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November 25, 2024 1:53 am

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दस्तावेजों की तरह सुना रहा ‘फर्जी’ कहानियां, फर्जीवाड़े का खिलाड़ी बंगलादेशी नागरिक रिजवान मोहम्मद

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दुर्गा प्रसाद शुक्ला की रिपोर्ट 

कानपुर: कानपुर में अवैधरूप से रह रहे बांग्लादेशी नागरिक रिजवान मोहम्मद को मिली तीन दिन की पुलिस कस्टडी रिमांड रविवार को समाप्त हो गई। शाम पांच बजे पुलिस ने उसे मेडिकल के बाद दोबारा जेल भेज दिया। पुलिस का दावा है कि कोलकाता से कई अहम साक्ष्य मिले हैं, जिससे साबित हो रहा है कि रिजवान मोहम्मद अभी भी तमाम सच छिपा रहा है।

मूलगंज पुलिस ने 11 दिसंबर को रिजवान मोहम्मद, उसकी पत्नी हिना, ससुर खालिद, बेटी रुखसाना और दो नाबालिग बेटों को गिरफ्तार किया था। इंपीरियल हाउस स्थित उसके घर से तमाम कूटरचित व फर्जी दस्तावेज मिले थे, जिसमें आधार कार्ड भी शामिल हैं। पहली बार रिमांड लेने के दौरान बांग्लादेशी नागरिक के यहां से बच्चों की कोलकाता की टीसी व अंकपत्र मिले थे।

पुलिस ने शुक्रवार को दोबारा रिजवान मोहम्मद को तीन दिन के लिए पुलिस कस्टडी रिमांड पर लिया था और उसे कोलकाता लेकर गए थे। कोलकाता को लेकर रिजवान द्वारा सुनाई गई सारी कहानी भी उसके दस्तावेजों की तरह ही फर्जी निकली। बच्चों के टीसी व अंकपत्र नकली पाए गए। कोलकाता से पुलिस टीम शनिवार देर रात करीब एक बजे वापस आ गई। इसके बाद रविवार की सुबह अज्ञात स्थान पर रखकर रिजवान से कोलकाता में हुई पड़ताल और प्राप्त दस्तावेजों को लेकर पूछताछ हुई। विवेचक इंस्पेक्टर सूर्यबली पांडेय ने बताया कि रिमांड अवधि पूरी होने से पहले ही रिजवान मोहम्मद को जेल भेज दिया गया।

यह है पूरा मामला

साल 1998 में रिजवान का कानपुर के मैदा बाजार निवासी हिना से दिल्ली में निकाह हुआ था। इसके बाद वह चोरी छिपे कोलकाता होते हुए सड़क मार्ग से पत्नी समेत बांग्लादेश लौट गया। हिना ने वहां तीन बच्चों को जन्म दिया। वर्ष 2016 में रिजवान अपनी पत्नी व बच्चों के साथ अवैध रूप से दोबारा बंगाल के रास्ते ही भारत में घुसा और तब से यहीं रह रहा था। इस मामले में गंभीर धाराओं में थाना मूलगंज में मुकदमा दर्ज किया गया।

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Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

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