कमलेश कुमार चौधरी की रिपोर्ट
लखनऊ। ग्राम पंचायत भागूखेडा की रहने वाली पीड़ित महिला संतोष कुमारी पत्नी संजीवन लाल के मकान को अचानक बिना सूचना दिए राजस्व विभाग की लेखपाल एवं नायब तहसीलदार के द्वारा भ्रमित करके गलत सूचना के आधार पर सरोजनी नगर तहसीलदार मीनाक्षी के आदेशानुसार बिना जानकारी के 35 वर्ष पुराना बना हुआ मकान अचानक जेसीबी मशीन के माध्यम से जमींदोज कर दिया गया। आज दिनांक 19/12/2022 को तहसील सरोजनी नगर में पीड़ित महिला अपने प्रार्थना पत्र लेकर अपने प्रधान के द्वारा 50 रुपए की रसीद दिनांक 22/10/1987 को आवंटित होने के पश्चात भी लगातार काविज हैं। लेकिन एक झटके में लेखपालों व कानूनगो तथा प्रापर्टी डीलरो की सांठगांठ के कारण मकान को तोड़ दिया गया।
योगी सरकार के अधिकारियों को सख्त निर्देशों में स्पष्ट रुप से कहा गया कि किसी भी ग्राम वासियों की स्थिति देखकर कार्यवाही की जाय। यदि कोई व्यक्ति के पास घर नहीं है और ग्राम सभा की भूमि पर अबैध सरकारी भूमि पर निवास करता है तो उस पीड़ित गरीब को जब तक नहीं हटाया जायेगा जबतक सरकार पीड़ित गरीब परिवार को रहने की व्यवस्था नहीं करती हैं। लेकिन सरोजिनी नगर में खुलेआम लेखपालों की मनमानी देखी जा सकती हैं।
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उपजिलाधिकारी सरोजनी नगर को सैकड़ों बार वीडियो बनाकर भेजने के वावजूद कोई कार्यवाही नहीं की गई। साथ ही लगातार दबंगों द्वारा कब्जा किया जा रहा लेखपाल व नायब तहसीलदार को भी अवगत कराया गया लेकिन किसी राजस्व विभाग के अधिकारी ने निर्माण कार्य नहीं रोका गया।
पीड़ित महिला संतोष कुमारी पत्नी संजीवन लाल के मकान तोड़ने की वजह जब पत्रकारों ने तहसीलदार मीनाक्षी महोदया से पूछने पर मैडम ने जबाव दिया कि मकान अबैध एवं सरकारी भूमि पर बना हुआ था।
सूत्रों की मानें तो हम जिला अधिकारी लखनऊ से भी आग्रह करेंगे कि सिर्फ एक बार अपने द्वारा मौके की स्थिति देखकर बताने का कष्ट करें की जिस पीड़ित महिला के मकान को गिराया गया खाली एक ही मकान अबैध बना हुआ था वाकी मकान वीडियो में देखिए क्या राजस्व विभाग इन मकानों को सही साबित करने की जिम्मेदारी लेगा।
सच्चाई यह है कि पीड़ित महिला के पीछे कुछ प्रापर्टी डीलरो के द्वारा जमीन खरीदकर प्लाटिंग की जा रही है। जैसा कि गांववासियों ने बताया है और रास्ता न होने के कारण षड्यंत्र रचा गया और सब से ज्यादा लेखपालों द्वारा हर ग्राम पंचायतों षडयंत्र के तहत भोले भाले गरीब पीड़ित परिवारों के साथ सरकारी अधिकारियों की मिलीभगत से वेस कीमती जमीनों का खेल खेला जा रहा । और पीड़ित गरीब परिवार तहसील सरोजनी नगर के चक्कर लगाते लगाते थक जाते हैं।
आज पूरा पीड़ित परिवार अपने बच्चों के साथ रोड पर सोने को मजबूर हैं। इस के अलावा महिला के पास कोई रहने का आसरा नहीं।
Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."