दुर्गा प्रसाद शुक्ला की रिपोर्ट
अच्छी-बुरी यादों के साथ वर्ष 2022 खत्म हो गया। अब नया साल 2023 नई आशाओं को लिए शुरू हो रहा है। लेकिन अगर इस बीते हुए साल पर एक नजर डालें तो आपको जीवन में सालभर में हुई उन घटनाओं की याद आएगी, जिन्होंने आपके जीवन पर कुछ प्रभाव डाला। कई लोगों का जीवन इन एक साल में बदला। किसी को नौकरी मिली, तो किसी की शादी हो गई, किसी ने अपने करीबी को खोया तो किसी ने अपने सपने को पा लिया। इस बात का आकलन तो आपको ही करना है कि बीता हुआ साल कैसा रहा। लेकिन वर्ष 2022 के पन्नों को पलटकर देखें तो कुछ ऐसी बड़ी घटनाएं घटित हुईं, जो इतिहास बनकर रह जाएंगी। साल की शुरुआत में एक बहुत बड़ी घटना से सबको हैरान कर दिया। कोरोना के दौर से परेशान लोग कुछ अच्छा होने की उम्मीद कर रहे थे लेकिन साल के पहले ही दिन एक दुर्घटना हो गई। हालांकि बाद में कुछ अच्छे मौके भी आएं। आइए जानते हैं वर्ष 2022 की सबसे बड़ी घटना, जो हमेशा याद रहेंगी।
इस साल खेलों में हमने काफी बेहतरीन प्रदर्शन किया। पहली बार कॉमनवेल्थ गेम में क्रिकेट को शामिल किया गया और हमारी लड़कियों ने सिल्वर मेडल पर कब्जा जमाया। हालांकि मेन्स टी-20 विश्वकप में हमारा सफर सेमीफाइनल में बुरी हार के साथ खत्म हुआ।
रूस का यूक्रेन पर आक्रमण, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री के रूप में एक भारतीय की ताजपोशी, चीन में राष्ट्रपति शी जिनफिंग का तीसरा कार्यकाल के लिए मनोनयन, श्रीलंका की अर्थव्यवस्था का धराशायी होना, एलन मस्क का ट्विटर खरीदना, महारानी एलिजाबेथ की मृत्यु, ईरान में हिजाब के खिलाफ विद्रोह, यूरोप में ऊर्जा संकट, दुनिया की आबादी का 800 करोड़ से पार कर जाना और जिस कोरोना से अभी हम उबर ही रहे थे उसका वपास लौट आना…2022 की इन शीर्ष दस घटनाओं ने पूरी दुनिया की राजनीति और अर्थव्यवस्थाओं को हिला कर रख दिया। इनमें से कई कहानियां तो आने वाले साल 2023 में और उसके बाद भी जारी रहेंगी।
राजनीति में कांग्रेस को 25 साल बाद गांधी परिवार से बाहर का अध्यक्ष मिला तो बीजेपी की यूपी-उत्तराखंड और गोवा में वापसी हुई। दिल्ली के बाद अब पंजाब में भी केजरीवाल की सरकार है। देखिए इस साल की बड़ी घटनाएं…
पीएम मोदी की सुरक्षा से खिलवाड़– साल की शुरुआत काफी अच्छी नहीं रही। पहली जनवरी को ही वैष्णों माता मंदिर में भगदड़ मच गई, जिसमें 12 लोगों की मौत हो गई। 5 जनवरी को पंजाब में पीएम मोदी की सुरक्षा में बड़ी लापरवाही बरती गई। पंजाब दौरे पर गए पीएम मोदी का काफिले को एक पुल पर किसानों ने रोक लिया। पीएम मोदी यहां करीब आधा घंटा फंसे रहे। पीएम मोदी का काफिला जहां रुका था वहां से पाकिस्तान बॉर्डर महज 20 किमी. की दूरी पर है।
हिजाब विवाद– कर्नाटक में हिजाब विवाद अक्टूबर 2021 में शुरू हुआ था, लेकिन इस साल जनवरी में मामले ने कुछ ज्यादा ही तूल पकड़ लिया। 5 राज्यों में चुनाव को देखते हुए इस मामले में जमकर राजनीति हुई। सुप्रीम कोर्ट में दो जजों की बेंच का फैसला भी विभाजित रहा, जिसके चलते अब मामला बड़ी बेंच के पास है।
5 राज्यों के चुनाव परिणाम– इस साल यूपी, उत्तराखंड और पंजाब सहित पांच राज्यों के चुनाव नतीजों ने देश की राजनीति को एक नई दिशा दी। यूपी और उत्तराखंड में बीजेपी ने वापसी करते हुए इतिहास रच दिया। यूपी में अखिलेश की घेराबंदी को सीएम योगी ने तहस-नहस कर दिया। वहीं पंजाब में केजरीवाल की झाड़ू में पूरा विपक्ष साफ हो गया। अब आम आदमी पार्टी की दिल्ली के बाहर भी पूर्ण बहुमत की सरकार है। इस जीत ने केजरीवाल को राष्ट्रीय स्तर का नेता साबित कर दिया है। गोवा और मणिपुर में भी बीजेपी की सत्ता में वापसी हुई।
कांग्रेस को मिला गैर गांधी अध्यक्ष– कांग्रेस को तकरीबन 24 साल बाद गांधी परिवार से बाहर का अध्यक्ष मिला है। कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव में मल्लिकार्जुन खरगे ने शशि थरूर को करारी शिकस्त दी। चुनावों में खरगे को 7,897 वोट मिले। इसी के साथ खरगे पार्टी के दूसरे दलित अध्यक्ष हैं।
महाराष्ट्र्र-बिहार में सत्ता परिवर्तन– इस साल महाराष्ट्र और बिहार में सत्ता परिवर्तन भी देखने को मिला। महाराष्ट्र में उद्धव की कुर्सी छिन गई, तो बिहार की सत्ता से बीजेपी को बाहर कर दिया गया। महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में 40 से ज्यादा विधायकों ने उद्धव से बगावत कर दी। बागी विधायकों ने बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बना ली और एकनाथ शिंदे मुख्यमंत्री बन गए। वहीं बिहार में नीतीश कुमार ने राजद के साथ मिलकर महागठबंधन की सरकार बना ली और बीजेपी को सत्ता से बाहर का रास्ता दिखा दिया।
नूपुर शर्मा विवाद– बीजेपी से निष्कासित नूपुर शर्मा की ओर से मोहम्मद साहब पर विवादित टिप्पणी करने से देश ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में बवाल मच गया। नूपुर शर्मा की गिरफ्तारी के लिए पूरे देश में हिंसक प्रदर्शन हुए। सउदी अरब और कतर सहित तमाम मुस्लिम देशों ने भी अपनी नाराजगी जाहिर की। वहीं बीजेपी ने नूपुर शर्मा के विवादित बयान से किनारा करते हुए उन्हें पार्टी से बाहर कर दिया।
PFI पर बैन– नूपुर शर्मा के बयान पर देशभर में मुस्लिम संगठनों ने ‘सिर तन से जुदा’ के नारे लगाते हुए प्रदर्शन किए। इसी के कुछ दिनों बाद उदयपुर में दो मुस्लिम युवकों ने हिंदू टेलर कन्हैयालाल की बड़ी बेहरहमी से गला रेतकर हत्या कर दी गई। आरोपियों ने इस हत्याकांड का वीडियो बनाकर उसे भी सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया। महाराष्ट्र के अमरावती से भी ऐसी ही घटना सामने आई। इन घटनाओं ने देश में डर का माहौल पैदा कर दिया। इनके पीछे पीएफआई को जिम्मेदार ठहराया गया। जिसके बाद धार्मिक उन्माद फैलाने के आरोप में इस मुस्लिम संगठन पर केंद्र सरकार ने बैन लगा दिया।
द कश्मीर फाइल्स पर विवाद– कश्मीरी पंडितों पर हुए जुल्म को बयां करने वाली फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ रिलीज हुई। फिल्म को जबरदस्त सफलता मिली। हालांकि इस फिल्म पर विवाद भी बहुत हुआ। विपक्ष सहित एक बड़ा वर्ग इस फिल्म को प्रोपेगेंडा बताकर फिल्म के बॉयकॉट की अपील की। इसके बाद भी फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर सफलता के सारे रिकॉर्ड को ध्वस्त कर दिया। अब एक बार फिर से फिल्म पर विवाद शुरू हो चुका है।
हस्तियों ने कहा अलविदा
इस साल कई हस्तियों ने भी हमें अलविदा कह दिया। 17 जनवरी को बिरजू महाराज, 6 फरवरी में को लता मंगेशकर, 15 फरवरी को बप्पी लहरी, 12 फरवरी को राहुल बजाज का निधन हो गया था। वहीं, 21 सितंबर को कार्डियक अरेस्ट की वजह से कॉमेडियन राजू श्रीवास्तव ने भी दुनिया को अलविदा कह दिया।
लता मंगेशकर निधन– स्वर कोकिला के नाम से मशहूर भारत रत्न लता मंगेशकर का इसी साल 6 फरवरी को निधन हो गया। 92 साल की उम्र में उन्होंने मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में अपनी अंतिम सांस ली थी। उन्होंने 13 साल की उम्र में 1942 में अपने करियर की शुरुआत की थी। उन्होंने भारत की कई भाषाओं में 30 हजार से ज्यादा गाने गाए थे।
श्रद्धा हत्याकांड– दिल्ली के महरौली के श्रद्धा हत्याकांड ने सभी का दिल दहला दिया। श्रद्धा के कत्ल का आरोप उसी के बॉयफ्रेंड आफताब पर लगा है। आफताब ने श्रद्धा का गला दबाकर कत्ल किया और फिर लाश के 35 टुकड़े करके जंगल में फेंक दिया। इस साल का ये सबसे खौफनाक हत्याकांड है। आफताब इस समय तिहाड़ जेल में बंद है। वहीं दिल्ली पुलिस अभी भी सबूत तलाश कर रही है। पुलिस को श्रद्धा का सिर अभी तक नहीं मिला है।
अग्निपथ स्कीम
जून में अग्निपथ स्कीम सुर्खियों में रहा। इस दौरान भारत सरकार की ओर से शुरू की गई अग्निपथ स्कीम का विरोध किया गया। विरोधियों ने इस दौरान कई ट्रेनों को जला दिया, जिससे रेलवे नेटवर्क काफी प्रभावित रहा।
Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."