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19 January 2025 4:30 am

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“नेपाल सीमा पर चल रहे अवैध मदरसों की होगी जांच, कौन कर रहा है फंडिंग?” किया जाएगा पता

30 पाठकों ने अब तक पढा

चुन्नीलाल प्रधान की रिपोर्ट

उत्तर प्रदेश सरकार (UP Government) ने नेपाल की सीमा (Nepal Border) से सटे जिलों के जिलाधिकारियों (DM) को उन गैर मान्यता प्राप्त मदरसों (Madrasa) को फंडिंग (Funding) करने वाले सोर्सेज (sources) के बारे में जांच करने के आदेश दिए हैं। इन मदरसा संचालकों (Madrasa Directors) ने दावा किया है कि वो अपने संस्थानों को चलाने के लिए जकात (दान से पैसा) और अनुदान के पैसे का उपयोग करते हैं उन्होंने इस चलाने के लिए जकात और डोनेशन के पैसों को अपनी प्राथमिक आय बताया है। सरकार का आदेश राज्य में गैर मान्यता प्राप्त मदरसों की पहचान के लिए पिछले साल किए गए दो महीने के सर्वेक्षण के मद्देनजर आया है। सर्वे रिपोर्ट 15 नवंबर को सरकार को सौंपी गई थी।

दान के पैसों को बताया मदरसा चलाने की आय

कैबिनेट मंत्री धर्मपाल सिंह ने मीडिया को बताया, ये मदरसे उन लोगों के नाम का खुलासा नहीं कर रहे हैं जो उन्हें जकात और दान देते हैं। उन्होंने आगे कहा, “नेपाल सीमा पर क्षेत्रों में कई मदरसे हैं जिन्होंने जकात (दान का पैसा) और दान को अपने धन के स्रोत के रूप में बताया है। लेकिन सर्वे टीमों ने पाया कि इन इलाकों में रहने वाले लोग गरीब हैं और जकात और दान देने में सक्षम नहीं हैं। ऐसे कई मदरसों की पहचान की गई है और उनके धन के स्रोत की जांच के लिए निर्देश जारी किए गए हैं।”

हम नहीं चाहते कि हमारे बच्चों का गलत इस्तेमाल होः मंत्री

मंत्री ने बताया, “ऐसे मदरसे बड़ी संख्या में हैं। ऐसा लगता है कि इन मदरसों को बाहर से पैसा मिल रहा है। कोई बाहर से उन्हें फंड क्यों देगा? हम नहीं चाहते कि हमारे बच्चों का गलत इस्तेमाल हो, इसकी संभावनाएं हैं। इसलिए, इस बात पर ध्यान दिया जा रहा है और उनके धन के स्रोत की फिर से जांच की जा रही है।” सूत्रों ने बताया कि नेपाल की सीमा से लगे जिलों में जहां ऐसे मदरसे स्थित हैं, उनमें सिद्धार्थ नगर, बहराइच, श्रावस्ती, बलरामपुर और महराजगंज जिले शामिल हैं।

30 अगस्त को Yogi Government ने जारी किया था सर्वे का आदेश

इसके पहले 30 अगस्त को यूपी में योगी सरकार ने जिलाधिकारियों को गैर मान्यता प्राप्त मदरसों का सर्वेक्षण करने का निर्देश दिया था। राज्य में सर्वेक्षण 10 सितंबर को शुरू हुआ था और जिलाधिकारियों ने 15 नवंबर को सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंपी। दो महीने के सर्वेक्षण के दौरान, राज्य मदरसा शिक्षा बोर्ड द्वारा मान्यता प्राप्त कुल 8,449 मदरसे काम नहीं कर रहे थे। गैर मान्यता प्राप्त मदरसों की अधिकतम संख्या (550) मुरादाबाद जिले में पाए गए, इसके बाद सिद्धार्थ नगर (525) और फिर बहराइच (500) का स्थान है।

राज्य में कुल 25000 से भी ज्यादा मदरसों की संख्या

उत्तर प्रदेश में कुल 25,000 से अधिक मदरसे हैं और उनमें से 16,513 से अधिक को यूपी बोर्ड ऑफ मदरसा एजुकेशन द्वारा मान्यता प्राप्त है। इन मान्यता प्राप्त मदरसों में 19 लाख से अधिक छात्र नामांकित हैं। सरकार ने गैर मान्यता प्राप्त मदरसों को तीन श्रेणियों में बांटा है।

  • ऐसे मदरसे जो मान्यता प्राप्त करने के लिए शर्तों को पूरा करते हैं लेकिन उनका प्रबंधन संस्थान को मदरसा बोर्ड द्वारा मान्यता दिलाने के लिए तैयार नहीं है। उनके पास धन का अपना स्रोत है और वे अपने नियम बनाते हैं।
  • मदरसे जो मानदंडों को पूरा नहीं करते हैं लेकिन राज्य मदरसा बोर्ड द्वारा मान्यता प्राप्त करना चाहते हैं।
  • मदरसे जो बिना किसी रोडमैप का पालन किए मनमाने तरीके से चल रहे हैं।
samachar
Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

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