कमलेश कुमार चौधरी की रिपोर्ट
यह मामला उत्तर प्रदेश के लखनऊ का है। जहां एक शख्स रिक्शे में बैठकर आया और पैसे देने की बात पर रिक्शा चालक से यह बोलकर चला गया कि आप 2 मिनट इंतजार करिए मैं आता हूं। इसके बाद रिक्शावाला खड़ा रहा। दो मिनट, 20 मिनट में बदल गए। लेकिन वह बंदा नहीं आया। लेकिन भैया… रिक्शावाला इस आस में खड़ा रहा कि वो आएगा। बात सिर्फ 20 रुपये की थी। अब रिक्शावाले की यह कहानी सोशल मीडिया पर वायरल हो गई है, जिस पर तमाम यूजर्स अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं। कुछ लोगों का कहना है कि 20 रुपये के लिए लोग ऐसा कैसे कर सकते हैं। वहीं कुछ यूजर्स ने लिखा कि यह शर्मनाक है।
20 मिनट से इंतजार कर रहा था रिक्शा चालक
यह कहानी ट्विटर पर ‘रक्षा’ (@raksha_s27) नाम के यूजर ने साझा की। उन्होंने रिक्शा चालक की तस्वीर पोस्ट करते हुए लिखा- यहां हजरतगंज की जनपथ मार्केट में खड़े ये भाई साहब उस व्यक्ति का इंतजार कर रहे जो इनके रिक्शे पर बैठकर आया और इनसे कहा कि तुम यहीं रुको मैं आ रहा। 20 मिनट खड़े रहे। वो नहीं आया। एक अजीब सी खामोशी के साथ चाचा चले गए। वो कितना गिरा हुआ आदमी होगा जो इनका पैसा मार गया। इस ट्वीट को खबर लिखे जाने तक 31.7 हजार लाइक्स और साढ़े पांच हजार से ज्यादा रीट्वीट्स मिल चुके हैं।
‘गरीब की बद्दुआ आसमान चीर देती है…’
इस मामले पर सैकड़ों यूजर्स ने प्रतिक्रिया दी। अश्विनी यादव ने लिखा- कर्मा सबका हिसाब कर देता है। मुकेश चौधरी बोले- यह इंसानियत का गिरता हुआ स्तर दिखाता है। रोल्फ साहिल ने टिप्पणी की- गरीब की बद्दुआ आसमान चीर देती है। एनके शुक्ला ने कहा- 20 को वो 20 हजार भुगतेगा कहीं, जिसकी इतनी घटिया सोच है। अभिनव ने लिखा कि पैसा हमेशा गरीब का ही मारा जाता है यहां। वहीं @Talha Rashadi ने लिखा- पूरा देश पूर्वग्रह और प्रोपगंडा पे ही अपनी राय बना रहा है आजकल और यहां भी वही हुआ है। वो शख्स जिसने इस रिक्शे वाले को इस हाल में छोड़ दिया है पता नही उसकी कहानी क्या है? उसके साथ कोई घटना हुई हो, वो इनसे ज़्यादा मजबूर हो, 20 मिनट बाद लौटा हो। दूसरे पक्ष को जाने बिना सब जज बन रहे।
Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."