चुन्नीलाल प्रधान की रिपोर्ट
कर्नलगंज/हलधरमऊ गोण्डा। स्थानीय तहसील क्षेत्र के अन्तर्गत मैजापुर में एशिया के सबसे बड़े एथेनॉल प्लांट का शिलान्यास बीते महीनों प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ ने किया था। वहीं अधिकारियों को फटकार लगाते हुए सख्त निर्देश दिया गया था कि मैजापुर चीनी मिल को जाने वाली किसी भी सड़क में गड्ढा नहीं दिखना चाहिए,जिससे किसान भाई आसानी से गन्ने की आपूर्ति मिल को कर सकें। क्षेत्र के जन प्रतिनिधि और जिम्मेदार अधिकारियों की शिथिलता के कारण मुख्यमंत्री के आदेश को अनसुनी कर सड़कों के बिना बने ही मिल का संचालन प्रारंभ कर दिया गया है। जिससे किसान अपनी उपज जगह जगह गड्ढे वाली सड़कों से ले जाने को मजबूर है। किसान अपनी जान जोखिम में डालकर कर मिल को जाते हैं,जिससे दुर्घटना की संभावना प्रायः बनी रहती है।
बताते चलें कि गोंडा लखनऊ राजमार्ग से मैजापुर चीनी मिल को जाने का रास्ता इतना गड़बड़ है कि लोग परेशान हैं और दुर्घटना के शिकार भी हो जाते हैं। बताते चलें कि सभी मिलों के पेराई सत्र शुरू हो चुके हैं। इसी क्रम में मैजापुर चीनी मिल भी अपने पेराई सत्र को शुरू कर चुकी है। मिल शुरू होने के बाद ही इसमें खराबियां आनी शुरू हो गयी हैं, जिससे किसानों को लाइनों में खड़े हो कर अपनी बारी का इंतजार करना पड़ रहा है।
मिल चालू होने के दौरान तो काफी कयास लगाए जा रहे थे कि मिल इस सत्र में प्रतिदिन पचास हजार कुंटल गन्ने की पेराई करेगी। लेकिन अब वह संभव नहीं दिख रहा। इसी के साथ ही मिल क्षेत्र के गेट के किसान अभी तक पर्ची न मिलने से नाराज हैं। गेट क्षेत्र में आने वाले किसान पहले मिल के देर में चलाये जाने से परेशान थे और अब किसी तरीके से मिल चली तो पर्ची नहीं मिल रही है।किसान गन्ना काटने के बाद गेंहू की बोआई करते हैं और अब वह पिछड़ रही है।
Author: samachar
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