दुर्गा प्रसाद शुक्ला की रिपोर्ट
उमेश पाल हत्याकांड के बाद माफिया अतीक के करीबियों को तो छोड़िए, उसके दुश्मनों ने भी शहर छोड़ दिया है। जिस तरह से पुलिस टीमें और एसटीएफ छापेमारी अभियान चला रही हैं और एनकाउंटर में एक आरोपित अरबाज को मार गिराया गया। इससे शहर में एनकाउंटर का खौफ दौड़ गया है।
अतीक और उनके करीबियों के घर ताबड़तोड़ छापेमारी का असर यह हुआ कि अतीक और उनके परिवार वालों से दुश्मनी रखने वालों ने भी शहर छोड़ना शुरू कर दिया। इसमें ऐसे लोग ज्यादा शामिल हैं जो पहले अतीक के करीबी थे लेकिन वक्त पलटने पर उसके दुश्मन हो गए।
पिछले कई सालों में माफिया अतीक अहमद का किला ढहता गया। ऐसे में अतीक की सरपरस्ती में फलने, फूलने और पलने वाले उसके रिश्तेदार, बिरादरी के लोग अलग होते गए। साढ़ू इमरान, उसके भाई जानू ने तो अतीक और उनके बेटों पर गंभीर धाराओं में कई मुकदमे दर्ज करा दिए। इसी तरह अलकमा हत्याकांड को लेकर दो सगे भाई कम्मू और जाबिर कभी अतीक के सबसे करीबी हुआ करते थे। दोनों दुश्मन हो गए. उमेश की हत्या के बाद पुलिस ने नाकेबंदी कर तलाश शुरू की तो करीबियों के साथ दुश्मनों पर भी खौफ छा गया। चकिया, हरवारा, कसारी मसारी, केसरिया, बमरौली, करेली, धूमनगंज समेत पुराने शहर के कई इलाकों में अतीक के दुश्मन शहर छोड़ रहे हैं।
Author: samachar
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