दुर्गा प्रसाद शुक्ला की रिपोर्ट
माफिया अतीक अहमद को अहमदाबाद से प्रयागराज ला रही पुलिस का काफिला शिवपुरी से झांसी के लिए रवाना हो गया है। दोपहर तक प्रयागराज पहुंचने की संभावना है। शिवपुरी में पुलिस का काफिला करीब आधा घंटा रुका। अतीक ने यहां मीडिया से कहा, ”आपकी वजह से मैं सुरक्षित हूं। मैंने वहां से कोई फोन नहीं किया, वहां पर जैमर लगे हुए हैं। मैंने जेल से कोई साजिश नहीं रची। 6 साल से मैं जेल में हूं। मेरा पूरा परिवार बर्बाद हो चुका है।”
इससे पहले राजस्थान के बूंदी में अतीक ने कहा था, “मेरा परिवार पूरी तरह से बर्बाद हो गया, मैं जेल में था, मुझे इसके (उमेश पाल हत्याकांड) बारे में क्या पता। कोई सवाल कर रहा था कि माफियागिरी समाप्त हो गई। माफियागिरी तो पहले ही समाप्त हो गई। अब तो रगड़ा जा रहा है।”
अतीक के भाई अशरफ को भी इसी केस में पुलिस बरेली से प्रयागराज लाएगी। इसके लिए प्रयागराज पुलिस की एक टीम बरेली जेल पहुंच गई है। दोनों भाइयों को आज CJM कोर्ट में पेश किया जा सकता है। जहां पुलिस वारंट बी के तहत कोर्ट में रिमांड अर्जी के तहत उसकी रिमांड मांगेगी। इसके बाद दोनों से पूछताछ होगी।
कोर्ट ने उमेश पाल हत्याकांड में जारी किया था वारंट-B
प्रयागराज की जयंतीपुरम कॉलोनी में 24 फरवरी को उमेश पाल की दिनदहाड़े घर के बाहर गोली-बम मारकर हत्या कर दी गई थी। इस मामले में अतीक अहमद उसके भाई अशरफ, अतीक की पत्नी शाइस्ता परवीन समेत पूरे परिवार को पुलिस ने नामजद किया है। इस हत्याकांड के मामले में पुलिस सबूत जुटा रही है। इसी कड़ी में पुलिस ने अतीक अहमद से पूछताछ करने के लिए MP-MLA कोर्ट में एक सप्ताह पहले वारंट-B के तहत अर्जी दी थी। जिसके बाद कोर्ट ने अर्जी स्वीकार कर ली थी।
प्रयागराज पुलिस दो प्रिजन वैन और इंस्पेक्टर समेत 30 पुलिसकर्मियों की टीम लेकर मंगलवार की सुबह साबरमती जेल पहुंची थी। वहां कागजी कार्रवाई पूरी होने के बाद अतीक को लेकर पुलिस प्रयागराज के लिए रवाना हो गई। प्रयागराज पुलिस की टीम में एक इंस्पेक्टर, 30 कॉन्स्टेबल शामिल हैं। वारंट बी किसी भी जेल में बंद आरोपी के लिए जारी होता है। किसी मामले में इन्वेस्टिगेशन ऑफिसर जब कोर्ट को बताता है की हमने इस व्यक्ति को आरोपी बनाया है। तब कोर्ट वारंट बी जारी करता है।
26 मार्च को भी प्रयागराज लाया गया था अतीक
इससे पहले भी अतीक अहमद को अहमदाबाद से प्रयागराज लाया जा चुका है। यूपी STF की टीम 26 मार्च को अहमदाबाद जेल से शाम 5:45 बजे अतीक को लेकर प्रयागराज के लिए रवाना हुई थी। वह 27 मार्च को शाम 5:30 बजे प्रयागराज की नैनी जेल पहुंची थी। टीम ने 1300 किलोमीटर का सफर 23 घंटे 45 मिनट में पूरा किया था। इस दौरान काफिला 8 जगह रुका था।
उमेश की पत्नी जया पाल बोलीं, डर तो है पर अंतिम सांस तक लड़ूंगी
उमेश पाल की मां शांति पाल ने कहा कि हम चाहते हैं अतीक और अशरफ को फांसी मिले। मेरे बेटे उमेश पाल का जिस तरह से मर्डर हुआ इस हत्याकांड में शामिल रहे अतीक के बेटे असद और सभी शूटर्स का एनकाउंटर हो।
उमेश पाल की पत्नी जया पाल ने कहा, ‘उमेश पाल मर्डर केस में अब उन्हें और परिवार के अन्य सदस्यों को भी कोर्ट कचहरी जाना पड़ सकता है। अभी तो पुलिस CCTV फुटेज, कॉल डिटेल आदि साक्ष्यों के सहारे इस केस की जांच कर रही है। अगर हमें या हमारे परिवार के किसी सदस्य को कोर्ट कचहरी जाना होगा तो हम जाएंगे।’
‘हमें, हमारे परिवार को खतरा तो है पर अगर हम यही सोचकर घर बैठ गए तो हमारे पति की आत्मा को शांति नहीं मिलेगी। जैसे मेरे पति की न्याय के लिए लड़ाई लड़ते हुए वीरगति हुई अगर मेरे या मेरे परिवार के किसी सदस्य की हत्या भी हो जाती है तो भी हम पीछे नहीं हटेंगे। हम अतीक अहमद, अशरफ और शूटर्स को फांसी के फंदे पर लटका कर दम लेंगे। हम अपने पति के लिए अंतिम सांस तक यह लड़ाई लड़ते रहेंगे।’
Author: samachar
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