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19 January 2025 1:45 pm

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कौन बनेगा अध्यक्ष ; क्षेत्रीय अध्यक्षों के नाम फाइनल न होने के फेर में फंसी MLC की सूची…

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कमलेश कुमार चौधरी की रिपोर्ट 

लखनऊ: विधानपरिषद के नामित एमएलसी की सूची क्षेत्रीय अध्यक्षों के नाम फाइनल न होने के फेर में फंस गई है। भाजपा संगठन ने तीन क्षेत्रीय अध्यक्षों के नाम एमएलसी के लिए तय किए थे और इनमें से सिर्फ दो का ही चयन किया जाना है। अब यह दो क्षेत्रीय अध्यक्ष कौन होंगे? यह प्रदेश भाजपा संगठन के साथ केंद्रीय नेतृत्व की कई दौर की बातचीत के बाद भी तय नहीं हो पा रहा है।

संगठन के साथ क्षेत्र-जाति को प्राथमिकता

सूत्रों का कहना है कि भाजपा ने छह एमएलसी का चयन करते वक्त जो मानक तय किया है, उसमें संगठन के पुराने पदाधिकारियों के साथ जाति और क्षेत्र को प्राथमिकता दी गई है। जिन तीन क्षेत्रीय अध्यक्षों के नाम भेजे गए हैं, उनमें कानपुर के क्षेत्रीय अध्यक्ष मानवेंद्र सिंह, काशी के क्षेत्रीय अध्यक्ष महेश श्रीवास्तव और बृज के क्षेत्रीय अध्यक्ष रजनीकांत माहेश्वरी शामिल है। अब संगठन इस असमंजस में है कि तीनों पुराने क्षेत्रीय अध्यक्षों में से किसे ड्रॉप किया जाए? सूत्रों का कहना है कि एक क्षेत्रीय अध्यक्ष का संगठन के ही एक वरिष्ठ पदाधिकारी विरोध कर रहे हैं, पर प्रदेश संगठन उनके ही नाम पर अड़ा हुआ है। ऐसे में नाम फाइनल होने में देर हो रही है।

इन नामों की है चर्चा

क्षेत्रीय अध्यक्षों के अलावा जिन नामों की चर्चा है, उनमें भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष पद्मसेन चौधरी भी हैं। पद्मसेन पूर्व सांसद हैं और इस बार बहराइच की भिनगा सीट से विधानसभा चुनाव भी लड़े थे, पर हार गए थे। राजभरों में अपनी पहुंच बढ़ाने के लिए भाजपा ने आजमगढ़ से राम सूरत राजभर का नाम भी सूची में शामिल किया है। राजभर पुराने भाजपा नेता हैं। वह ‌फूलपुर पवई से विधानसभा चुनाव लड़े थे, पर हार गए थे। वहीं, आंबेडकर महासभा के डॉ. लाल जी निर्मल और भाजपा नेता साकेत मिश्रा का नाम भी फाइनल किया जा सकता है। साकेत रिटायर्ड ब्यूरोक्रेट नृपेंद्र मिश्रा के बेटे हैं। इन नामों को केंद्रीय संगठन के पास भेजा गया है। जल्दी सूची पर मंथन कर केंद्रीय संगठन अंतिम रूप देगा। इनमें कुछ नाम घटाए या बढ़ाए जा सकते हैं। अगर इन नामों पर सहमति नहीं बनी तो भाजपा के प्रदेश महामंत्री अमर पाल मौर्य और उपाध्यक्ष प्रकाश पाल के नाम भी सूची में शामिल किए जा सकते हैं। सूत्रों का कहना है कि इसी महीने इन नामों पर मुहर लग सकती है।

पिछले साल अप्रैल-मई से खाली हैं पद

विधानपरिषद में नामित होने वाले एमएलसी के पद पिछले साल अप्रैल-मई से खाली हैं। तीन एमएलसी का कार्यकाल पिछले साल 26 अप्रैल को पूरा हो गया था, जबकि बाकी तीन का कार्यकाल 26 मई को पूरा हुआ था। इसके बाद से ही नए नामों के चयन की कवायद चल रही है। इसके लिए लखनऊ और दिल्ली में कई बैठकें हो चुकी हैं।

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Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

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