स्नेहिल श्रीवास्तव की रिपोर्ट
लखनऊ । SR कॉलेज के हॉस्टल में रहनी वाली 13 साल की छात्रा प्रिया राठौर की गला दबाकर हत्या की गई थी। 20 जनवरी की रात शव हॉस्टल के ग्राउंड में मिला था। हत्या से पहले प्रिया का हाथ-पैर बांधकर घसीटा गया था। उसकी हड्डियां और पसलियां तक टूट गई हैं। इसका खुलासा प्रिया के पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से हुई है।
पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में छात्रा को बेरहमी से मारने की बात सामने आई है। रिपोर्ट से पता चला है कि हत्या से पहले उसके साथ मारपीट की गई। बांधकर उसको जमीन पर काफी दूर तक घसीटा गया। यूट्रस और उसके आस-पास के हिस्से में ढाई लीटर खून जमा मिला है।
हालांकि उसके प्राइवेट पार्ट पर किसी तरह की चोट नहीं है। मेडिकल एक्सपर्ट के मुताबिक उसकी मौत शॉक एंड हेमरेज की वजह से हुई है। वो सिर्फ 13 साल की थी। फोरेंसिक टीम ने मंगलवार को घटनास्थल की जांच की। उन्होंने भी प्रिया की मौत को हादसा या आत्महत्या नहीं, बल्कि हत्या की आशंका जताई है।
जालौन निवासी जसराम राठौर की बेटी प्रिया बीकेटी स्थित एसआर कॉलेज में पढ़ती थी। 20 जनवरी की रात शव हॉस्टल के ग्राउंड में मिला था। स्कूल प्रशासन के लगातार बयान बदलने और पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के हत्या की तरफ इशारे करने पर मंगलवार को एडीसीपी उत्तरी अभिजीत ने कॉलेज में फोरेंसिक टीम के साथ जांच की।
पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट को आधार मानते हुए एक्सपर्ट ने बताया कि प्रिया की गले (सर्वाइकल) की सी-7, सी-4 और सी-5 हड्डियां टूटी हैं। गले में ऐसी चोट भी पाई गई जो गिरने से नहीं, बल्कि गला दबाने या मारने से ही आ सकती है।
प्रिया के शरीर के पिछले हिस्से में रगड़ के निशान थे। जो घसीटे जाने की ओर इशारा करते हैं। मतलब उसका गला दबाया गया और उसे घसीटा भी गया। बर्बरता की वजह से उसके पैर की हड्डी व पसलियां टूटीं। एक्सपर्ट का कहना है कि एक तरह से लिंचिंग कर उसको मारा गया।
सूत्रों के मुताबिक फोरेंसिक टीम और एक्सपर्ट की राय के बाद पुलिस ने भी अपनी जांच हत्या की तरफ मोड़ दी है। चर्चा है पुलिस ने घटना से जुड़े एक युवक को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है।
छात्रा ने बचाव के लिए की थी कोशिश
छात्रा के हाथों के पंजों पर चोट के निशान, पैर का पंजा भी टूटा, ऐसी चोट हाथ-पैर बांधने पर आती हैं। कुछ चोटें ऐसी हैं, जिससे पता चला कि प्रिया ने बचने की कोशिश की थी। एक्सपर्ट के अनुसार हो सकता है कि प्रिया के हाथ पैर बांधे गए होंगे।
छत से कूदती तो इस तरह से नहीं टूटती हड्डी, खून बहता
फोरेंसिक टीम ने भी मंगलवार को घटनास्थल पर पहुंचकर छानबीन की। बिल्डिंग पांच मंजिला की है। बिल्डिंग की दीवार से प्रिया 3 फीट 11 इंच की दूरी पर पड़ी मिली थी। फोरेंसिक टीम के मुताबिक, ऊंचाई से कूदने पर दीवार के इतना नजदीक गिरना संभव नहीं है। अगर वह कूदी होती या छत से गिरी होती तो उसके शरीर से खून जरूर निकलता। आशंका है कि उसको मारकर वहां पर फेंका गया।
क्लास 3 से पढ़ाई कर रही थी प्रिया
प्रिया एसआर स्कूल में कक्षा तीन से (2017) से पढ़ रही थी। पिता जयराम के मुताबिक, 8 फरवरी 2021 को प्रिया की प्राथमिक विद्यालय में शिक्षिका मां जयंती का हमीरपुर तबादला होने के चलते 2021 में हॉस्टल में रख दिया। इन दिनों वह परिवार के साथ जालौन में रह रहे है। सर्दियों की छुट्टी में बेटी घर आई थी। गुरुवार को ही छुट्टी से घर लौटी थी। उसके घर से जाने के करीब 30 घंटे बाद उसकी मौत की खबर आ गई। जिससे पूरा परिवार टूट गया है।
पिता से आखिरी बार हुई थी बात
पिता जयराम राठौर के मुताबिक, शुक्रवार शाम 7 बजकर 47 मिनट पर वार्डन से कहकर अपनी बेटी से बात की थी। फोन पर उसने कुछ कमजोरी महसूस होने की बात कही। इस पर खाना खाकर आराम करने की बात कही। हम लोग खाना खाने की तैयारी कर रही रहे थे कि तभी 9 बजकर 4 मिनट पर वार्डन का फोन आया कि प्रिया गंभीर हालत में कॉलेज परिसर में स्कूटी के पास पड़ी मिली है। हम लोग लखनऊ के लिए रवाना ही हुए कि जानकारी हुई कि उसकी मौत हो गई है।
सुबह 4 बजे के करीब कॉलेज परिसर पहुंच कर घटना के विषय में जानकारी की। तब उसके साथ रहने वाले बच्चों ने हादसे के विषय में कुछ भी जानकारी होने से इनकार कर दिया। वह एक बड़े कमरे तीन बच्चों के साथ रहती थी। हॉस्टल में बाहरी लोगों का आना-जाना मना था। इसलिए वह खुद कभी हॉस्टल के अंदर नहीं गए थे।

Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."