगों की तरफ से तीखी प्रतिक्रिया आई थी।
स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान पर बीजेपी नेता राकेशधर त्रिपाठी ने कहा था कि स्वामी प्रसाद मौर्या जब तक भारतीय जनता पार्टी में थे, तब तक कभी भी उनके मुंह से कोई बदजुबानी नहीं सुनी, लेकिन जब से समाजवादी पार्टी के साथ गए तो जानबूझकर समाजवादी पार्टी के एजेंडे के तहत हिंदुओं को अपमानित करने के लिए और तुष्टिकरण करने के लिए वो रामचरितमानस का इस तरह से विरोध करने का काम कर रहे हैं।
Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."