सर्वश द्विवेदी की रिपोर्ट
अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की हत्या को लेकर एआईएमआईएम के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ को निशाने पर लिया है।
उन्होंने कहा कि मैं शुरू से कह रहा था कि उत्तर प्रदेश में भाजपा सरकार क़ानून के मुताबिक नहीं बल्कि बंदूक के दम पर चल रही है। हम लोग इसी बात को दोहरा रहे थे लेकिन सबको लगता था कि हम हवाई बातें कर रहे हैं। इससे लोगों में संविधान में विश्वास कम होगा। इस घटना की निंदा करने के लिए शब्द नहीं है।
ओवैसी ने कहा कि इसमें सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में एक कमेटी बननी चाहिए। मैं सुप्रीम कोर्ट से गुज़ारिश करता हूं वह इसका स्वत: संज्ञान ले और इस पर एक समय सीमा में जांच होनी चाहिए। इस कमेटी में उत्तर प्रदेश का कोई भी अधिकारी न हो क्योंकि उनकी मौजूदगी में यह हत्या हुई है।
एआईएमआईएम प्रमुख ने कहा कि आप गोली मारकर धार्मिक नारा क्यों लगा रहे हैं? इनको आतंकवादी नहीं कहेंगे तो देश भक्त कहेंगे? क्या यह (भाजपा) फूल का हार पहनाएंगे? जो लोग एनकाउंटर का जश्न मना रहे थे, शर्म से ढूब मरो तुम लोग। कल जो हत्या हुई है उसकी ज़िम्मेदारी उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री की है। अगर उनमें संवैधानिक नैतिकता ज़िंदा है तो उनको अपने पद को छोड़ना पड़ेगा।
ओवैस ने कहा कि हम मांग करते है कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री इस्तीफा दें, सुप्रीम कोर्ट इसमें एक जांच दल मनाए और इस मामले का स्वता: संज्ञान ले वरना यह चलता रहेगा। संविधान के मुताबिक उन सब पुलिस वालों को उनकी सर्विस से निकालना चाहिए।
अतीक और अशरफ की हत्या पर राष्ट्रीय उलेमा काउंसिल का बयान आया है। काउंसिल ने कहा कि जब दर्जनों कैमरे और पत्रकारों के सामने अपराधी बेखौफ होकर एक पूर्व सांसद और विधायक को आधा दर्जन गोलियां मारने के बाद नारेबाजी करते हैं तो क्या ये लॉ एंड ऑर्डर को चुनौती नहीं है? काउंसिल की तरफ से कहा गया है कि जब न्याय व्यवस्था के खिलाफ एनकाउंटर कल्चर की वाहवाही होगी, तो ऐसे अपराधियों को ही बढ़ावा मिलेगा। वहीं, आरोपियों ने पूछताछ में खुलासा किया है कि वह बड़े माफिया बनना चाहते थे।
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Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."