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19 January 2025 5:45 am

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तिरुपति बालाजी मंदिर के पीठाधीश्वर स्वामी राज नारायणाचार्य ने कहा, रामचरितमानस की जगह कोई और धर्मग्रंथ जलाकर दिखाओ….

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इरफान अली लारी की रिपोर्ट 

देवरिया: देवरिया जिले के श्री तिरुपति बालाजी मंदिर के पीठाधीश्वर जगद्गुरु स्वामी राजनारायणाचार्य जी महाराज ने रामचरितमानस (Ramcharitmanas) की प्रतियां जलाने की घटना को हिंदू और भारतीय संविधान का अपमान बताया है। जगद्गुरु स्वामी ने कहा है कि विदेशी मिशनरियों के इशारे पर धर्म परिवर्तन कराने के लिए यह सुनियोजित षड्यंत्र रचा जा रहा हैं। भारतीय संविधान किसी भी धर्म के ग्रंथों को जलाने का किसी को अधिकार नहीं देता है। यह बहुत ही निंदनीय और घृणित कार्य है।

विश्व का पहला संविधान है। यह समतामूलक है। अगर कोई किसी धर्म या किसी धार्मिक ग्रंथ को नहीं मानता है तो वह उसे न पढ़ें। मगर उसे अपमानित करना या जलाना दुर्भाग्यपूर्ण कार्य है। भारत में रहने वाले भारतीय ग्रंथों का अपमान करें, इसे हास्यास्पद और घृणास्पद और क्या हो सकता है। भारतीय संविधान के प्रथम पृष्ठ पर ही पुष्पक विमान से अयोध्या लौटते प्रभु श्रीराम का चित्र बना हुआ है। ऐसे में इसे जलाना भारतीय संविधान का अपमान है और यह राष्ट्र द्रोह से भी बड़ा अपराध है।

किसी अन्य धर्म के ग्रंथों को जलाकर दिखाओ

जगद्गुरु स्वामी ने रामचरितमानस की प्रतियां जलाने वाले लोगों को खुली चुनौती देते हुए कहा कि अगर तुम्हारे अंदर बल और पौरुष है तो किसी अन्य धर्म के ग्रंथों को जलाकर दिखाओ। सनातनधर्म के ग्रंथों में रोचक, भयानक, यथार्थ विधा से निरुपण किया गया है। इसका परम लक्ष्य समाज को सच्चाई का ज्ञान कराना है। किसी भी श्लोक, दोहा, चौपाई, छप्पय, छंद, सोरठा, कवित्त आदि का अर्थ प्रकरण को देखकर किया जाता है। भारतीय वांग्मय में एक शब्द के अनकों अर्थ होते है, जिसका निरुपण प्रसंग, पात्र के अनुसार किया जाता है। ऐसे में इस मामले पर केंद्र और राज्य सरकार को सोचना होगा और तत्काल इसे सुलझाना होगा।

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Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

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