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November 23, 2024 12:27 am

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प्राथमिक विद्यालय पचोखर-2 में मनाया गया भारतीय भाषा उत्सव

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दुर्गा प्रसाद शुक्ला की रिपोर्ट 

अतर्रा (बांदा)। प्राथमिक विद्यालय पचोखर -2 क्षेत्र महुआ में तमिल भाषा के महाकवि चिन्नास्वामी सुब्रमण्यम भारती की जन्मदिन 11 दिसंबर को भारतीय भाषा उत्सव के रूप में मनाया गया। कार्यक्रम में बच्चों एवं शिक्षकों ने सहभागिता की और विभिन्न प्रस्तुतियों के माध्यम से भाषाओं के परस्पर संबंधों पर प्रकाश डाला।

प्राथमिक विद्यालय पचोखर – 2 में आयोजित भारतीय भाषा उत्सव में बोलते हुए प्रधानाध्यापक साहित्यकार प्रमोद दीक्षित मलय ने कहा तमिल भाषा के महान रचनाकार चिन्नास्वामी सुब्रमण्यम भारती के जन्मदिन को भारतीय भाषा उत्सव के रूप में मनाया जाना भाषाओं को न केवल समृद्ध करेगा बल्कि अंतर्संबंधों को प्रगाढ़ भी करेगा। पड़ोसी भाषाओं के प्रति प्रेम एवं आनंद की अनुभूति से भाषाई सौहार्द एवं समन्वय का मधुर संबंध स्थापित होगा। ऐसे उत्सवों के द्वारा अपनी मातृभाषा एवं बोली के साथ-साथ हम अन्य भाषाओं को सीखने-समझने एवं साहित्य के अध्ययन के लिए प्रेरित होंगे। भाषा के नाम पर हो रहे अलगाव की राजनीति का विराम होगा और राष्ट्रीय एकता एवं अखंडता की भावना मजबूत होगी। भारतीय भाषा उत्सव अन्य भाषाओं के सीखने के लिए न केवल अनुकूल एवं रुचि पूर्ण वातावरण तैयार करेगा बल्कि सामाजिक सद्भाव का संवाहक भी सिद्ध होगा। अन्य भाषाओं का सीखना उस क्षेत्र की कला, संस्कृति, साहित्य, रहन-सहन, खानपान एवं सामाजिक व्यवहार के अध्ययन में सहायक होता है।

शिक्षक महेंद्र गुप्ता ने कहा कि संविधान की आठवीं अनुसूची में 14 भाषाओं को स्थान दिया गया था जो वर्तमान में 22 हो गई हैं। राकेश द्विवेदी, ज्योति उपाध्याय, एवं उर्मिला कुशवाहा ने भी बच्चों को संबोधित किया।

कार्यक्रम का संचालन करते हुए नीलम कुशवाहा ने भारतीय भाषा उत्सव को एक आवश्यक कदम बताते हुए अन्य भाषाओं को सीखने के लिए बच्चों को प्रेरित किया मोहित, श्रियांश, रामदत्त, प्रियांशु, प्रिंसी, गोपी, शिवाकांत आदि बच्चों ने भी प्रस्तुति दी।

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Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

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