सुरेन्द्र प्रताप सिंह की रिपोर्ट
जयपुर । दिल्ली के श्रद्धा मर्डर जैसे मामले ने सभी को हैरान कर दिया है। आरोपी अनुज शर्मा (32) ने अपनी ताई सरोज (65) की हत्या की और फिर शव के 8 टुकड़े कर दिए। परिवार के लोग अब भी यकीन नहीं कर पा रहे हैं कि अनुज ऐसा कर सकता है। अनुज एक साल से हरे कृष्णा मूवमेंट से जुड़ा था।
पूछताछ में चौंकाने वाले खुलासे हुए। अनुज ने बताया कि वह मर्डर के बाद हरिद्वार गया था, वहां गंगा में स्नान किया और इसके बाद कीर्तन में हिस्सा लिया। पुलिस ने अनुज से शव के टुकड़े करने के बारे में पूछा तो बोला ‘आप लोग ही बता दो मैं शव को डिस्पोज कैसे करता।’
हत्या से एक दिन पहले खुद अनुज ताई सरोज की कीमो करवाकर लाया था। ताई सरोज का महात्मा गांधी मेडिकल कॉलेज में कैंसर का इलाज चल रहा था। ताई कहती थी अभी 5-6 साल तो आसानी से जी जाऊंगी।
DCP (नॉर्थ) परिस देशमुख ने बताया- अनुज ने बीटेक किया था। पढ़ाई पूरी होने के बाद एक साल जयपुर में जॉब भी की थी। पिछले एक साल से वह फुल टाइम हरे कृष्णा मूवमेंट से जुड़ा हुआ था।
मीडियाकर्मियों ने सवाल किया तो बोला- कोर्ट का फैसला आने दो, अभी दोषी नहीं
पुलिस गिरफ्त में अनुज बोला- मैं कसूरवार नहीं हूं। कोर्ट फैसला करेगा, तब आरोपी माना जाऊंगा। कोर्ट में दोषी होने पर मेरी फोटो खींच लेना। अभी मैं दोषी नहीं हूं, मेरे वकील से बात करना।
लोग मिलने आए, शव बाथरूम में था, पर अनुज के चेहरे पर शिकन नहीं थी
शव ठिकाने लगाने के बाद अनुज 13 दिसंबर को हरिद्वार जाने की बात कहकर घर से निकल गया। हरिद्वार के पतंजलि संस्थान में पेट दर्द का इलाज करवाया। गंगा स्नान कर गंगाजल लिया। गाजियाबाद में धार्मिक संस्थान से जुड़े भक्त दोस्त के घर जाकर गंगाजल दिया। एक दिन दोस्त के यहां रुक कर दिल्ली में संकीर्तन किया, इसके बाद एक दिन बुआ के घर रुका।
अनुज 2 दिसंबर से ही आध्यात्मिक ग्रुप से जुड़े लोगों से मिलने नहीं जा सका था। कई दिनों तक जब अनुज नहीं आया तो 11 दिसंबर की दोपहर संस्थान से जुड़े दो अनुयायी उसके घर पहुंचे। दोनों करीब 40 मिनट घर पर रुके। उस समय ताई सरोज का शव बाथरूम में ही पड़ा था। हैरत की बात है कि अनुज के हाव-भाव और बातचीत में कहीं कोई घबराहट नहीं दिखी थी।
हत्या के बाद भी नॉर्मल रहा, खुलास हुआ तो सभी चौंक गए
मर्डर के बाद भी हत्यारा अनुज नॉर्मल रहा। घटना के बाद वह कुछ लोगों से मिला भी था। अपने दोस्तों और साथियों से मुलाकात के दौरान वह नॉर्मल रहा। परिचित और दोस्तों को उसके नॉर्मल तरीके से मिलने पर अंदेशा ही नहीं हो सका कि उसने अपनी ताई का मर्डर कर दिया है।
मर्डर के बाद खूब रोया था अनुज, बदनामी का डर सताने लगा
पूछताछ में अनुज ने बताया कि ताई की हत्या करने के बाद वह खूब रोया, मगर जैसे ही खुद को संभाला तो उसे परिवार की बदनामी का डर सताने लगा। उसे भविष्य और धार्मिक संगठन की चिंता हुई तो शव को ठिकाने लगाने की तैयारी में जुट गया। हैरत की बात है कि उसके चेहरे पर अब शिकन तक नहीं दिख रही है।
घर से झगड़े की आवाज तक नहीं सुनी
अपार्टमेंट में रहने वालों लोगों ने बताया कि अनुज की फैमिली यहां कई सालों से रह रही है। उनके घर से कभी झगड़ने की आवाज तक नहीं सुनी। अनुज ने अपनी ताई का मर्डर कर शव के टुकड़ों को ठिकाने लगाया, ऐसा वो सोच भी नहीं सकते। अनुज हमेशा जब भी मिलता उसके मुंह से भगवान का नाम और हाथ में माला रहती थी।
अपार्टमेंट में रहने वाले मोहन का कहना है कि मुझे ज्यादा समय यहां नहीं हुआ है। मैं किराए से रहता हूं, जबकि अनुज के पिता का खुद का फ्लैट है। मैंने जब भी अनुज को देखा तो सिर पर चोटी, हाथ में माला और हरे कृष्णा-हरे राम जपता था।
बहनों ने खून साफ करते देखा था, तभी से शक गहरा गया
मर्डर के दो दिन बाद 13 दिसम्बर को उसे दोबारा रसोई की दीवार पर खून का धब्बा लगा दिखाई दिया। खून के धब्बों को मिटाने के लिए एक बार उसने दोबारा मेहनत की। वहां मौजूद चचेरी बहन ने उसे देख लिया। वहीं से उस पर शक शुरू हो गया। बहनों की चचेरे भाई को लेकर शक पर पुलिस ने सख्ती से पूछताछ की। अनुज ने पुलिस के सामने हत्या कर शव को ठिकाने लगाना कबूल किया।
Author: samachar
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