दुर्गा प्रसाद शुक्ला की खास रिपोर्ट
धर्म शास्त्रों में कामदेव को काम का स्वामी माना गया है। ये महिलाओं की आंखों में बसते हैं और नयनों से अपने तीर चलाते हैं। सृष्टी में कामदेव के अभाव में दुनियां की उन्नति हो ही नहीं सकती। वैष्णव संप्रदाय के लोग इन्हें श्री कृष्ण मानते हैं। न केवल मनुष्य बल्कि देवता भी काम के तीर से बच कर नहीं जा सकते। ब्रह्मा ने इन्हें 5 बाण दिए थे, उनमें से एक बाण फूलों का है, जिसकी आवाज नहीं होती वो चपुके से इस बाण को चलाते हैं। जो सीधा जाकर ह्रदय पर वार करता है। जिससे व्यक्ति में काम भाव का जन्म होता है। इस काम में इनकी सहायता करती हैं इनकी पत्नी रति। जिनकी उत्पत्ति शाम के समय होती है।
कामदेव स्त्री के अधीरों और नयनों से लेकर अन्य 7 जगह उत्पन्न होते हैं। जिससे ये ऐसी भावना पैदा करते हैं, जिससे सृष्टी का सृजन होता है। ये भावना जीवनसाथी तक सिमित रहे तो अच्छा है लेकिन अगर कहीं ओर व्यक्ति दिल लगा बैठे तो ये भावना अपराध को भी जन्म देती है।
कामदेव इन स्थानों पर वास करते हैं
यौवन, खूबसूरती, स्त्री, फूल, गाना, फूलों का रस, पक्षियों की मधुर और सुरीली आवाज़, ख़ूबसूरत बाग-बगीचे, बसन्त ऋतु, चन्दन, कामुक लोगों की संगति में, छुपे हुए अंगों में, मदहोश करने वाली हवाओं और फिजाओं में, मनोहर स्थानों में, नए कपड़ों और गहनों में।
शुक्र और मंगल ग्रह कामदेव का प्रतीक हैं। इनके शुभ-अशुभ प्रभाव से व्यक्ति के शरीर में कामेच्छा पैदा होती है। ये कामदेव के सहायक होते हैं। जो पुरुष और महिला में हार्मोनल चेंज लेकर आते हैं।
Kamdev vashikaran mantra कामदेव वशीकरण मंत्र- जीवनसाथी से प्यार बढ़ाने और रुठे साथी को मनाने के लिए ये मंत्र बहुत प्रभावशाली है।
“ ॐ नमः काम-देवाय। सहकल सहद्रश सहमसह लिए वन्हे धुनन जनममदर्शनं उत्कण्ठितं कुरु कुरु, दक्ष दक्षु-धर कुसुम-वाणेन हन हन स्वाहा ”
Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."