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November 22, 2024 9:34 am

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…मम्मी पापा मुझे माफ करना, मुझे लगता है मैं कुछ नहीं कर पाऊंगा…लिखकर मौत को गले लगा लिया इस डी फार्मा के छात्र ने

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कमलेश कुमार चौधरी की रिपोर्ट 

लखनऊ से एक मामला हैरान करने वाला सामने आया है। मोहनलालगंज में डीफार्मा के एक छात्र ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। छात्र ने परिवार वालों के लिए एक सुसाइड नोट लिखकर छोड़ा है। सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंच गई और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।

छात्र ने सुसाइड नोट में लिखा कि मुझे लगता है कि मैं कुछ नहीं कर पाऊंगा। मम्मी पापा के सपनों को साकार नहीं कर पाऊंगा, मुझे माफ करना।

गोण्डा जिले का रहने वाला था छात्र

दरअसल, माता पिता का बच्चों पर कुछ अच्छा करने के लिए इस कदर दबाव है। कभी ये दबाव परिवार से मिलता है तो कभी बच्चे खुद इसे ले लेते हैं। बच्चे खुदकुशी करने की ओर बढ़ रहे हैं। ऐसा ही मामला लखनऊ के मोहनलालगंज से सामने आया है। यहां डीफार्मा प्रथम वर्ष के छात्र आशुतोष श्रीवास्तव ने खुदकुशी कर ली है। मृतक आशुतोष गोंडा जिले के छपिया चारू का रहने वाला है। उनके पिता बृजेश श्रीवास्तव एक निजी कंपनी में काम करते हैं। वह लखनऊ में मोहनलालगंज के एक प्राइवेट कॉलेज से डीफार्मा कर रहा था।

किराये के मकान में रहता था आशुतोष

आशुतोष के पिता ने बताया कि वह मोहनलालगंज के गौरा गांव में किराए रुम लेकर रहता था। वह एक निजी कॉलेज से डी-फार्मा का प्रथम वर्ष का छात्र था। सोमवार को परीक्षा होने के बावजूद वह कॉलेज नहीं गया। आशुतोष ने कॉल रिसीव नहीं की तो शाम को दोस्त कमरे पर पहुंचे। कई बार आवाज देने के बाद भी दरवाजा नहीं खोला तो पुलिस को सूचना दी।

“मम्मी-पापा के सपनों को नहीं कर पाऊंगा साकार”

इंस्पेक्टर के मुताबिक, जब दरवाजा तोड़ा गया तो आशुतोष पंखे से दो गमछों के सहारे लटका हुआ था। तखत पर सुसाइट नोट मिला। इसमें लिखा था कि आईएम वेरी सॉरी एवरी वन…सारी भईया, सॉरी मम्मी-पापा। मुझे लगता है कि मैं कुछ नहीं कर पाऊंगा, मम्मी-पापा के सपनों को साकार नहीं कर पाऊंगा। मुझे माफ करना, जिनको मैं अच्छा नहीं लगता उनकी भी टेंशन दूर हो जाएगी।

तनाव में आकर की खुदकुशी

इंस्पेक्टर ने बताया कि इस तरह के नोट मिलने से लगता है कि छात्र तनाव में आ करके खुदकुशी की है। उसके दोस्तों से पूछताछ की गई। उन लोगों ने बताया कि उसके पेपर अच्छे नहीं जा रहे थे। फिलहॉल पुलिस जांच कर रही है,जल्द ही पता चल जाएगा।

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Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

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