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6 February 2025 12:31 am

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‘एक बार हंस दो बेटा… बाद में फिर सो जाना’ मासूम के शव को लेकर बैठी मां करती रही विलाप

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राकेश तिवारी की रिपोर्ट 

इटावा: एकता कॉलोनी में पानी के गड्डे में गिरकर मासूम हर्षित की मौत मामले में मां कविता उसके शव को सीने से लगाए रही। उसे विश्वास ही नहीं हो रहा है कि उसका बेटा अब इस दुनिया में नहीं है। मां अपने लाडले के चेहरे पर बार-बार हाथ फेरती और यही कहती कि एक बार हंस दो बेटा… बाद में सो जाना। 

‘हरषु को ठंड लग जाएगी, जल्दी इसके कपड़े बदलाव’

बेटे हर्षित का शव लेकर जब सिपाही सोनू घर पहुंचा तो चारों ओर चीख-पुकार मच गई। मां कविता ने हर्षित का शव गोद में ले लिया और फिर जमीन पर ही बैठ गई। रोते हुए मां कविता बार-बार एक ही बात दोहरा रही थी कि मेरे हरषु को कुछ नहीं हुआ है वह अभी उठेगा और मेरे गले लग जाएगा। इस बीच जब उसने बेटे के कपड़ों को गीला देखा तो कहा कि अरे हरषु को ठंड लग जाएगी… जल्दी से कपड़े लेकर आओ और इसके कपड़े बदलाओ। कुछ ही देर बाद उसकी जिद पर जैसे ही परिजन दूसरे कपड़े लाए तो वह उन्हें बदलने भी लगी। घटना को लेकर सीओ सिटी अमित सिंह और फ्रेंड्स कॉलोनी के थानाध्यक्ष विवेक चौधरी ने सोनू के परिवार से जानकारी ली। इसी के साथ परिजनों को ढांढस बंधाया गया।

खेलते-खेलते पानी भरे गड्ढे में गिरा था मासूम 

परिजन पहले हर्षित का अंतिम संस्कार युमना नदी के तट पर करने की तैयारी कर रहे थे, लेकिन बाद में सोनू के पिता श्रीचंद्र पहुंचे तो मथुरा में ही अंतिम संस्कार किया गया। इसके बाद पूरा परिवार मथुरा रवाना हो गया। ज्ञात हो कि बुधवार को ही सिपाही के मासूम बेटे की मौत हो गई थी। सिपाही बेटे का शव लेकर एसएसपी कार्यालय पहुंचा था। आरोप था कि बीमार पत्नी और बच्चे की देखभाल के लिए भी उसे अवकाश नहीं मिला। इसके बाद अफसरों ने उसे समझाकर वापस घर भेज दिया था। सिपाही सोनू सिंह वैदपुर थाने की क्यूआरटी में तैनात हैं। बुधवार को भी उनकी ड्यूटी ही थी। वह जाने के लिए तैयार हो रहे थे कि इसी बीच उनका बेटा हर्षित उर्फ गोलू खेलते-खेलते घर से बाहर निकला और बगल के प्लॉट तक पहुंच गया। यहीं पर हर्षित पानी से भरे गड्ढे में गिर गया। परिजन से डॉक्टर के पास ले गए लेकिन उसे बचाया नहीं जा सका। 

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Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

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