Explore

Search
Close this search box.

Search

November 23, 2024 3:05 am

लेटेस्ट न्यूज़

शेर पर सवा सेर; गोलियां चलाई, नारे लगाए और दोनों हाथ ऊपर करके खुद को हवाले कर दिया

14 पाठकों ने अब तक पढा

कमलेश कुमार चौधरी की रिपोर्ट

प्रयागराज: मीडिया कैमरों के सामने बाइट दे रहे अतीक अहमद और अशरफ पर गोलियां बरसाने वाले हमलावरों की पहचान हो गई है। पुलिस ने बताया कि इन आरोपियों के नाम लवलेश तिवारी, सनी और अरुण मौर्य हैं। इन तीनों ने अतीक अहमद और अशरफ को गोली मारने के बाद जय श्रीराम के नारे लगाए, इसके बाद हाथ उठाकर पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया। लवलेश यूपी के बांदा, सनी हमीरपुर और अरुण कासगंज का रहने वाला बताया जा रहा है।

अतीक अहमद पर हमला करने वाले तीनों लोग मीडियाकर्मी बनकर भीड़ में शामिल हुए थे। अतीक ने जैसे ही कैमरे के सामने बयान देना शुरू किया, अचानक से तीनों युवकों ने उस पर ताबड़तोड़ गोलियां बरसा दीं। पुलिस के सामने आरोपियों ने बयान दिया है कि अतीक अहमद का पाकिस्तान से कनेक्‍शन था। उसने और उसके गैंग के लोगों ने तमाम बेकसूर लोगों की हत्‍या की थी। अतीक जमीन हड़पने के लिए हत्या करता था और विरोध में गवाही देने वालों को भी नहीं छोड़ता था। उसका भाई अशरफ भी ऐसा करता था, इसलिए हमने दोनों को मार डाला।

बांदा, हमीरपुर और कासगंज के रहने वाले हैं आरोपी

जानकारी के मुताबिक, अतीक और अशरफ की हत्‍या करने वाले तीनों युवक अलग अलग मामलों को लेकर पहले भी जेल जा चुके हैं। बताया जा रहा है कि आरोपी लवलेश तिवारी बांदा, सनी हमीरपुर और अरुण मौर्या कासगंज का रहने वाला है। इन तीनों का कहना है कि माफिया अतीक का पाकिस्‍तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई से संबंध था। लश्‍कर ए तैयबा से भी उसका कनेक्‍शन था। अतीक गैंग से सभी लोग खौफजदा थे। इसलिए हमने उन्‍हें मार डाला।

तीनों का आपस में कनेक्‍शन कैसे, जवाब ढूंढ रही पुलिस

अतीक हत्याकांड को अंजाम देने वाले तीनों निशानेबाज अलग-अलग होते हैं। इनकी आपमें पहचान कैसे हुई, क्‍या इनके पीछे किसी बड़े गिरोह का हाथ है, पुलिस इन सवालों का जवाब मांग रही है। तिकड़ी की उम्र भी बहुत ज्यादा नहीं है। वे 20 से 25 साल के बीच के लग रहे हैं। खास बात यह है कि अतीक पर हमला करने के बाद किसी हमले की कोशिश नहीं की। तीनों ने जय श्रीराम के नारे लगाए और पुलिस के सामने फिल्मी स्टाइल में हाथ जोड़कर सरेंडर कर दिया।

samachar
Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

लेटेस्ट न्यूज़