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November 23, 2024 1:27 am

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मां के बराबर कोई नहीं….पीएम मोदी की मां हीरा बा के अंतिम संस्कार की तैयारियां पूरी, वीडियो ? देखिए

12 पाठकों ने अब तक पढा

मन्नू भाई गुजराती की रिपोर्ट 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) की मां हीराबेन (Narendra Modi Mother Heeraben Passed Away ) का निधन हो गया। वह 100 साल की थीं। उन्हें बुधवार को अहमदाबाद के यू.एन. मेहता अस्पताल में भर्ती कराया गया था। पीएम मोदी भी उनसे मिलने अहमदाबाद पहुंचे थे। उनके निधन की जानकारी पीएम मोदी ने भावुक ट्वीट करते हुए दी। हीराबेन के निधन के बाद देशभर के तमाम नेता श्रद्धांजलि दे रहे हैं।

पीएम मोदी की मां हीरा बा के अंतिम संस्कार की तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। हीरा बा का अंतिम संस्कार गांधीनगर के सेक्टर-30 मुक्तिधाम में होगा। हीरा बा की अंतिम विदाई में परिवार के लोगों के साथ उनके मायके पक्ष के लोगों की मौजूदगी रही। इस दौरान पीएम मोदी भी अपनी मां के पार्थिव शरीर को कंधा देते नजर आए।

पीएम मोदी की मां हीरा बा का अंतिम संस्कार गांधी नगर में होगा। पीएम मोदी ने अपनी मां हीरा बा के पार्थिव शरीर को कंधा दिया। गांधीनगर के सेक्टर-30 स्थित श्मशान घाट पर पीएम मोदी की मां हीरा बा अंतिम संस्कार किया जाएगा। हीरा बा पीएम मोदी के भाई पंकज मोदी के साथ रहती थीं।

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प्रधानमंत्री की मां ने जब इसी साल 10 जून को सौवें साल में प्रवेश किया था तो पीएम मोदी मां से अपने लगाव को अभिव्यक्त करते हुए एक ब्लॉग लिखा था। इसमें उन्होंने लिखा था कि वे आज जो कुछ भी हैं उसमें उनकी मां का योगदान है। मां उनके लिए एक पिलर के समान है। इस ब्लॉग में पीएम मोदी ने विस्तार से मां के बारे में चर्चा की थी। पीएम ने लिखा था कि मेरी मां, हीराबा आज 18 जून को अपने सौवें वर्ष में प्रवेश कर रही हैं। यानि उनका जन्म शताब्दी वर्ष प्रारंभ हो रहा है। पिताजी आज होते, तो पिछले सप्ताह वो भी 100 वर्ष के हो गए होते। यानि 2022 एक ऐसा वर्ष है जब मेरी मां का जन्मशताब्दी वर्ष प्रारंभ हो रहा है और इसी साल मेरे पिताजी का जन्मशताब्दी वर्ष पूर्ण हुआ है।

हीरा बा को नहीं मिला मां का प्यार

पीएम मोदी की मां का जीवन संघर्ष से भरा हुआ है। हीरा बा ने बेहद छोटी उम्र में मां को खो दिया। पीएम मोदी ने इसका जिक्र अपने ब्लॉग में किया था कि मेरी मां को नानी का प्यार नहीं मिला। एक शताब्दी पहले आई वैश्विक बीमारी ने उनकी जान ले ली। मेरी मां का बचपन मां के बिना ही बीता, वो अपनी मां से जिद नहीं कर पाईं, उनके आंचल में सिर नहीं छिपा पाईं। मां को अक्षर ज्ञान भी नसीब नहीं हुआ, उन्होंने स्कूल का दरवाजा भी नहीं देखा। उन्होंने देखी तो सिर्फ गरीबी और घर में हर तरफ अभाव। दूसरे भाइयों से अलग राह चुनने वाले पीएम नरेंद्र मोदी के फैसलों में हमेशा हीरा बा साथ रहीं, यहीं वजह है कि पीएम मोदी का मां से एक बेहद गहरा रिश्ता है। कह सकते हैं कि पीएम मोदी के लिए मां के बराबर कोई नहीं हैं।

31 साल हो रहे पूरे

पिछले आठ वर्षों में हीरा बा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आधिकारिक आवास पर सिर्फ एक बार गईं। हालांकि प्रधानमंत्री कई मौकों पर मां से मिलने के लिए गांधीनगर पहुंचते रहे हैं। हीरा बा भले ही पीएम नरेंद्र मोदी से दूर रही हों लेकिन वे सतत चिंता करती रही। 31 साल पहले एक ऐसा ही वाकया हुआ था तब हीरा बा नरेंद्र मोदी की चिंता में बेचैन हो गई थीं और फोन करके हालचाल पूछा था। दिसंबर, 1991 में नरेंद्र मोदी एकता यात्रा पर थे। इस यात्रा की अगुवाई डॉ. मुरली मनोहर जोशी कर रहे थे, लेकिन इस यात्रा की पूरी कमान नरेंद्र मोदी के हाथों में थी। जब एकता यात्रा जम्मू-कश्मीर पहुंची तो फगवाड़ा में आंतकी हमला हुआ और कुछ लोगों के मारे गए तो हीरा बा बेचैन हो गई थीं। हीरा बा उस वक्त अपनी बेचैनी को नहीं छुपा पाई थी और उन्होंने फोन करके नरेंद्र मोदी का हालचाल लिया था। तमाम विरोधों के बाद एकता यात्रा 26 जनवरी, 1992 को श्रीनगर में पूरी हुई थी। इसी दिन डॉ. मुरली मनोहर जोशी की अगुवाई में श्रीनगर के लाल चौक पर तिरंगा फहराया गया था। इसके बाद नरेंद्र मोदी जब अहमदाबाद लौटे तो उनका स्वागत करने के लिए पहली बार हीरा बा मंच पर पहुंची थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जब ब्लॉग लिखा था इस खासतौर पर इस घटना जिक्र भी किया था। शायद यही वजह है कि पीएम मोदी के फैसले हो या फिर उनकी हर कामयाबी हीरा बा सदैव उनके साथ खड़ी रहीं।

मां ही हैं सब कुछ

पीएम मोदी और हीरा बा के अटूट जड़ाव पर समाजशास्त्री डॉ. जयेश शाह कहते हैं नरेंद्र मोदी ने सदैव मां की चिंता की है, लेकिन परिवार को अपने राजनैतिक जीवन पर हावी नहीं होने दिया है। वे इकलौते ऐसे प्रधानमंत्री हैं जिन्होंने अपने परिवार को अपने से दूर रखा है। साथ ही साथ सनातन हिंदू धर्म में जो मां को स्थान दिया गया है, उसकी झलक भी उनके व्यवहार में दिखती है। वे भले प्रधानमंत्री हैं लेकिन मां आज भी उनके लिए सबकुछ हैं। मां के आशीर्वाद से उन्होंने सार्वजनिक जीवन में ऊंचाई को हासिल किया लेकिन परिवार को इसका लाभ नहीं लेने दिया। शाह कहते हैं सरदार पटेल ने भी जीते जी ऐसा किया था और अपने बेटे को दिल्ली आने तक से रोक दिया था। प्रख्यात समाजशास्त्री प्रो. विद्युत जोशी कहते हैं कि पीएम नरेंद्र मोदी ने घर का त्याग कर दिया था, लेकिन मां तो मां होती है। उससे रिश्ता खत्म नहीं होता है यही वजह है कि वे जब भी गुजरात आते हैं तो मां से मिलते हैं।

वडनगर के व्यापारी हीरा बा को देंगे श्रद्धांजलि, बंद रखेंगे बाजार

गुजरात के वडनगर में व्यापारियों ने हीरा बा के निधन पर गहरा शोक जताया है। व्यापारियों ने फैसला किया है कि वे आज पूरे दिन बाजार को बंद रखेंगे। व्यापारियों ने सर्वसम्मति से इस बारे में फैसला लिया।

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Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

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