चुन्नीलाल प्रधान और मिश्रीलाल कोरी की रिपोर्ट
बहराइच: अमृतपाल को जमीन खा गई या आसमान निगल गई…. ये किसी को पता नहीं… आखिर इस वक्त अमृतपाल कहां है किसी को कुछ नहीं पता… लगातार पुलिस की कई टीमें यूपी, उत्तराखंड, पंजाब समेत कई राज्यों में छापेमारी कर रही है… लेकिन इसके बावजूद भी वारिस पंजाब दे संगठन के मुखिया अमृतपाल सिंह के खिलाफ चलाए गए ऑपरेशन को 6 दिन बीत चुके हैं… लेकिन अब तक वो पुलिस की पकड़ से दूर है…. ऐसे में उसको देश से बाहर भाग निकलने से रोकने के लिए इंडो नेपाल बॉर्डर रूपईडीहा समेत बहराइच के सभी एस एस बी बॉर्डर चेकपोस्ट पर अमृतपाल सिंह और उसके दो साथियों के पोस्टर लगाए गए हैं…
दरअसल सीमा पार तस्करी हो या देश विरोधी गतिविधियों में शामिल लोगों को बॉर्डर से नेपाल जाना हो, इसका बेहद आसान रास्ता बहराइच का इंडो नेपाल बॉर्डर रूपईडीहा है…. रूपईडीहा को अक्सर ऐसी किसी भी गतिविधि पर अक्सर एलर्ट मोड पर रखा जाता है… पिछले कुछ दिनों से माफिया डॉन अतीक अहमद के बेटे असद के इसी रास्ते नेपाल में जाने की चर्चा अभी थमी नहीं है कि अब इंडो नेपाल बॉर्डर रूपईडीहा खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह को लेकर चर्चा में है… जिसको लेकर बॉर्डर पर पोस्टर तो चस्पा दिए गए हैं… बावजूद इसके लगातार पुलिस सभी की चैकिंग भी कर रही है… पुलिस हर आने-जाने वालों की जांच कर रही है…
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भारतीय खुफिया एजेंसियों को आशंका है कि खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह इंडो नेपाल बॉर्डर की बहराइच की रूपईडीहा सीमा के सहारे नेपाल भाग सकता है… इसी के मद्देनजर रूपईडीहा समेत बहराइच के सभी एस एस बी बॉर्डर चेकपोस्ट पर अमृतपाल सिंह और उसके दो साथियों के पोस्टर लगाए गए हैं… बता दें कि बहराइच और लखीमपुर में बड़ी तादात में सिखों की आबादी है और किसान आंदोलन के दौरान लखीमपुर हिंसा में मारे गए दो लोग बहराइच के मटेरा के मोहरनिया और नानपारा के बंजारन टांडा के रहने वाले थे… जिनकी मौत पर भारी तादात में पंजाब समेत अलग- अलग स्थानों से जुड़े सिख समुदाय के लोगों का बहराइच में जमावड़ा देखने को मिला था… दरअसल खालिस्तानी विचारधारा के समर्थक अमृतपाल सिंह को पकड़ने के लिए बीते शनिवार से पंजाब पुलिस ऑपरेशन चला रही है… अब तक कई समर्थकों को हिरासत में लिया जा चुका है… इसमें उसके चाचा और ड्राइवर भी शामिल हैं…. कुछ लोगों को राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत हिरासत में रखा गया है… वहीं अमृतपाल सिंह पर भी एनएसए लगाया जा चुका है… एनएसए असल में बेहद सख्त कानून माना जाता है, जिसके तहत पुलिस किसी संदिग्ध को 12 महीने तक हिरासत में रख सकती है… लेकिन इसके बावजूद भी अब तक पुलिस अमृतपाल को पकड़ नहीं पाई है… अब देखना होगा की पुलिस आखिर अमृतपाल को कब तक पकड़ पाती है…
Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."