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November 22, 2024 7:00 pm

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पिछले 75 वर्षों में यहां सिर्फ 14 मामले थाने में दर्ज हुए, पढ़िए अपराध विहीन इस गांव की कहानी

12 पाठकों ने अब तक पढा

सर्वेश द्विवेदी की रिपोर्ट 

कुशीनगर: देश के किसी कोने में अपराध नहीं होता, अगर ये बात कही जाए तो भरोसा नहीं होगा। हालांकि यूपी के कुशीनगर के पांच गांव ऐसे हैं, जहां पिछले 75 साल में केवल 14 केस थाने में दर्ज हुए हैं। यहां पिछले कई दशकों से लोग आपसी भाइचारे की मिसाल पेश करते आ रहे हैं। कुशीनगर के नेबुआ नौरंगिया थाना क्षेत्र का हाजिरी पट्टी गांव में जात-पात के भेदभाव से दूर है। यही वजह है कि इस गांव में अपराध नहीं होता है। यहां 75 वर्ष में मात्र 1985 में एक मारपीट की घटना हुई है। इसकी गवाही थाने का रेकार्ड भी दे रहा है, जिसमें हाजिरी पट्टी का मात्र एक मुकदमा दर्ज है। हाजिरी पट्टी गांव में करीब पांच सौ लोग रहते हैं।

हाजिरी पट्टी गांव में दलित, गुप्ता जाति के लोग शामिल हैं। दलित की संख्या सबसे ज्यादा है, जिसमें अधिकांश लोग पढ़े लिखे हैं। खेती किसानी में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते है। नौगांवा गांव की आबादी मात्र 700 की है। 1979 में चोरी, 2013 में एनसीआर में केस दर्ज हुआ है। विजयी छपरा गांव की आबादी 600 है। यहां साल 2000 में मारपीट, साल 2014 में मारपीट, 2016 में धोखाधड़ी, साल 2017 मे मारपीट और दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज हुआ था। सिसवा गांव में साल 2008 में मारपीट, साल 2011 में आपादा, साल 2020 में मारपीट के का केस दर्ज हुआ था। बसौली गांव की आबादी 400 का है। यहां साल 1980 में चोरी, 1994 में मारपीट, 2016 में मारपीट और 2021 में अपहरण का अपराध दर्ज हुआ।

थाने नहीं जाते लोग, खुद ही सुलझाते हैं मामले

सिसवा गांव के ललन गुप्ता बताते हैं कि यहां सभी लोग मिलजुलकर रहते हैं। जात-पात का कोई भेदभाव नहीं है। हमारे गांव में कभी कोई कोई झगड़ा नहीं हुआ। बहुत कम कोई व्यक्ति शिकायत लेकर थाने पहुंचता है। अगर कोई विवाद हुआ भी तो गांव के ही संभ्रात लोगों ने दोनों पक्षों को समझाबुझाकर सुलझा दिया। जमीन का बंटवारा भी गांव के लोग ही करा देते हैं। लेखपाल सिर्फ राजस्व अभिलेखों में नाम दर्ज करने का काम करते हैं। हाजिरी पट्टी निवासी राम अवध प्रसाद का कहना है कि हमारे गांव के लोग विवाद में कम और खेती बारी में ज्यादा ध्यान देते हैं, इसलिए गांव में पुलिस केस की नौबत नहीं आती। नौगांवा गांव निवासी संजय ओझा ने बताया कि हमारे गांव में विवाद ना मात्रा हुए हैं। अधिकांश मामले गांव में ही बैठकर हल कर लिए गए।

दूसरों के लिए मिसाल हैं गांव के लोग : थाना प्रभारी

नेबुआ नौरंगिया थाने के प्रभारी निरीक्षक अतुल कुमार श्रीवास्तव ने बताया की यह बहुत अच्छी बात है कि थाना क्षेत्र में पांच ऐसे भी गांव है, जिसमें 75 वर्ष के अंदर मात्र 14 अपराध दर्ज हैं। इन गांवों के लोग दूसरों के लिए भी मिसाल हैं। ऐसे लोगों की वजह से साप्रदायिक सौहार्द को बढ़ावा मिलता है और शाति व्यवस्था भी बनी रहती है।

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Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

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