दुर्गा प्रसाद शुक्ला की रिपोर्ट
सोशल मीडिया की दुनिया में आए दिन कुछ ना कुछ वायरल होता रहता है। पिछले कुछ दिनों से एक लड़की का वीडियो वायरल हो रहा है। दरअसल यह लड़की बुलेट गाड़ी से गोलगप्पे बेचती है। सोशल मीडिया में लोग लड़की की जमकर तारीफ कर रहे हैं।
बीटेक की डिग्री लेने के बाद तापसी ने बेचने की शुरुवात
कुछ लोग हाई डिग्री लेने के बाद किसी कंपनी में नौकरी करने लगते हैं और वहीं कुछ लोग नौकरी करने के बजाय अपना कुछ व्यवसाय करते हैं। लड़की का नाम तापसी उपाध्याय है। देश की राजधानी नई दिल्ली की रहने वालीं तापसी ने इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है। बीटेक की डिग्री लेने के बाद तापसी ने दिल्ली के जनकपुरी इलाके में ही गोलगप्पे बेचने शुरू कर दिये।
[embedyt] https://www.youtube.com/watch?v=iF8EOSsdUk0[/embedyt]
जनकपुरी और उसके आसपास के इलाके में तापसी को बीटेक गोलगप्पे वाली के नाम से जानते हैं। सोशल मीडिया में वीडियो आने के बाद लोग लिख रहे हैं कि कोई भी काम छोटा-बड़ा नहीं होता। लोगों ने लिखा कि अगर लगन और मेहनत से किसी काम को करें तो सफलता जरूर मिलती है।
वायरल वीडियो पर लोगों के रिएक्शन
कुछ सोशल मीडिया यूजर्स ऐसे भी हैं जो लिख रहे हैं कि बीटेक और एमबीए करने के बाद बहुत कम लोग ही ऐसे हैं जो शौक से चाय या गोलगप्पे बेच रहे हैं। ऐसे यूजर्स का मानना है कि बेरोजगारी के कारण भी लोग बड़ी-बड़ी डिग्रियां लेकर ऐसे काम करने को मजबूर हैं। एक यूजर ने बुलेट वाले वीडियो पर कटाक्ष करते हुए लिखा- सबकुछ ठीक है लेकिन बिना हेलमेट इस तरह से बुलेट चलाना ठीक नहीं है।
नीरज नाम के एक यूजर द्वारा कमेंट किया गया कि सच मे बेरोजगारी की समस्या बहुत विकराल है, MBA और BTECH भी पानीपुरी बेचने को मजबूर हैl यदि बेरोजगारी का यही आलम बस बहुत जल्दी प्रेरित हो कर MBBS भी पानी पूरी या चाय बेचता मिलेगा l
महज 22 साल की हैं तापसी
बात तापसी की करें तो वह महज 22 साल की हैं और उन्होंने बीटेक की डिग्री के खुद का का बिजनेस करने का सोचा। अब वह रोजाना अपनी बुलेट पर अपने पानीपुरी के स्टॉल को लेकर मार्केट में निकलती हैं। तापसी अपने इस काम से पैसे के साथ ही लोगों की तारीफें और वाहवाही भी बटोर रही हैं। बता दें कि इससे पहले भी सोशल मीडिया में कई ऐसे लोग वायरल हुए हैं जो बड़ी-बड़ी एजुकेशनल डिग्री लेने के बाद चाय या पकौड़े बेच लाखों कमा रहे हैं।
Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."