ठाकुर धर्म सिंह ब्रजवासी की रिपोर्ट
मथुरा, कान्हा नगरी मथुरा में विख्यात बांकेबिहारी मन्दिर के कारीडोर बनाने की दिशा में चिन्हांकन का काम शुरू होते ही इससे प्रभावित होने वाले लोगों के बीच विरोध की सुगबुगाहट शुरू हो गई है। इलाहाबाद उच्च न्यायालय के आदेश के तहत यह सर्वे किया जा रहा है जिसके अन्तर्गत कॉरीडोर बनने के बारे में चिन्हांकन शुरू हो गया है। कॉरीडोर बनने से लगभग 250 मकान और सवा सौ से अधिक दुकाने प्रभावित हो रहे हैं इसलिए वे अपने तरीके से इसे देख रहे हैं जबकि नगर आयुक्त अनुनय झा के अनुसार यह अभी तो हाईकोर्ट के आदेश का अनुपालन ही है।
नगर आयुक्त का कहना है कि जो भी योजना बनेगी उसमें तीर्थयात्रियों की सुविधा का विशेष ध्यान रखा जाएगा तथा चिन्हांकन का संबंध फिलहाल भूमि के अधिगृहण से नहीं है।
उन्होंने बताया कि पिछली 20 दिसंबर को बांकेबिहारी मन्दिर से संबंधित दायर एक याचिका में हाईकोर्ट ने प्रशासन को निर्देश दिया था कि वह बांकेबिहारी मन्दिर के विकास की योजना, उस पर होनेवाले व्यय, जमीन खरीदने पर होनेवाले खर्च को शामिल कर बनाए तथा 17 जनवरी को उक्त याचिका पर होनेवाली सुनवाई में पेश करे। उन्होंने बताया कि इसी के अन्तर्गत जिलाधिकारी ने 25 दिसंबर को आठ सदस्यीय समिति बनाई थी जिसका अध्यक्ष उन्हें बनाया गया था। नगर आयुक्त ने बताया कि इसके अन्तर्गत पहले टीम के सभी सदस्यों की राजस्व विभाग के अधिकारियों के साथ मीटिंग हुई उसके बाद ही काम शुरू किया गया है।
उन्होंने बताया कि चिन्हांकन आदि का काम इस सप्ताह पूरा कर लिया जाएगा तथा इसके लिए चार टीमे बनाई गई हैं। टीम में विकास प्राधिकरण, नगर निगम, राजस्व विभाग के साथ साथ पुलिस विभाग के अधिकारियों को शामिल किया गया है। चिन्हांकन आदि का काम इसी सप्ताह पूरा कर उसे जिलाधिकारी को सौंपा जाएगा जिससे निर्धारित तिथि पर इसे हाईकोर्ट में पेश किया जा सके।
अखिल भारतीय तीर्थ पुरोहित महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष महेश पाठक ने सरकार से कहा है कि कॉरीडोर बनाने के पहले इससे प्रभावित होनेवाले पक्षों से भी बातकर उनकी राय को भी महत्व दिया जाना चाहिए।
Author: samachar
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