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November 1, 2024 5:54 pm

हजारों की भीड़ में आखिर किसके नतमस्तक हो गये हैं सचिन पायलट और क्या संदेश देना चाहते हैं? पढिए पूरी खबर

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सुरेन्द्र प्रताप सिंह की रिपोर्ट 

स गईचिन पायलट द्वारा आयोजित की गई जन संघर्ष यात्रा के अंतर्गत हुई आमसभा के बारे में आपने विस्तार से बताया है। यह आमसभा जयपुर के कमला नेहरू नगर पुलिया के पास भांकरोटा में आयोजित की गई थी और हजारों की संख्या में लोगों ने इसमें हिस्सा लिया। सचिन पायलट के साथ इस आमसभा में 28 विधायक, मंत्री, पूर्व मंत्री, अधिकारी और पंचायत स्तर के कांग्रेस कार्यकर्ता भी मौजूद थे। इस आमसभा में सचिन पायलट ने एक वरिष्ठ कांग्रेसी नेता के पैर छूकर आशीर्वाद लिया और उनका समर्थन मांगा। 

पायलट ने साभार करते हुए कहा कि वे किसी एक जाति या धर्म के नेता नहीं हैं, बल्कि वे राजस्थान के और 36 कौम के बेटे हैं। उन्होंने अपने संघर्ष और जनता के साथ रहने का संकेत दिया और इसके साथ ही बताया कि उन्हें गुर्जर और जाट समाज का समर्थन मिल रहा है। उन्होंने कांग्रेस संगठन के पूर्व कार्यकर्ताओं को भी याद किया और कहा कि वे उनके साथ हैं। 

कौन है ये वरिष्ठ कांग्रेसी नेता, पायलट ने पैर क्यों छूए?

चौधरी नारायण सिंह शेखावाटी के एक मजबूत जाट नेता रहे हैं और उन्हें शेखावाटी का “भीष्म पितामह” भी कहा जाता है। वे 89 वर्ष के हैं और शेखावाटी के 6 बार विधायक और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष रहे हैं। साथ ही, वे प्रदेश सरकार में मंत्री के पद पर भी रह चुके हैं। चौधरी नारायण सिंह ने अपनी पहली चुनावी लड़ाई पंचायत समिति स्तर पर वर्ष 1954 में लड़ी थी। उनका जन्म सीकर जिले के दांता रामगढ़ तहसील के तुलसीरामपुरा गांव में हुआ था। उनके पिता का नाम पन्नाराम और दादा का नाम तुलसीराम बुरड़क था। इनके दादा के नाम पर ही इनके गांव का नामकरण हुआ। चौधरी नारायण सिंह ने राजनीतिक जीवन की शुरुआत केवल 21 वर्ष की आयु में ही कर ली थी और उन्होंने पंचायत और जिला स्तर पर 17 साल तक राजनीति की।

6 बार विधायक, पीसीसी चीफ और मंत्री भी रहे

वर्ष 1972 में, वे कांग्रेस पार्टी के टिकट पर दांता रामगढ़ सीट से पहला चुनाव लड़े और विधानसभा में प्रवेश किया। इसके बाद, वे कांग्रेस के टिकट पर और भी 5 बार दांता रामगढ़ सीट से विधायक बने। उन्होंने 1980, 1985, 1993, 2003 और 2013 में दांता रामगढ़ से विधायक के रूप में चुनाव जीते थे। उन्हें 1988 और 1989 तक राज्य सरकार में मंत्री के रूप में भी सेवा करने का मौका मिला। वर्ष 2005 में, उन्हें प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष के रूप में भी नियुक्ति मिली। वे 1990 के दशक में राजनीतिक संघर्ष से सन्यास ले लिए और अब उनके पुत्र वीरेन्द्र सिंह दांता रामगढ़ से कांग्रेस के विधायक हैं, जो सचिन पायलट के प्रबल समर्थक हैं।

युवाओं से आह्वान, पायलट का साथ दें

15 मई को जन संघर्ष यात्रा के समापन के अवसर पर आयोजित आमसभा में चौधरी नारायण सिंह मौजूद रहे और उनके पैर छूने के बाद सचिन पायलट ने उनसे आशीर्वाद लिया। चौधरी ने अपने संबोधन में प्रदेश के नौजवानों से आह्वान किया कि वे सचिन पायलट का साथ दें और कंधे से कंधा मिलाएं। उन्होंने कहा कि किसी को यह भ्रम नहीं होना चाहिए कि वे अकेले चुनाव जीत सकेंगे। वे उदाहरण के रूप में कर्नाटक के मुख्यमंत्री अमित शाह के भ्रम का जिक्र करते हुए बताएं कि जनता सचिन पायलट के साथ है और उनके साथ चुनाव जीतने की उम्मीद करना समझदारी है। चौधरी ने कहा कि समझदारी इसी में है कि पायलट का साथ दिया जाए।

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Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."