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November 23, 2024 4:06 am

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फीस जमा नहीं किया तो ऐसी सजा…ये शिक्षक है या शैतान…लोग कर रहे हैं सवाल, पढ़िए इस खबर को

9 पाठकों ने अब तक पढा

ठाकुर धर्म सिंह ब्रजवासी की रिपोर्ट 

आगरा: यूपी के आगरा में कक्षा 4 में पढ़ने वाले छात्र पर स्कूल के प्रधानाचार्य ने हैवानियत दिखा दी। फीस जमा नहीं कर पाने पर मासूम छात्र को पांच घंटे तक धूप में खड़ा कर दिया। इसके साथ ही डंडे से इतना पीटा कि उसकी नाक और पैर में चोट आ गई। बच्चे के परिजनों ने आरोपी प्रधानाचार्य के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है। पुलिस मामले की जांच में जुटी हुई है।

मामला आगरा के थाना पिढौरा का है। बसई अरेला के रहने वाले राहुल कुमार का बेटा अनुभव कक्षा 4 में गोपालपुरा स्थित पूजा पब्लिक हायर सैकेंडरी स्कूल में पढ़ता है। चाचा आशुतोष शर्मा ने बताया कि उसके भाई राहुल कुमार की आर्थिक हालत ठीक नहीं थी। इस वजह से तीन महीने की फीस वे जमा नहीं कर पाए थे। फीस को लेकर प्रधानाचार्य रमेश राजपूत ने उनके भतीजे अनुभव (10 वर्ष) को सुबह 9 बजे से दोपहर 2 बजे तक धूप में खड़ा करके बुरी तरह से पीटा था। थाना पुलिस ने चाचा आशुतोष शर्मा की तहरीर पर आरोपी प्रधानाचार्य के खिलाफ किशोर न्याय अधिनियम के तहत धारा 23 समेत अन्य धाराएं 323,504,506 में केस दर्ज कर लिया है।

कहते हैं प्रधानाचार्य

आशुतोष शर्मा का कहना है कि उनका भतीजा सुबह 7.30 बजे स्कूल गया था। वह बस से स्कूल जाता है। स्कूल फीस (800 और बस किराया 1200 रुपये) दो हजार रुपये महीने जमा की जाती है, लेकिन तीन महीने से फीस जमा नहीं हो सकी है। बच्चे का स्कूल बैग जमा करा लिया। इसके बाद उसे धूप में खड़ा करके पिटाई लगाई। इधर प्रधानाचार्य रमेश राजपूत का कहना है कि उन्होंने बच्चे के साथ मारपीट नहीं की है। बच्चे के चाचा आशुतोष शर्मा स्कूल में पढ़ाते थे। 6 महीने पहले उसे निकाल दिया था। इसी को लेकर अभियोजन दर्ज करा दिया है। बच्चे पर 6 माह की फीस बकाया है।

पहले भी हुआ था विवाद

आशुतोश शर्मा का कहना है कि स्कूल की बस में क्षमता से अधिक बच्चों को ठूंसकर ले जाया जाता है। स्कूल बस में 70 से 80 बच्चों को भरकर ले जाते हैं। कई बार इसकी शिकायत की थी। स्कूल प्रधानाचार्य का स्वभाव ठीक नहीं है।

करीब डेढ़ माह पूर्व भी एक बच्चे के साथ मारपीट की थी। इस वजह से गांव के लोगों ने स्कूल की बस को रखवा लिया था। जब स्कूल मालिक आए थे, तभी बस को छोड़ा गया।

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Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

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